Move to Jagran APP

सर्दियों में बैलकनी रहे हरी-भरी

रंग-बिरंगे मनमोहक फूल-पौधों से सजा घर किसे नहीं भाता, लेकिन आज के फ्लैट सिस्टम में बागवानी के लिए जगह ही कहां है! बहरहाल शौक तो शौक है। आजकल लोग अपनी बैलकनी को भी हरा-भरा रखना पसंद करते हैं। कई बार तो यहां छोटा सा किचनगार्डन भी नज़्ार आ जाता है।

By Edited By: Published: Sat, 26 Dec 2015 02:47 PM (IST)Updated: Sat, 26 Dec 2015 02:47 PM (IST)
सर्दियों में बैलकनी रहे हरी-भरी

रंग-बिरंगे मनमोहक फूल-पौधों से सजा घर किसे नहीं भाता, लेकिन आज के फ्लैट सिस्टम में बागवानी के लिए जगह ही कहां है! बहरहाल शौक तो शौक है। आजकल लोग अपनी बैलकनी को भी हरा-भरा रखना पसंद करते हैं। कई बार तो यहां छोटा सा किचनगार्डन भी नज्ार आ जाता है। सर्दी के मौसम में प्लांट्स को विशेष देखभाल की ज्ारूरत होती है। सखी से जानें इस सीज्ान अपनी छोटी सी बगिया को कैसे रखें गुलज्ाार और कौन-कौन से पौधे लगाएं।

loksabha election banner

सर्दियों के मौसम में धूप बडा सताती है। पेड-पौधे भी धूप के बिना उदास होने लगते हैं। अगर इस मौसम में आपकी बैलकनी में कुछ देर धूप आती है तो समझें कि आप ख्ाुशिकस्मत हैं। देर न करें, अपनी छोटी सी बगिया यहां महकाएं। मेहनत से उगाए प्लांट्स की ख्ाूबसूरती को निहारें और सब्ज्िायों का ज्ाायका लें। पौधों को अपना ज्ारा सा समय और देखरेख दें कुछ ऐसे।

गमलों का चयन

बैलकनी में गार्डनिंग के लिए सबसे अहम होता है गमलों का चयन। ऐसा गमला जो ज्य़ादा भारी न हो और जिसे आसानी से एक से दूसरी जगह ले जाया जा सके। टेराकोटा, सिरैमिक और कंक्रीट के गमले ठंड के मौसम में उपयोगी नहीं होतेे। गमले आधे से दो इंच तक मोटे ज्ारूर हों ताकि जल्दी न टूटें। आप फाइबर ग्लास, पॉलीथेलीन के गमलों का चयन कर सकते हैं। ये वज्ान में हलके होते हैं और इन्हें आसानी से एक से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। बडे गमलों में पौधों की बढत अच्छी होती है। इसके लिए कम से कम 18-20 इंच मोटे गमलों का चयन करना बेहतर होगा।

जाडों में बैलकनी में लगे पौधों की देखभाल के और भी कई उपाय हैं। सबसे पहले गमले में नीचे होल करें और किसी टूटे गमले का छोटा सा टुकडा होल के बीचोबीच रख दें। अब इसमें मिट्टी इस तरह भरें कि पानी के लिए पर्याप्त जगह बचे, यानी गमले में एक से डेढ इंच जगह हमेशा ख्ााली रहनी चाहिए ताकि पानी टिक सके। चाहे तो तीन-चार प्लांटर्स को ग्रुप में पूर्व या उत्तर दिशा में लगा सकते हैं, ताकि उन्हें पर्याप्त धूप और सुरक्षा मिल सके। समय-समय पर उन्हें खाद-पानी देने के अलावा यह भी अवश्य देखें कि खुले आसमान तले उन्हें कोहरे की मार से नुकसान तो नहीं हो रहा है। अगर बैलकनी खुली है तो पौधों को दीवार की तरफ कर दें। जाडों में अकसर लोग पौधों को पानी देना भूल जाते हैं। ऐसा न करें, जब जितनी ज्ारूरत हो, पानी अवश्य दें। अपने प्लांटर्स की जगह भी बीच-बीच में बदलते रहें, ताकि सभी को हवा-पानी और धूप मिलती रहे।

पांच उपयोगी पौधे

मिर्च

गमलों में मिर्च के पौधे लगा सकते हैं। ये बहुत बडे नहीं होते और गमले में सर्वाइव कर जाते हैं। ध्यान रखें कि बीज मिट्टी में ज्य़ादा नीचे न रह जाए। उसके ऊपर थोडी-सी मिट्टी और पानी का छिडकाव कर दें। एक सप्ताह में ही उनमें पौधे निकलने लगेेंगे।

