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प्रॉपर्टी के लिए बेहतर विकल्प

समाज का नौकरीपेशा वर्ग प्रॉपर्टी ख़्ारीदने के लिए होम लोन पर ही निर्भर रहता है। ऐसे में वह ब्याज दर से जुड़े फायदे-नुकसान को सही ढंग से समझ नहीं पाता कि उसे फिक्स्ड रेट पर लोन लेना चाहिए या फ्लोटिंग पर। ऐसी परेशानी से जूझ रहे लोगों के लिए हाइब्रिड

By Edited By: Published: Tue, 02 Feb 2016 12:36 PM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2016 12:36 PM (IST)
प्रॉपर्टी  के लिए बेहतर विकल्प

समाज का नौकरीपेशा वर्ग प्रॉपर्टी ख्ारीदने के लिए होम लोन पर ही निर्भर रहता है। ऐसे में वह ब्याज दर से जुडे फायदे-नुकसान को सही ढंग से समझ नहीं पाता कि उसे फिक्स्ड रेट पर लोन लेना चाहिए या फ्लोटिंग पर। ऐसी परेशानी से जूझ रहे लोगों के लिए हाइब्रिड लोन एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

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अपने लिए फ्लैट या मकान ख्ारीदते समय लोगों के मन में सबसे बडी चिंता का विषय यही होता है कि ब्याज दर चुकाने में कहीं उनको ज्य़ादा नुकसान तो नहीं होगा। लोगों की इसी चिंता को दूर करने के लिए आजकल कुछ बैंकों की तरफ से हाइब्रिड लोन की व्यवस्था की जाती है।

क्या है हाइब्रिड लोन

बैंक और वित्तीय कंपनियां उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए हाइब्रिड लोन की सुविधा देती हैं। यह लोन के फ्लोटिंग और फिक्स्ड रेट, दोनों का संयुक्त रूप है। इसमें आंशिक तौर पर फिक्स्ड और फ्लोटिंग दोनों की सुविधा मिलती है। हाइब्रिड लोन का चुनाव करना उस स्थिति में ज्य़ादा फायदेमंद होता है, जब यह अनुमान लगाना कठिन हो कि ब्याज दरें कब घटेंगी। रिजर्व बैंक ने हाल ही में की गई अपनी मौद्रिक समीक्षाओं में ब्याज दरों को स्थिर रखा था और आगे भी उसमें कटौती को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।

कितना फायदेमंद है यह

आजकल बैंक 10.10 प्रतिशत की फ्लोटिंग रेट पर होम लोन दे रहे हैं, जबकि फिक्स्ड रेट पर लोगों को ब्याज के रूप में 1 प्रतिशत ज्य़ादा रकम का भुगतान करना पडता है। वहीं हाइब्रिड लोन के तहत बैंक दो से पांच साल के लिए फिक्स्ड रेट की तरह कजर् देते हैं, जिसे आप बाद में फ्लोटिंग रेट में बदलवा सकते हैं। कुछ लोगों पर आर्थिक जिम्मेदारियों का बोझ इतना अधिक होता है कि उनके लिए ब्याज दरों के उतार-चढाव को झेल पाना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे लोगों के लिए हाइब्रिड लोन एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

