Move to Jagran APP

बोर्ड परीक्षा में ऐसा हो आहार

बोर्ड परीक्षा के दौरान बच्चों को पौष्टिक डाइट देना मांओं के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। इस समय सबसे बड़ा प्रश्न यह होता है कि बच्चे तनाव और थकान से बचे रहें। जानें इस दौरान कैसी हो उनकी डाइट। मम्मी मुझे भूख नहीं है, आप डिस्टर्ब मत करो,

By Edited By: Published: Fri, 26 Feb 2016 04:46 PM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2016 04:46 PM (IST)

बोर्ड परीक्षा के दौरान बच्चों को पौष्टिक डाइट देना मांओं के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। इस समय सबसे बडा प्रश्न यह होता है कि बच्चे तनाव और थकान से बचे रहें। जानें इस दौरान कैसी हो उनकी डाइट।

loksabha election banner

मम्मी मुझे भूख नहीं है, आप डिस्टर्ब मत करो, मुझे पढऩे दो प्लीज....खाने में भला ऐसे नखरे किस बच्चे के नहीं होते! लेकिन परीक्षाओं के दौरान बच्चे सिर्फ पढाई में ही एकाग्रता दिखाते हैं और खानपान को नजरअंदाज कर देते हैं। बच्चों का खानपान के प्रति बढऩे वाला नखरीला स्वभाव उन्हें पूर्ण आहार से वंचित रख सकता है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि उनके शारीरिक और दिमाग्ाी विकास के लिए उन्हें भरपूर आहार मिले। ख्ाासकर, जब बात बोर्ड परीक्षाओं की हो रही हो। ऐसे समय में उन्हें इस तरह की डाइट दी जानी चाहिए, जो उनका स्ट्रेस तो दूर करे ही, उन्हें भरपूर ऊर्जा भी प्रदान करे।

परीक्षा के तनाव को दूर करने में संतुलित आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल याद्दाश्त और एकाग्रता को बढाता है बल्कि अच्छे नंबर लाने में भी मदद करता है।

ऐसा हो डाइट चार्ट

डॉक्टर के अनुसार परीक्षा के समय टॉप करने की इच्छा रखने वाले बच्चे अधिक तनावग्रस्त रहते हंै। इस दौरान बेचैनी के कारण भूख कम लगना आम बात है, लेकिन खाना न खाने के कारण कमजोरी महसूस होने लगती है, जिससे पढाई में मन नहीं लगता। इसलिए अपनी पढाई से कुछ समय निकालकर भरपूर भोजन लेना जरूरी है। जानें परीक्षाओं के दौरान कैसी हो डाइट-

ब्रेकफस्ट टाइम

बच्चों के डेली रूटीन ब्रेकफस्ट में कॉर्नफ्लेक्स, ओट्स, दलिया, अंडे और पोहा अच्छे विकल्प हैं। इसके साथ ही बच्चे के लिए दिन में दो ग्लास दूध पीना जरूरी है। ब्रेकफस्ट और लंच के बीच में फल या सैलेड का सेवन किया जा सकता है। इससे पेट भी भरा रहेगा और पढाई में मन भी लगेगा।

लंच टाइम

दोपहर का भोजन दो बजे तक जरूर कर लें। लंच में दाल-चावल, सब्जी-रोटी और दही का सेवन करें। ध्यान रहे कि खाने के तुरंत बाद पढऩे न बैठ जाएं। खाना पचाने के लिए कम से कम 15-20 मिनट की वॉक जरूर करें, ताकि पेट संबंधी तकलीफों जैसे बदहजमी आदि से बचे रहें।

लिनर टाइम

लंच और डिनर के बीच का समय लिनर टाइम होता है। इस दौरान थकान कम करने के लिए गर्म दूध या कम पत्ती वाली चाय का सेवन करना लाभदायक होगा। दूध या चाय के साथ टोस्ट, बिस्किट्स, स्प्राउट्स और होल व्हीट ब्राउन ब्रेड के साथ पीनट बटर या नॉर्मल बटर भी लिया जा सकता है। स्नैक्स हेल्दी हों और सीमित मात्रा में हों।

डिनर टाइम

रात के खाना हलका ही होना चाहिए। यह कम मसालेदार हो। अधिक मसालेदार, तला-भुना खाना बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है। खाना खाने के तुरंत बाद और सोने से पहले कुछ देर जरूर टहलें। कोशिश करें कि पढऩे के लिए ज्य़ादा देर तक न जागें। 8 घंटे की नींद लेना बेहद जरूरी है, शरीर को पूरी नींद नहीं मिलने के कारण थकान और आलस्य महसूस हो सकता है।

