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जानें जगन्‍नाथपुरी के 8 रहस्‍य : यहां हवा के विपरीत दिशा में लहराता है झंडा

भारत के चार धामों में से एक है जगन्नाथ पुरी। कहते हैं यहां बाकी के तीनों धाम जाने के बाद अंत में आना चाहिए। जगन्‍नाथ पुरी जितना खूबसूरत है उतना ही रहस्‍यमयी भी। आइए जानें मंदिर से जुड़े कुछ राज..

By abhishek.tiwariEdited By: Published: Fri, 05 May 2017 02:02 PM (IST)Updated: Fri, 05 May 2017 02:02 PM (IST)
जानें जगन्‍नाथपुरी के 8 रहस्‍य : यहां हवा के विपरीत दिशा में लहराता है झंडा
जानें जगन्‍नाथपुरी के 8 रहस्‍य : यहां हवा के विपरीत दिशा में लहराता है झंडा

विज्ञान के सारे नियम हैं फेल

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इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियां मिट्टी से नहीं बल्कि चन्दन की लकड़ी से बनी हुई हैं। इसके साथ ही हर 12 सालों बाद इन्हें बदल दिया जाता है। समुद्र के किनारे बना यह मंदिर अपने अंदर कई राज समेटे हुए है। लेकिन लोगों का मानना है कि इस मंदिर में आकर विज्ञान के सारे नियम फेल हो जाते हैं। 

1. शिखर पर लगा झंडा :

आमतौर पर मंदिरों के शिखर पर लगा झंडा उसी तरफ उड़ता है जिस दिशा में हवा चलती है। लेकिन जगन्‍नाथ मंदिर में यह नियम लागू नहीं होता। इस मंदिर के शिखर पर लहराता झंडा हमेशा हवा के विपरीत दिशा में रहता है। और ऐसा क्‍यों है यह कोई नहीं जान सका।

2. हवा का रुख है उल्‍टा :

समुद्र तट पर दिन में हवा जमीन की तरफ आती है और शाम के समय इसके विपरीत, लेकिन पुरी में हवा दिन में समुद्र की ओर और रात को मंदिर की ओर बहती है।

3. चक्र हमेशा दिखता है सीधा :

मंदिर के ऊपर एक सुदर्शन चक्र लगा है। जिसे आप किसी भी दिशा में खड़े होकर देखेंगे वह हमेशा सामने ही नजर आता है। 

4. खाना पकाने की प्रक्रिया करती है हैरान :

मंदिर में प्रसाद बनाने के लिए सात बर्तन एक दूसरे पर रखा जाते हैं। और प्रसाद लकड़ी जलाकर पकाया जाता है। इस प्रक्रिया में लेकिन सबसे ऊपर के बर्तन का प्रसाद पहले पकता है।

5. मंदिर के ऊपर नहीं उड़ता कोई पक्षी :

हमने ज्यादातर मंदिरों के शिखर पर पक्षी बैठे और उड़ते देखे हैं। जगन्नाथ मंदिर की यह बात आपको चौंका देगी कि इसके ऊपर से कोई पक्षी नहीं गुजरता।

6. नहीं सुनाई देती है लहरों की आवाज :

सिंहद्वार में प्रवेश करने पर आप सागर की लहरों की आवाज को नहीं सुन सकते। लेकिन कदम भर बाहर आते ही लहरों का संगीत कानों में पड़ने लगता है।

7. कभी कम नहीं पड़ता भोजन :

मंदिर में कुछ हजार लोगों से लेकर 20 लाख लोग भोजन करते हैं। फिर भी अन्न की कमी नहीं पड़ती है। हर समय पूरे वर्ष के लिए भंडार भरपूर रहता है।

8. नहीं दिखती गुंबद क छाया :

मुख्य गुंबद की छाया किसी भी समय जमीन पर नहीं पड़ती।


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