क्या है प्रक्रिया

जब कोई व्यक्ति हाइब्रिड लोन के लिए आवेदन करता है तो बैंक सामान्यत: दो तरह के एग्रीमेंट पर सहमति लेते हैं, जिसमें एक फिक्स्ड और दूसरा फ्लोटिंग रेट का होता है। हालांकि, कुछ बैंक इसके लिए एक एग्रीमेंट लेटर का भी विकल्प देते हैं। ऐसे में हस्ताक्षर करने से पहले एग्रीमेंट लेटर को अच्छी तरह पढ लेना चाहिए। हाइब्रिड लोन की कितनी राशि पर फ्लोटिंग और कितनी पर फिक्स्ड रेट से ब्याज लगेगा, इसका विकल्प भी बैंक आपको देते हैं। कई बैंक ब्याज दरें बढ जाने की स्थिति में फ्लोटिंग रेट को फिक्स्ड में बदलने का भी विकल्प देते हैं और इसके लिए वे ग्राहकों से थोडी फीस भी वसूलते हैं। इसी तरह ब्याज दरें घट जाने की स्थिति में फिक्स्ड रेट को फ्लोटिंग रेट में बदलने का भी विकल्प मिलता है, जिसमें मुफ्त या शुल्क लेकर ऐसा करने की सुविधा बैंक देते हैं। मिसाल के तौर पर अगर किसी व्यक्ति ने 30 लाख रुपये के हाइब्रिड होम लोन का चुनाव किया है तो वह अपनी वित्तीय स्थिति के मुताबिक 60 प्रतिशत कजर् पर फ्लोटिंग और 40 प्रतिशत पर फिक्स्ड रेट के हिसाब से ब्याज चुकाने का विकल्प चुन सकता है। इसके तहत कोई ग्राहक कजर् के कितने हिस्से पर किस दर से ब्याज चुकाना चाहता है, यह उसकी इच्छा पर निर्भर करता है। ऐसे किसी भी विकल्प का चुनाव हाइब्रिड लोन लेते समय ही करना पडता है।

फिक्स्ड रेट पर नई योजना

आमतौर पर फिक्स्ड रेट पर होम लोन दो से पांच साल के लिए ही मिलता है। बाद में उसे फ्लोटिंग रेट में बदलने का विकल्प होता है, लेकिन रिज्ार्व बैंक की ओर से नीतिगत दरों को लंबे समय से स्थिर रखने और फेस्टिव सीजन में उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र के कई बैंकों ने 10 वर्षों के लिए फिक्स्ड रेट वाला होम लोन देने की पेशकश की है।

सोच-समझकर लें निर्णय

कजर् लेते समय पहली प्राथमिकता बचत होती है। आपके लिए वही कजर् बेहतर होता है, जिसमें ब्याज दरें कम हों और बैंक की ओर से कई तरह की सेवाओं के बदले लिया जाने वाला शुल्क न्यूनतम हो। हाइब्रिड या अन्य तरह के लोन का चुनाव करते समय भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए। हाइब्रिड लोन को फ्लोटिंग रेट में बदलने के लिए भी कुछ बैंक शुल्क वसूलते हैं। ऐसे में कजर् लेने के पहले इस बात की पूरी पडताल कर लें कि बैंक आपसे कितना शुल्क ले रहा है और वह आपके लिए िकफायती है या नहीं। ऐसी तमाम जानकारियां हासिल करने के बाद ही कोई निर्णय लें।

बढाएं अपना क्रेडिट स्कोर

होम लोन लेने के लिए पहले से उसकी तैयारी करना आपके लिए ज्य़ादा फायदेमंद हो सकता है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर हो तो आप बैंक से ब्याज दरों पर मोलभाव के साथ प्रोसेसिंग शुल्क आदि में छूट भी ले सकते हैं। यदि आपने होम लोन का आवेदन उसी बैंक में दिया है, जहां पहले से आपका अकाउंट है तो ऐसा करना आपके लिए ज्य़ादा सुविधाजनक हो जाता है क्योंकि बैंक अपने पुराने ग्राहक को खोना नहीं चाहते। बैंक कजर् देने के पहले उपभोक्ता का क्रेडिट स्कोर देखते हैं, जिसे 300 से 900 अंकों के बीच आंका जाता है। क्रेडिट स्कोर तैयार करने वाली संस्था सिबिल (क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों में ज्य़ादातर बैंकों ने 60 प्रतिशत होम लोन उन उपभोक्ताओं को दिया है, जिनका क्रेडिट स्कोर 650 से अधिक था। पहले से लिए गए कजर् की ईएमआइ समय से चुकाने पर क्रेडिट स्कोर बढता है, जबकि उसमें होने वाली चूक से यह घट जाता है। इसलिए अपने क्रेडिट स्कोर के प्रति हमेशा सजगता बरतें और अपनी सभी देनदारियों का भुगतान निर्धारित समय पर करने की कोशिश करें।

