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मैरिज प्रपोजल

लड़कियों की दुनिया बहुत बदल गई है, लेकिन पुरुषों की मानसिकता उस अनुपात में नहीं बदल पा रही है। संबंधों को लेकर भी स्त्रियों का दृष्टिकोण अब पहले जैसा नहीं रहा। आधुनिक व आत्मनिर्भर इस स्त्री के आगे कहां खड़ा है भारतीय पुरुष, इसी सवाल की पड़ताल करती है यह कहानी।

By Edited By: Published: Mon, 03 Jun 2013 11:20 AM (IST)Updated: Mon, 03 Jun 2013 11:20 AM (IST)

मां ने कई फोटोग्राफ्स सामने रख दी थीं। मैं खूबसूरत लेकिन बुद्धिमान लडकी चाहता हूं, लेकिन यह पता करना मुश्किल है कि वह विटी है या नहीं।

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एकाएक दिमाग में तान्या  का नाम क्लिक  किया। मेरी कॉलेज के दिनों की दोस्त है। उसे हम विटी कहते थे। बुद्धिमान थी, मगर सांवली होने के कारण शायद किसी के दिल को नहीं भाई। कैंपस सिलेक्शन में उसे जॉब मिल गई थी। फेसबुक पर उससे कनेक्शन है। उसी से पूछता हूं- विटी, आर यू ऑनलाइन?

या! सर्चिग फॉर ए गुड हॉली डे  पैकेज..

यानी अच्छे मूड में हो..

हां बिलकुल, कोई प्रॉब्लम सॉल्व करनी है?

क्या बात है! इतनी जल्दी समझ गई यार..,

लडकी का चक्कर है क्या?

यही समझ लो, मां ने अल्टीमेटम दिया है शादी करने का..

तो मान लो उनकी बात..

वो तो ठीक है पर इतनी सारी फोटोग्राफ्स में पता कैसे लगाऊं कि लडकी है कैसी?

कैसी लडकी चाहिए?

दिमागदार होनी चाहिए..

यानी विटी जैसी?

हां, लेकिन फोटोज  से कैसे पता लगाऊं?

अच्छा अगर लडकी बुद्धिमान हो, मगर सुंदर न हो तो चलेगा? वैसे मुझे जवाब मालूम है, फिर भी तुमसे सुनना चाहती हूं।

यार, ये कैसा सवाल है? तुम तो मेरी प्रॉब्लम  बढा रही हो..

चलो छोडो.., चार-पांच फोटो छांट लो, फिर पता लगाने की कोशिश करते हैं।

ठीक है..।

तान्या  से बात हुई तो मन थोडा हलका हुआ, मगर दिमाग उधेडबुन में फंस गया। आखिर  मैं लडकियों से पूछूं क्या? उनकी आने वाली जिंदगी  की प्लानिंग के बारे में पूछ सकता हूं, कुछ क्लू  तो मिलेगा।

पहला फोटो है तन्वी का, जो बैंगलोर में ही है। उसका ऑफिस तो दूर भी नहीं है। मैं फोन घुमा देता हूं, हाय! इज  दिस  तन्वी?

यस!

तन्वी, राहुल दिस  साइड, मुझे आपकी ओर से मैरिज प्रपोजल मिला है.., आई एम इन इन्फोसिस। आपसे मिलना चाहता हूं.. 

ठीक है..

टाइम क्या ठीक रहेगा?

इसी संडे  इवनिंग! 

ओके, शाम छह बजे मैं आपके ऑफिस की लॉबी में आ जाऊंगा..

यह फोटो से थोडी अलग दिख रही थी। फोटो ट्रडिशनल ड्रेस में थी, अभी वह जींस-टॉप में कंफर्टेबल और स्मार्ट दिख रही थी। शायद सीधी ऑफिस से आ रही थी।

हाय तन्वी! हाउ आर यू? चलो अब बैठ कर आराम से बात करेंगे।

राहुल, यह हमारी पहली मीटिंग है। क्या हम ख्ाुलकर हर बात कर सकते हैं?

क्यों नहीं?

तो पहले तुम यह बताओ कि अपनी पार्टनर से तुम्हारी क्या अपेक्षाएं हैं?

तन्वी, तुम पढी-लिखी समझदार लडकी हो। जाहिर है कि सामने वाले को आसानी से परख सकती हो। सोचो हम दोनों की जॉब अच्छी है, शक्ल-सूरत से भी हम परफेक्ट  मैच हो सकते हैं और क्या चाहिए? तुम बताओ कि तुम्हें जिंदगी  से क्या चाहिए?