इन्हें भी करें शामिल

खाने में कार्बोहाइड्रेट और वसा का होना जरूरी है : बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए जिस ऊर्जा और कैलरी की जरूरत होती है, उसकी पूर्ति कार्बोहाइड्रेट से होती है। स्कूली उम्र में बच्चे तेजी से विकास करते हैं, जिससे उनको भूख भी ज्य़ादा लगती है और भरपूर खाना खाने से पढाई में भी उनका दिमाग लगता है।

प्रोटीन की कमी करे दिमाग्ा कमजोर : प्रोटीन शरीर के ऊतकों को बनाने, उनका रखरखाव और मरम्मत करने में सहायता करता है। प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों की जरूरत विशेषकर तेजी से बढ रहे बच्चों को होती है। पढाई करते समय बच्चे की मानसिक शक्ति और दिमाग्ाी क्षमता को बनाए रखने और उसे बढाने के लिए प्रोटीन जरूरी है। प्रोटीन की ज्य़ादा मात्रा दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स, दाल, अंडे, मछली, मांस में होती है। रोजाना अपने बच्चे को प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

विटमिन सही मात्रा में लेना जरूरी : विटमिन और ख्ानिज शरीर की स्वस्थ वृद्घि और विकास को बढावा देते हैं। आयरन और कैल्शियम बच्चों के लिए बहुत आवश्यक हैं। बच्चों की मानसिक और शारीरिक ग्रोथ में हड्डियां और दांत मजबूत करने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है। दूध और दूध से बने पदार्थ और एक हद तक हरी-पत्तीदार सब्जियां भी कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं। बच्चों में विटमिन की कमी उन्हें मंदबुद्घि भी बना सकती है। जिस वजह से सरल से सरल बातें याद रखना भी मुश्किल हो सकता है, जिसका दुष्परिणाम सीधा परीक्षा पर पड सकता है। किशोरावस्था में बच्चे की कैल्शियम की पूर्ति केवल खाने से ही पूरी नहीं होती, बल्कि उन्हें अतिरिक्त कैल्शियम सप्लीमेंट्स लेने की भी जरूरत पड सकती है।

आयरन बढाता है ध्यान और एकाग्रता : आयरन ख्ाून के लिए एक महत्वपूर्ण ख्ानिज है। भारत में स्त्रियों और बच्चों में आयरन की कमी एक आम समस्या है। आयरन ख्ाून बनाने के अलावा ध्यान और एकाग्रता को सुधारने में भी सहयोग करता है। परीक्षा के दौरान एकाग्रता बहुत जरूरी होती है। मांस, अंडा, हरी-पत्तेदार सब्जी, आयरन के अच्छे स्रोत हैं। जब विटमिन सी से भरपूर भोजन ग्रहण करते हैं तो उस शाकाहारी खाने में आयरन की मात्रा ज्य़ादा होती है।

फल, सब्जियां भरे पेट : फल और सब्जियों में विटमिन और ख्ानिज की मात्रा ज्य़ादा होती है। यह स्वस्थ त्वचा, अच्छी ग्रोथ, विकास और संक्रमण से लडऩे के लिए आवश्यक हैं। सब्जियों में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। साथ ही इनमें विटमिन ए, सी और सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे मैग्नीशियम और पोटैशियम भी पाया जाता है। सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं, जो बच्चों के शरीर को बीमारियों से लडऩे की शक्ति प्रदान करते हैं। साबुत अनाज, मांस और डेयरी प्रोडक्ट्स में विटमिन बी की बहुतायत होती है। फलों में भी फाइबर, विटमिन विशेषकर ए, सी और पोटैशियम की प्रचुर मात्रा होती है। सब्जियों की तरह फलों में भी एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो कि बीमारियों से लडऩे में सहायता करते हैं और बाद में कैंसर और दिल की बीमारियों जैसे ख्ातरों को भी कम करते हैं। पढाई करते समय कुछ-कुछ समय पर बच्चों को फल, स्प्राउट्स, सैलेड और हेल्दी स्नैक्स देते रहना चाहिए। इससे उनका पेट भरा रहेगा और शरीर को पूर्ण आहार मिलता रहेगा। इससे उनकी सुस्ती दूर होगी और भरपूर ऊर्जा भी मिलेगी।

गीतांजलि

(ऐक्शन कैंसर हॉस्पिटल की वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ डॉ. प्रीति जैन से बातचीत पर आधारित)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.