अगर इन बातों का ध्यान रखते हुए हाइब्रिड होम लोन लिया जाए तो यह निश्चित रूप से बहुत फायदेमंद साबित होगा।

कुछ जरूरी बातें

अगर आप प्रॉपर्टी ख्ारीदने की योजना बना रहे हैं तो होम लोन के लिए आवेदन करते समय इन गलतियों से बचने की कोशिश करें :

- अकसर लोग प्रॉपर्टी का चुनाव करने से पहले ही बैंक का चुनाव कर लेते हैं। इसका नुकसान यह हो सकता है कि अगर वह बैंक किसी कारण से उस संपत्ति पर लोन देने से इंकार कर दे तो आपको दोबारा नए सिरे से अपने लिए बैंक का चुनाव करना पडेगा। अगर आप अपने लिए प्रॉपर्टी का चुनाव पहले करते हैं तो आपके सामने कई विकल्प मौजूद होंगे और आपको सबसे सस्ते ब्याज दर पर लोन मिल सकता है।

- कुछ लोग यह सोचकर बेिफक्र हो जाते हैं कि पजेशन मिलने में काफी देर है, लेकिन जरूरत के समय पैसों का इंतजाम न हो पाने के कारण उन्हें बहुत परेशानी झेलनी पडती है। इसलिए डाउन पेमेंट के लिए आवश्यक धनराशि पहले से ही जुटा कर रखें।

- अकसर लोग बिल्डर के कहने पर बिना सोचे-समझे उसके द्वारा सुझाए गए बैंक से अपना होम लोन फाइनेंस करवा लेते हैं। इससे उन्हें उचित ब्याज दर पर लोन नहीं मिल पाता। ऐसी स्थिति से बचने के लिए पहले इंटरनेट के माध्यम से यह मालूम करें कि किस बैंक में ब्याज दर सबसे कम है। फिर उसी बैंक से अपना होम लोन फाइनेंस करवाएं। ब्याज दर के अलावा प्रोसेसिंग फीस, प्री-पेमेंट चार्ज, लीगल और वैल्यूएशन फीस आदि सारी जानकारियां हासिल करने के बाद पूरी तरह संतुष्ट होने पर ही बैंक का चुनाव करें।

- अकसर लोग पैसे बचाने के चक्कर में होम लोन का बीमा करवाने से कतराते हैं, लेकिन होम लोन इंश्योरेंस आपके परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। इसका फायदा यह है कि अगर लोन लेने वाले व्यक्ति के साथ कोई अनहोनी हो जाए तो उसके परिवार को िकस्तें चुकाने की जरूरत नहीं पडती।

- आजकल लोन दिलाने के नाम पर धोखाधडी की घटनाएं बढ रही हैं। इसलिए बैंक के एग्जिक्यूटिव का पहचान पत्र देखे बिना उससे लोन के बारे में कोई बातचीत न करें।

- लोन के दस्तावेज पर छोटे अक्षरों में लिखी गई अति आवश्यक जानकारी को ध्यान से पढऩे के बाद ही उस पर हस्ताक्षर करें।

- अगर सारे कागजात जमा कराने के बाद किसी वजह से आपने लोन लेने का इरादा बदल देते हैं तो बिना देर किए बैंक को इसकी सूचना दें।

- अगर निर्धारित समय सीमा के भीतर आपको लोन की स्वीकृति या अस्वीकृति की सूचना नहीं मिलती तो कस्टमर केयर या बैंक के ब्रांच से संपर्क करके उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल करें।

सखी फीचर्स

वित्तीय सलाहकार राकेश पोपली से बातचीत पर आधारित


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