..जिंदगी में तो हम जो कोशिश करेंगे वही मिलेगा। लेकिन मैं महत्वाकांक्षी लडकी हूं। यहां तक पहुंचने और एक लग्जूरियस  लाइफ जीने के लिए मैंने बहुत मेहनत की है।

लग्जरी यानी गाडी, फ्लैट, छुट्टियां..?

यह सब तो है, मगर मुझे कुछ अलग चाहिए

क्या मतलब है तुम्हारा?

यही कि अपनी सॉफ्टवेयर कंपनी बनाएं..

वादा तो नहीं, हां, कोशिश कर सकता हूं

राहुल, तुम्हें बुरा लगेगा, लेकिन कोशिश के लिए मेरे पास वक्त नहीं है। इसलिए मैं यही चाहूंगी कि पूरी तरह सफल न सही, लेकिन इस राह पर पिछले तीन-चार साल से चल रहे किसी इंसान को खोजूं।

इस बातचीत के बाद तो कहने को कुछ बचा ही नहीं। तन्वी, फिर कभी बात होती है।

इस मुलाकात के बाद मुझे लगा कि तन्वी जैसी लडकियां खुद की काबिलीयत नहीं, बल्कि पति के कंधों पर चढ कर राज करना चाहती हैं। मैंने तान्या से इसका जिक्र  किया, मगर वह मुझसे सहमत नहीं दिखी। बोली-

देखो राहुल, हमारे समाज में लडकी अगर भावी पति के रूप में एक कंधा खोज रही हो तो इसमें गलत  क्या है?

ऊपर उठने के लिए दूसरे का कंधा क्यों?

पति दूसरा कैसे है?

मगर वह जरूरत  से ज्यादा डिमांडिंग नहीं? क्यों? तन्वी खुद एक मुकाम पर है, मेहनत का मतलब समझती है। अगर तुम्हें एक ऐसी लडकी मिलती जो खुद  कुछ न कर रही होती, मगर बडे बिजनेसमैन  की बेटी होती, अपने मां-बाप के कहने से तुमसे शादी करती तो क्या वह यह नहीं चाहती? फर्क सिर्फ इतना होता कि उसे मालूम ही नहीं होता कि वह चाहती क्या है? तन्वी विटी  है, उसे पता है कि वह खुद से क्या चाहती है.. पर क्या यह सिचुएशन  खतरनाक  नहीं है? यदि मैं उसकी अपेक्षा पर खरा न उतरा तो?

तुम फिर भूल रहे हो कि तन्वी विटी  है। वह कोई चांस नहीं लेगी। वह पहले ही सफल व्यक्ति से शादी करेगी। सच कहूं तो वह तुम्हें रिजेक्ट कर चुकी है और वह जिससे भी शादी करेगी, उसके लिए हमेशा नए चैलेंज पैदा करेगी और उसे जीवन में आगे ही बढाएगी।

तान्या  की बात से सच कहूं तो अंदर से कांप उठा हूं। विटी  लडकियां तो बहुत खतरनाक  किस्म की होती हैं। मैं समझ गया था कि मेरे लिए पत्नी का मतलब है ऐसी लडकी, जो मुझे वैसे ही स्वीकारे जैसा मैं हूं। खैर,  दूसरी फोटो ट्राई करता हूं। रजनी, यह भोपाल में रहती है और एक इंटर कालेज में पढाती है।

हैलो! मुझे रजनी जी से बात करनी है..

आप कौन?

मैं राहुल बोल रहा हूं। रजनी जी का मैरिज प्रपोजल मेरे पास आया है..

जी, मैं रजनी बोल रही हूं, पर आपको पापा से बात करनी होगी, मैं उन्हें बुलाती हूं।

जब तक रजनी पापा को बुलाती, मैंने फोन काट दिया। यह लडकी तो बिना पापा से पूछे कोई कदम नहीं बढा सकती। फिर सोचने लगा कि यह भी तो हो सकता है कि उसके पापा पुराने

खयालात  के हों। चलो, देखते हैं। शादी के बाद तो रजनी को मेरे ही साथ रहना होगा और सोचा जाए तो यह एक तरह से अच्छी बात ही है कि बिना कंसल्ट  किए यह कोई कदम नहीं बढाएगी। अचानक मेरा मोबाइल बज उठा।

हैलो..जी मैं राहुल बोल रहा हूं..

हां बोलिए, मैं रजनी का पिता बोल रहा हूं। अंकल, फोन इसलिए किया कि प्रपोजल  मुझे ठीक लगा है, पर मैं सोचता हूं कि रजनी से बात करना ठीक रहेगा..

