सेफ दीवाली
बच्चों को दीवाली का इंतज़ार नए कपड़ों, लाइटिंग और पकवानों से ज्य़ादा आतिशबाज़्ाी के लिए रहता है। पूरा परिवार जब दीवाली की तैयारियों में व्यस्त होता है, तब वे पटाखों का बजट पास करवा रहे होते हैं। बच्चों के लिए त्योहार की रौनक पटाखों से ही होती है। मगर पटाखे जलाते
बच्चों को दीवाली का इंतजार नए कपडों, लाइटिंग और पकवानों से ज्य़ादा आतिशबाज्ाी के लिए रहता है। पूरा परिवार जब दीवाली की तैयारियों में व्यस्त होता है, तब वे पटाखों का बजट पास करवा रहे होते हैं।
बच्चों के लिए त्योहार की रौनक पटाखों से ही होती है। मगर पटाखे जलाते वक्त सावधानी न बरती जाए तो दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। ऐसे में उनके साथ ही घर के बडों का भी फजर् बनता है कि त्योहार की ख्ाुशी को अपनी सूझ-बूझ से बनाए रखें। पटाखे ख्ारीदते व चलाते समय कुछ बातों का ख्ायाल रखें तो आपकी दीवाली सुरक्षित हो सकती है।
-पटाखे उन्हीं दुकानों से ख्ारीदें जिन्हें इनकी बिक्री का लाइसेंस मिला हो।
-पटाखों का बजट जरूर बनाएं। बच्चों को इनके दुष्प्रभावों से अवगत भी करवाएं, ताकि वे ज्य़ादा जिद न करें।
-कम प्रदूषण वाले व ऐसे पटाखे ख्ारीदें जिनसे बच्चे को नुकसान न पहुंचे।
-पटाखे बंद डिब्बों में ही रखें। उन्हें ऐसी जगह स्टोर करें, जहां आग का ख्ातरा न हो।
-पटाखे चलाते वक्त कॉटन के कपडे पहनें। ज्य़ादा ढीले कपडे पहनने से बचें।
-रोड पर आतिशबाज्ाी करने के बजाय मैदानों में करें। इससे आने-जाने वालों को परेशानी नहीं होगी।
-पास में पानी और कंबल जरूर रखें।
-जल चुके पटाखों को यूं ही फेंक देने के बजाय कहीं किनारे फेंकें या पानी से भरी बाल्टी में डालें।
-एरियल फायरवक्र्स जलाते समय ध्यान रखें कि आसपास कोई खुली खिडकी या दरवाज्ाा न हो। पेड ओर तारों वाली जगह से भी दूर रहें।
-किसी भी भीड वाली जगह में पटाखे न जलाएं। छोटे बच्चों को दूर से ही देखने दें।
-एक बार में एक ही पटाखा जलाएं। एक साथ कई पटाखे रखने से नुकसान की आशंका बनी रहती है।
-यह भी ध्यान रखें कि आसपास कोई कार, साइकिल आदि न हो।
-अगर कहीं टेंट लगा हो, तो उस एरिया में पटाखे जलाने से बचें। जरा सी चिंगारी से भी आग फैल सकती है।
-बच्चों को फुलझडी जैसे पटाखे ही दें। आतिशबाजी के समय उन पर नजर रखे रहें।
-पटाखों को हाथ पर रख कर न जलाएं। छोटी सी ग्ालती भी कई बार बडे नुकसान का कारण बन सकती है।
-बिना जले पटाखों के पास जलती हुई माचिस, अगरबत्ती या मोमबत्ती न रखें।
-अगर आपके बच्चे शरारती हों तो विशेष ध्यान रखें। कहीं दूसरों के साथ वे ख्ाुद को भी नुकसान न पहुंचा लें।
-पटाखा एक बार में जल न पाया हो तो बार-बार उसे चेक न करते रहें। उस पर पानी डाल कर छोड दें।
-पटाखों की आवाज से जानवर बहुत जल्दी डर जाते हैं। अगर आपके घर में पेट्स हों तो उनका ख्ायाल रखें। उन्हें सुरक्षित वातावरण का एहसास करवाएं।
-पटाखे कम से कम लें। बच्चों को पटाखों से पर्यावरण को होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में अवश्य बताएं। साथ ही ईको-फ्रेंड्ली दीवाली का महत्व भी समझाएं।
दीपाली पोरवाल