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परखें अपनी प्रतिभा

एक टीम का सदस्य होते हुए आपका सबसे पहला कर्तव्य यही होता है कि आप टीम के हित के बारे में सोचें। पर, इसका यह मतलब बिलकुल भी नहीं है कि उन सबके बीच में आप अपने विकास को नज़रअंदाज़ कर दें। टीम में अपनी भूमिका भी सुनिश्चित करनी चाहिए।

By Edited By: Published: Tue, 01 Mar 2016 03:13 PM (IST)Updated: Tue, 01 Mar 2016 03:13 PM (IST)
परखें अपनी प्रतिभा

एक टीम का सदस्य होते हुए आपका सबसे पहला कर्तव्य यही होता है कि आप टीम के हित के बारे में सोचें। पर, इसका यह मतलब बिलकुल भी नहीं है कि उन सबके बीच में आप अपने विकास को नजरअंदाज कर दें। टीम में अपनी भूमिका भी सुनिश्चित करनी चाहिए।

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हम अकसर अपने करियर को लेकर चिंतित रहते हैं। सोचते रहते हैं कि हमें जिन ऊंचाइयों तक एक निश्चित समय में पहुंचना चाहिए था, वहां तक नहीं पहुंच पाए या अपने अन्य कलीग्स के मुकाबले कम तरक्की कर सके। हमसे जूनियर भी आगे बढ गए और हम वहीं रह गए....। दरअसल ऐसी समस्या तब आती है, जब हम अपने व्यक्तिगत विकास को अनदेखा करने लगते हैं। जो काम दे दिया जाए, बस वही कर लेने मात्र से हमारा विकास सही ढंग से कभी नहीं हो सकता। हमें आगे बढ कर ज्िाम्मेदारी उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए।

अगर आपके साथ ऐसा है कि बॉस या टीम लीडर बार-बार आपको टोक रहा है या गलतियां निकाल रहा है तो जरूरत है ख्ाुद को परखने और समझने की। तभी आपके व्यक्तित्व में जरूरी बदलाव आ सकेगा।

बनाएं अपना अस्तित्व भी

आपकी पहचान अपनी कंपनी से बनती है और कंपनी में आपकी पहचान अपनी टीम या डिपार्टमेंट से बनती है। इन दोनों के इतर आपकी ख्ाुद की भी एक पहचान होती है, जिसे बनाना सिर्फ आपके जिम्मे ही होता है। शुरू में असफलता मिल सकती है, पर उससे न घबराएं। सफलता का ऐसा कोई मंत्र नहीं है, जिसे एक बार जान लिया तो भविष्य में फिर कभी असफलता का मुंह नहीं देखना होगा। असफलता के साथ पीछे हटने की चुनौतियां भी बराबर आती रहेंगी। हालांकि इनका सामना करने से न केवल आपका हौसला बढेगा, बल्कि आप दिनों दिन अधिक मज्ाबूत होते चले जाएंगे।

ख्ाुद पर रखें भरोसा

ख्ाुद पर भरोसा करने वाले लोग अपने आपको हर स्थिति में बेहतर पाते हैं। उन पर झटकों का असर कम होता है। वे उनसे जल्दी उबरकर आगे बढ जाते हैं। अगर किसी काम को लेकर आप आशान्वित होंगे तो उसे बेहतर ढंग से कर पाएंगे। आप आत्मसम्मान बढाने के जितने प्रयास करेंगे, ज्िांदगी में गिरने पर चोट लगने का ख्ातरा उतना ही कम होगा। सम्मान भी तभी मिलता है जब आपमें आत्मसम्मान होगा।

जानें अपनी ताकत

अधिकतर लोग जानते हैं कि वे कहां पीछे हैं। मगर आज के कडे प्रतियोगी माहौल में अपनी कमज्ाोरियों को स्वीकार करना भी पिछडऩे जैसा संकेत देने लगता है। अपनी कमज्ाोरियों के साथ ही अपनी ताकत को पहचानना भी जरूरी होता है। कोई भी सुपरमैन या सुपरवुमन नहीं होता। ख्ाुद को स्वीकार करना ही सफलता की ओर बढऩा है।

तनाव का करें सामना

तनाव को दूर करने वाली दवाओं की ब्रिक्री देखते हुए अंदाज्ाा लगाया जा सकता है कि डिप्रेशन के मरीज्ाों की संख्या में किस तरह बढोतरी हो रही है। चिंताओं से निदान पाने के लिए दवाओं का सेवन कितना सही है या ग्ालत, यह बहस का मुद्दा हो सकता है, लेकिन इनका नियमित इस्तेमाल इसका निदान नहीं है। तनावमुक्त होने के लिए दूसरे उपायों की तलाश करें। एक्सरसाइज्ा करें, अच्छी डाइट लें, पसंदीदा किताबें पढें, दोस्तों से मिलें-जुलें। वे काम करें, जिसमें आपको ख्ाुशी मिलती हो।

काम को एंजॉय करें

अपने काम को एंजॉय करना सबसे ज्ारूरी है। आप जो काम कर रहे हैं, अगर उसमें आपका मन नहीं लगता तो आप उस काम को अच्छी तरह नहीं कर पाएंगे। इसके लिए ज्ारूरी है कि आप जो भी काम करें, उसे मन लगाकर करें। बेमन से किया गया काम कभी अच्छे नतीजे नहीं दे सकता। वही करें, जो कर सकते हैं।

परिवार का साथ

आज कई परिवारों में पति-पत्नी दोनों ही कामकाजी हैं। दोनों एक-दूसरे के साथी हैं। जीवनसाथी के कार्यस्थल में जो कुछ भी अच्छा-बुरा चल रहा है, उसके लिए उनके भागीदार बनें। हम सभी जहां प्रोत्साहन मिलने पर चहक उठते हैं, वहीं निराशा में मुरझा जाते हैं। अगर आपका साथी आपके कार्य में रुचि लेता है और प्रोत्साहित करता है, तब आपके पास घर में ही भरोसेमंद सहारा है।

टीम का हिस्सा बनें

अगर आप ऑफिस में एक टीम का हिस्सा हैं, टीम के सदस्यों को उनके काम मेंं मदद करते हैं तो यकीन मानिए, आपकी टीम के सदस्य भी आपकी मदद करेंगे। लगातार मिल रही सफलता का श्रेय टीम को दिया जाता है, न कि किसी व्यक्ति विशेष को। टीम ही है, जिसकी मदद से किसी कठिन टास्क को भी चुटकियों में हल किया जा सकता है।

ज्ारूरी है संतुलन

काम और मौज-मस्ती के बीच तालमेल को समझना ज्ारूरी है। आपका दिमाग्ा और शरीर संतुलन की मांग करता है। शोध कहते हैं कि कार्यस्थल पर डेस्क से उठकर कुछ चहलकदमी करना भर आपके ब्लड प्रेशर और दिल की धडकन को काबू रख सकता है। मनोरंजन के लिए भी समय निकालें।

संगीता सिंह


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