बेटा इसके लिए तो तुम्हें भोपाल आना होगा, क्योंकि रजनी अकेले ट्रेवल नहीं कर सकती अंकल बात तो ई-मेल से भी हो जाएगी। हां, यह ठीक रहेगा..।

ई-मेल करने से पहले कई संशय मन को घेर रहे थे। जो लडकी अकेले यात्रा नहीं कर सकती, वह विटी तो नहीं होगी। शायद उसने परिवार से इतर कुछ सोचा ही न होगा। उसका अपना दिमाग  तो होगा ही नहीं। वैसे यह अच्छी पॉलिसी है। इसका माता-पिता से कभी विवाद नहीं हुआ होगा।

मैं इस निष्कर्ष पर पहुंच गया कि लडकी पढी-लिखी है, पर विटी नहीं है। मेरे हर निर्णय पर इसकी सहमति होगी, लेकिन शायद मुझे कभी किसी बात पर सलाह न दे पाएगी, क्योंकि इसका अपना व्यक्तित्व बना ही नहीं है। मेरा मन हलका हो गया और फिर मैंने रजनी को ई-मेल भी नहीं किया।

अब मैंने बी-क्लास लडकियों के बायोडेटा टेबल से हटा दिए। एक फोटो पर नजर  टिकी। नाम है-पारुल। गुडगांव की किसी कंसल्टेंट  कंपनी में है। उसे ई-मेल करता हूं।

हाय पारुल!  मुझे आपका बायोडाटा मेरी मां ने दिया है। मैं आपसे बात करना चाहता हूं। हाय! मेल के लिए थैंक्स, देखिए, मैरिज के लिए और खासतौर पर इंडियन मेल्स  के लिए मेरे बडे फिक्स विचार हैं। कोई भी डिसीजन  मैं तुमसे मिले बिना नहीं कर सकती! मैं अगले हफ्ते बैंगलोर आ रही हूं। मैं अपनी स्टे डिटेल्स और टाइमिंग्स  मेल कर रही हूं, बाकी वहीं फिक्स कर लेंगे।

पारुल हूबहू वैसी थी, जैसी फोटो में थी, स्मार्ट, आत्मविश्वास से भरी, सुंदर..। हम एक रेस्टरां में आए। बात मैंने शुरू की।

क्या लेंगी आप?

सूप, फिर डिसाइड  करेंगे कि क्या लेना है।

ओके, आप बैंगलोर पहली बार आई हैं?

राहुल, मैं अपने विचारों को लेकर सीरियस  हूं। फिलहाल आज के दिन तक मैं तीन लडकों के साथ डेट कर रही हूं। वे यूं तो अलग-अलग पृष्ठभूमि के हैं, लेकिन एक पॉइंट  पर आकर वे एक जैसे हो जाते हैं।

किस पॉइंट पर? हिम्मत जुटा कर मैंने कहा। मैं तीन डेट की बात से ही सिहर चुका था।

वह भी बताऊंगी। तुम बताओ कि तुम्हें कैसी लडकी चाहिए?

इंडिपेंडेंट, राय मांगूं तो मुझे सही राय मिले।

इतनी इंडिपेंडेंट  तो मैं हूं। खैर  तुम बताओ, बैंगलोर में कितने सालों से हो तुम?

यही कोई चार साल..

कभी रीअल  इस्टेट में इन्वेस्ट किया है?

हां...क्यों?

ईएमआई कितनी है?

लगभग चालीस हजार.. 

क्या बी-टाउन में इन्वेस्ट के बारे में सोचा? मेरा मतलब जैसे लखनऊ या आगरा?

नहीं..

क्यों? इसमें ईएमआई  कम होती..

मेरा मानना है कि रीअल इस्टेट में सबसे बडा फैक्टर सिक्योरिटी है। बैंगलोर में मैंने इन्वेस्ट  किया है तो मैं कभी भी चेक कर सकता हूं।

राहुल, इस बारे में तुम्हारी रिसर्च ठीक नहीं है। मैंने लखनऊ में पैसा लगाया है। मान लो हमारी शादी हो जाए और मैं इन्वेस्ट  करना चाहूं तो तुम मुझे क्या सलाह दोगे? 

यह डिपेंड  करेगा कि तुम कहां इन्वेस्ट  करना चाहती हो..

बिलकुल सही। मान लो मैं भोपाल में पैसा लगाना चाहूं। बिल्डर  नया हो, लेकिन उसकी मार्केट साख अच्छी हो, मुझे रिटर्न भी अच्छा मिल रहा हो और प्रोजेक्ट भी डेढ-दो साल में पूरा होने वाला हो तो..

मैं ऐसे इन्वेस्टमेंट के लिए ना कहूंगा।

क्यों?

क्योंकि यह छोटा बिल्डर है, संयोग से इसके दो प्रोजेक्ट ठीक-ठाक रहे होंगे, लेकिन उसकी आर्थिक क्षमता अच्छी नहीं हो सकती।

अगर मैं फिर भी कहूं कि यह ठीक है.. तो मैं कहूंगा कि शादी के बाद हम दोनों की राय मिले, तभी कोई निर्णय लेना चाहिए।

मैं कहूंगी कि मेरा निर्णय सही है और मैं कॉन्फिडेंट  हूं तो..?

