क्या युवा पीढ़ी आज़ादी के सही मायने समझती है?
युवाओं के स्वच्छंद व्यवहार को देखकर अकसर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या युवा पीढ़ी आज़ादी के सही मायने समझती है, वह दूसरों की आज़ादी का सम्मान करती है?
By Edited By: Published: Wed, 17 Aug 2016 12:09 PM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2016 12:09 PM (IST)
जरूरत सही मार्गदर्शन की मेरे विचार से जमाने के हर दौर में युवाओं की समझदारी को लेकर अकसर ऐसे सवाल उठाए जाते रहे हैं। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि हमारे समाज के युवा वर्ग में दोनों तरह के लोग मौजूद हैं। कुछ ऐसे, जो आजादी के सही मायने को समझते हुए अपने व्यक्तित्व के सकारात्मक विकास के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ वैसे लोग भी होते हैं, जो आजादी का दुरुपयोग करते हैं। मुझे ऐसा लगता है कि देश और समाज के विकास के लिए युवाओं का आजाद होना बहुत जरूरी है। आज युवा पीढी को आजादी मिली है। इसी वजह से आज की स्त्री, पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर कामयाबी की राह पर तेजी से आगे बढ रही हैं। देश के ज्य़ादातर युवा आजादी का सही इस्तेमाल करते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि आज के युवाओं में सच बोलने का अदम्य साहस है। जोयिता रॉय, मैसूर समझती है आजादी की सीमाएं माओं को अच्छी तरह समझती है। आज के युवा देश और समाज के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। हां, कुछ लोग ऐसे जरूर हैं, जो आजादी और मनमानी के फर्क को समझ नहीं पाते। ऐसे लोग अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए अनुशासनहीन और हिंसक व्यवहार के रास्ते पर चलते हैं लेकिन केवल कुछ लोगों के ऐसे रवैये की वजह से पूरी युवा पीढी को गलत ठहराना अनुचित है। श्रुति गुप्ता, दिल्ली
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