कपड़े धोने जा रहे हैं तो...
वॉशिंग मशीन चलते-चलते तेज़्ा आवाज़्ा और झटके से रुक जाती है और एरर दिखाने लगती है, नई-नई शर्ट को जींस अपने रंग में रंग देती है और कई बार सिल्क का कुर्ता सिकुड़ कर आधा रह जाता है... लॉण्ड्री में होने वाली ग़्ालतियों से कपड़ों के साथ-साथ वॉशिंग मशीन को
वॉशिंग मशीन चलते-चलते तेज्ा आवाज्ा और झटके से रुक जाती है और एरर दिखाने लगती है, नई-नई शर्ट को जींस अपने रंग में रंग देती है और कई बार सिल्क का कुर्ता सिकुड कर आधा रह जाता है... लॉण्ड्री में होने वाली ग्ालतियों से कपडों के साथ-साथ वॉशिंग मशीन को भी नुकसान पहुंचता है। ऐसा न हो, इसके लिए जानें कुछ उपयोगी जानकारियां।
वाशिंग मशीन हर घर की ज्ारूरी चीज्ा है। यह एक बडा आर्थिक निवेश भी है। ज्ारा सी चूक होने पर न सिर्फ कपडों को नुकसान होता है, बल्कि महंगी मशीन भी ख्ाराब हो जाती है। जानें क्या ग्ालतियां होती हैं लॉण्ड्री में।
ज्य़ादा कपडे
वॉशिंग मशीन में एक बार में सारे गंदे कपडे डालने की ग्ालती कपडों और मशीन की सेहत के लिए भारी हो सकती है। इससे मशीन का क्लीनिंग पार्ट ठीक से काम नहीं करेगा और उसमें ख्ाराबी आ सकती है। सही धुलाई के लिए ज्ारूरी है कि कपडे मशीन में सही ढंग से घूमें। मशीन को ओवरलोड करने से इसकी बियरिंग पर असर पडता है और मशीन ख्ाराब हो सकती है।
क्या करें : मशीन के साथ मिलने वाले मैनुअल को ध्यान से पढें। डेनिम, बडे टॉवल्स आदि लिनेन, सूती या नाइलोन के कपडों से भारी होते हैं। मशीन की क्षमता का ध्यान रखें और हेवी और लाइट वेट वाले कपडों को अलग-अलग धोएं।
ज्य़ादा डिटरजेंट
डिटरजेंट की ओवरडोज से कपडे अधिक साफ नहीं होते, बल्कि उनका रंग फीका हो सकता है। साबुन ज्य़ादा होने से मशीन और कपडों में बैक्टीरिया पनप सकते हैं। डिटरजेंट ठीक से न घुले तो वह एक जगह एकत्र हो जाता है। कई बार धुले हुए कपडों में उसके दाग्ा रह जाते हैं। इससे मशीन के सेंसिटिव कंट्रोल पैनल को नुकसान पहुंच सकता है।
क्या करें : यूज्ार्स मैनुअल पढें। कितने कपडों के लिए कितना पानी और डिटरजेंट सही रहेगा, यह माप उसमें लिखी होती है।
ज्िापर और कॉइंस
मेटल से मशीन को नुकसान पहुंचता है। फ्रंट लोडिंग मशीन के डोर्स को ज्िापर्स ख्ाराब कर देते हैं। जैसे ही मशीन घूमना शुरू करती है, ज्िापर्स मशीन की वॉल्स पर टकराते हैं और उसकी बॉडी को स्क्रैच कर देते हैं। कई बार ग्लास पैनल को भी नुकसान हो सकता है। इसी तरह जींस या ट्राउज्ार की जेब में पडे कॉइंस भी मशीन को डैमेज कर सकते हैं। कॉइंस ज्िापर्स या हुक्स से भी ज्य़ादा नुकसान पहुंचा सकते हैं।
क्या करें : ध्यान रखें कि कपडों की ज्िाप बंद हों। ऐसे कपडे सीधे मशीन की साइड्स पर न लगें। ज्िाप वाले कपडे मशीन में ऊपर की तरफ और बटन वाले मशीन के निचले हिस्से में डालें। कपडों की पॉकेट्स ज्ारूर चेक करें कि कहीं कोई कॉइन तो नहीं है।
गीले कपडे
अचानक बिजली गुल हो जाने या समय की कमी के कारण कई बार गीले कपडे मशीन में रह जाते हैं। इससे कपडों से गंध आती है, दूसरी ओर वॉशर को नुकसान हो सकता है।
क्या करें : यदि समय न हो या लाइट चली जाए तो कपडों को मशीन से बाहर निकाल कर प्लास्टिक बकेट या टब में रख दें। यह न कर सकेें तो कम से कम मशीन का डोर खोल दें, ताकि कपडों को हवा लगती रहे और उनमें बैक्टीरिया न पनपें।
ड्राईक्लीन ओनली
कई बार ऐसे कपडे भी मशीन में धोए जाते हैं और इन्हें नुकसान नहीं होता। यह मटीरियल पर निर्भर करता है। मगर लेदर/स्वेड मटीरियल या एंब्रॉयडरी वाले कपडे, जैकेट्स, सिल्क फैब्रिक्स को मशीन में न धोना ही अच्छा है।
क्या करें : ऐसे कपडों को ड्राईक्लीन ही कराएं। मशीन में धोना ज्ारूरी हो तो उसका एक हिस्सा अलग से धोकर देखें कि कहीं वह सिकुड तो नहीं रहा है या उसका रंग तो नहीं निकल रहा है।
लॉण्ड्री टिप्स
1. कपडों को ठंडे या गुनगुने पानी में धोएं।
2. कपडों को एक साथ डालने के बजाय एक-एक कर समतल करते हुए मशीन में डालें। यदि कपडे कम हैं तो मशीन की वॉटर लेवल सेटिंग ठीक रखें।
3. हेवी कपडे जैसे जींस, टॉवल्स या भारी बेडशीट्स को एक साथ धोएं और शट्र्स, कुर्ते जैसे लाइट कपडे अलग धोएं। मशीन में अंडरगार्मेंट्स न डालें, इन्हें हाथ से धोएं। यदि मशीन में धोना ज्ारूरी हो तो इन्हें किसी पुराने पिलो कवर में डाल कर मशीन में धोएं। इससे वे ख्ाराब नहीं होंगे और मशीन को नुकसान भी नहीं होगा।
4. ड्रायर का अलग से प्रयोग करते हों तो ओवर ड्राई करने से बचें। इससे कपडों में सिकुडऩ आ सकती है। यदि मशीन में मॉयस्चर सेंसर है तो इसका प्रयोग करें।
5. कपडे पर दाग्ा-धब्बे हों तो पहले उस हिस्से को गर्म पानी और डिटरजेंट में भिगो लें और उसे रगड कर छुडा लें।
इंदिरा