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विष्‍णु के नरसिंह अवतार को समर्पित है गोवा का श्री लक्ष्‍मी नरसिंह मंदिर

विष्‍णु भगवान ने हिरण्‍याकश्‍यप के वध के लिए नरसिंह अवतार लिया था इसी रूप को समर्पित है गोवा में बना श्री लक्ष्मी नरसिंह मंदिर।

By Molly SethEdited By: Published: Wed, 27 Dec 2017 04:53 PM (IST)Updated: Thu, 28 Dec 2017 10:47 AM (IST)
विष्‍णु के नरसिंह अवतार को समर्पित है गोवा का श्री लक्ष्‍मी नरसिंह मंदिर
विष्‍णु के नरसिंह अवतार को समर्पित है गोवा का श्री लक्ष्‍मी नरसिंह मंदिर

 भगवान विष्‍णु के चौथे अवतार का मंदिर

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श्री लक्ष्मी नरसिंह मंदिर, उत्तरी गोवा के पोंडा ताल्‍लुके में वेलिंग गांव में बना है। मरडोल से करीब 3 किमी की दूरी पर स्थित यह मंदिर देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु के चतुर्थ अवतार, ‘श्री नरसिंह’ को समर्पित है। भगवान ने इस अवतार में अपने परम भक्‍त प्रहलाद के पिता हिरण्‍याकश्‍यप का वध करके उसकी रक्षा की थी। इस मंदिर में देवी लक्ष्‍मी भगवान नरसिंह की गोद में बैठी हैं।

एक स्‍थान से स्‍थानंतरित करके यहां लाया गया मंदिर

यह मंदिर मूलतः साल्सेट के सांकले गांव में स्थित था जहां से 1567 में यहां स्थानांतरित किया गया था। वर्तमान मंदिर में 18 वीं शताब्दी में निर्मित लकड़ी और पत्थर का एक नक्काशीदार देवालय है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु और उनकी पत्‍नी देवी लक्ष्मी की प्रतिमायें स्‍थापित हैं। इस मंदिर की छत अभी भी सोने की तरह चमकती है। मंदिर के मुख्य हॉल की दीवारें और छत चित्रों और नक्काशियों से सजी हुई है जिनमें श्री नरसिंह पुराण की कथाओं और भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों का वर्णन किया गया है। मंदिर के आंगन में एक पारम्परिक जलाशय है जिसमें पानी तक पहुंचाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई हैं। नारियल के हरे-भरे वृक्षों से घिरा यह ताल झरने के ताजा जल से भरा है और इसे मुख्यतः धार्मिक संस्कारों के पहले स्नान लिए प्रयोग किया जाता है।


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