धनिया

धनिया उगाना आसान है। इसके लिए मिट्टी से आधे भरे गमले में पौधों को हलका-हलका दबाएं। ऊपर से थोडी मिट्टी और डालें और पानी का छिडकाव करें। ध्यान रखें कि इसे पर्याप्त धूप मिल सके। एक महीने में ही ख्ाुशबूदार पत्तियां नज्ार आने लगेंगी।

टमाटर

मार्केट में टमाटर की पौध मिलती हैं लेकिन इन्हें न ख्ारीद पाएं तो एक टमाटर को चार भागों में काट कर उसे आधा इंच मिट्टी में दबा दें। तीन-चार सप्ताह बाद ही छोटे-छोटे पौधे निकलने लगेंगे। पौधे जब बडे होने लगें तो इन्हें छोटी-छोटी खपच्चियों का सहारा दें।

पुदीना

पुदीना-धनिया एक साथ बो सकते हैं। सेहतमंद होने के साथ ही पुदीना घर को कई संक्रमणों से भी बचाता है। इसे उगाने के लिए पुराने भगोनों, कडाही या डोलचियों आदि का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। इसे किचन की खिडकी में भी रख सकते हैं।

बींस : गमले में मिट्टी के कुछ इंच भीतर बींस के बीज बो दें। पौधा उग जाए और थोडा बडा होने लगे तो उसे ग्रिल या पोल का सहारा दें ताकि बींस की झाड इस पर आसानी से फैल सके। इन सभी गमलों में महीने में एक बार 25-30 ग्राम ऑर्गेनिक खाद डालें और गुडाई करते रहें।

ग्रीनरी टिप्स

1. अगर आपकी बैलकनी बडी है या फिर घर में तीन-चार बैलकनी हैं तो इनका यूज्ा अलग-अलग ढंग से कर सकते हैं। एक एरिया में बार्बेक्यू बनाएं, दूसरे में बच्चों का कॉर्नर और एक बैलकनी को ग्रीनरी के लिए सुरक्षित रखें।

2. प्लांटर्स को व्यवस्थित ढंग से रखें। जगह कम हो तो बैंबू या रॉट आयरन के प्लांट स्टैंड्स या हैंगिंग बास्केट्स भी लगा सकते हैं।

3. सीज्ानल फ्लॉवर्स को पूर्व दिशा में लगाएं, ताकि उन्हें पर्याप्त धूप मिल सके।

4. पाम, मनी प्लांट आदि हर मौसम में लगाए जा सकते हैं। इसके अलावा ऐसे फूल-पौधे लगा सकते हैं, जिनके खिलने का समय मार्च-अप्रैल हो। मार्च लिली, पॉपीज्ा, साल्विया, डॉग फ्लॉवर, स्वीट पीज्ा, गजानिया जैसे सीज्ानल पौधे जनवरी के अंत या फरवरी में लगा सकते हैं। ये मार्च-अप्रैल तक खिलते रहते हैं।

5. अपने इंडोर प्लांट्स को भी बीच-बीच में धूप दिखाते रहें।

6. सीज्ानल फ्लॉवर्स के लिए किसी गार्डनिंग एक्सपर्ट से टिप्स लें और इंटरनेट सर्च करें। पौधों की छंटाई, गुडाई और देखभाल करते रहें।

7. इंडोर गार्डनिंग के लिए फ्लॉवर्स वाले श्रब्स बेहतर विकल्प हैं। ये बहुत बडे नहीं होते और हैंगिंग बास्केट्स में बहुत ख्ाूबसूरत दिखते हैं।

8. मिनी फ्लॉवर गार्डन के लिए छोटे-छोटे प्लांटर्स या पॉट्स लें। पानी की आवाजाही की पर्याप्त व्यवस्था हो। नैचरल लुक के लिए मिट्टी की ऊपरी सतह पर छोटे रिवर रॉक्स रखें।

9. बैलकनी में धूप अच्छी आती हो तो धूप में खिलने वाले फ्लॉवर्स लगाएं, अन्यथा ऐसे पौधे लगाएं जो शेड में भी खिल सकेें।

10. सेंटर प्लांटर के चारों ओर छोटे प्लांटर्स सजाएं। हब्र्स और श्रब्स ख्ाूबसूरत भी लगते और उपयोगी भी होते हैं। ऐसे प्लांट्स लगाएं जो प्रदूषण को कम करने में उपयोगी हों।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.