मैं तुम्हें रोकने की कोशिश करूंगा..

यह तो गलत होगा। राहुल मैं सोचती हूं कि 21वीं सदी में भी तुम सोचते हो कि निर्णय लेने से पहले मैं तुम्हें तैयार करने में समय व्यर्थ करूं।

मुझे डर है कि ऐसी स्थिति में मेरे लिए शादी एक घुटन भरी जिंदगी ही साबित होगी, बल्कि हम दोनों के लिए ही..

अब मैं चौंक उठा। मुझे लगा कि शायद मैं अपनी बात को समझा नहीं पा रहा हूं। देखो पारुल, अगर तुम्हें लगता है मैं तुम पर हावी होने की कोशिश करूंगा तो यह गलत  है..

नहीं, मैं तुम्हें करेक्ट  करना चाहूंगी। तुम यह नहीं सोच रहे हो। लेकिन जो निर्णय मैं लेना चाहती हूं, उस पर तुम्हें कॉन्फिडेंस नहीं है और तुम कोई चांस भी नहीं लेना चाहते। अगर मेरा निर्णय ठीक निकलेगा तो हम दोनों को अपने इन्वेस्टमेंट पर अच्छा रिटर्न मिल सकता है।

तुम्हारी बात सही है पारुल,  लेकिन यह भी संभव है कि हमारा इन्वेस्टमेंट सेफ न हो?

आशंकाएं तो कई हो सकती हैं। रिस्क फैक्टर हमेशा रहेगा। बडे बिल्डर्स का प्रोजेक्ट भी लंबा खिंच सकता है, वह एक प्रोजेक्ट का पैसा दूसरे पर डाइवर्ट  कर सकता है। देखो राहुल मैं कंसल्टिंग  जॉब में हूं और तुम सॉफ्टवेयर में। मुझे लगता है कि इन मामलों में मेरा एक्सपोजर  तुमसे ज्यादा  है और तुम्हें मेरी सलाह माननी चाहिए। पारुल,  फिर भी मैं यह कहना चाहता हूं कि कंसल्टेंट  का जॉब और रीअल  लाइफ दोनों अलग-अलग चीजें  हैं।

राहुल, जानते हो तुम्हारी समस्या क्या है? अभी तक तुम ऐसी लडकी से मिले ही नहीं जो इन्वेस्टमेंट जैसे सो-कॉल्ड मेंस  व‌र्ल्ड  में दखल रखती हो, इसलिए तुम मुझ पर भरोसा नहीं कर पा रहे हो। न सही, मगर मैं तुम्हें कॉन्फिडेंस  देना चाहती हूं। अगर मैं पहली बार ही तुम्हें वह भरोसा न दिला सकी तो तुम हमेशा अपने निर्णय मुझ पर थोपोगे।

मगर पारुल,  मुझे तो लग रहा है कि तुम मुझे डॉमिनेट  करने की कोशिश कर रही हो।

यही तो मैं सोच रही हूं कि तुम मुझ पर हावी होने की कोशिश कर रहे हो। अच्छा चलो एक काम करते हैं। तुम अपनी तरह इन्वेस्ट करो और मैं अपनी तरह। एक-दो साल बाद रिजल्ट बताएंगे कि कौन सही है।

मतलब?

यही कि दो-तीन साल शादी के लिए इंतजार  किया जा सकता है।

शादी का इन बातों से क्या मतलब है?

मतलब है मिस्टर राहुल। मैंने मेहनत करके आर्थिक आजादी  पाई है। तुम चाहते हो कि शादी के नाम पर मैं तुम पर आर्थिक निर्णयों के लिए निर्भर हो जाऊं।

मैं पारुल  से कह तो नहीं पाया मगर यह बात पक्की थी कि मुझे इतनी आजाद  लडकी नहीं चाहिए। मैंने पारुल  का ध्यान रेस्टरां  के मेन्यू कार्ड की ओर खींचा।

वह जैसे इसके लिए तैयार बैठी थी, राहुल, जाने दो इन बातों को। इतनी खूबसूरत जगह है और खाना भी बेहतरीन है तो शादी को लेकर इतनी बातें क्यों करें। तुम्हें बताऊं कि पिछली तीनों डेट्स मैंने इसीलिए रिजेक्ट की हैं कि वे भी शादी के नाम पर मेरी आजादी पर डाका डाल रहे थे और मैं इतनी मूर्ख नहीं हूं कि उनकी बातों में आ जाऊं।

वारालिका दुबे


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