करियर पर है फोकस: गीता बसरा
गीता बसरा ने एक ब्रेक के बाद बॉलीवुड फिल्म 'सेकेंड हैंड हज्बैंड' से अपनी फिल्मी पारी की दूसरी शुरुआत कर दी है। करियर को प्राथमिकता देने वाली गीता अपने पापा के विचारों से प्रभावित हैं। फिल्म 'दिल दिया है' से फिल्मों का सफर शुरू करने वाली गीता बसरा इन दिनों
गीता बसरा ने एक ब्रेक के बाद बॉलीवुड फिल्म 'सेकेंड हैंड हज्बैंड' से अपनी फिल्मी पारी की दूसरी शुरुआत कर दी है। करियर को प्राथमिकता देने वाली गीता अपने पापा के विचारों से प्रभावित हैं।
फिल्म 'दिल दिया है' से फिल्मों का सफर शुरू करने वाली गीता बसरा इन दिनों पंजाबी और हिंदी फिल्मों में सक्रिय हैं। इसी साल जुलाई में उनकी फिल्म 'सेकेंड हैंड हज्बैंड' रिलीज हुई। 'सेकेंड हैंड हज्बैंड' बॉक्स ऑफिस पर ख्ाास कमाल नहीं कर सकी, लेकिन इससे फिल्म के डायरेक्टर को कोई फर्क नहीं पडा और वह गीता के साथ एक और फिल्म बनाने के लिए तैयार हैं।
फोकस है करियर पर
गीता का कहना है कि हम कलाकार हैं। हमारा काम अदाकारी तक सीमित है। आज की तारीख्ा में फिल्म का सही प्रमोशन न हो तो फिल्म की सफलता की संभावना कम रहती है। वही 'सेकेंड हैंड हज्बैंड' फिल्म के साथ हुआ। हमने अच्छी फिल्म बनाई थी, पर प्रमोशन की कमी की वजह से फिल्म बॉक्स ऑफिस पर जलवे नहीं बिखेर सकी। हमने भी हिम्मत नहीं हारी है। हम एक और हिंदी फिल्म प्लान कर रहे हैं। उसकी शूटिंग दिसंबर से शुरू हो जाएगी। वह एक म्यूजिकल फिल्म होगी। इन दिनों मेरी शादी को लेकर काफी चर्चे हैं, पर मेरा पूरा फोकस मेरे करियर पर है। किसी भी परिस्थिति का प्रभाव मेरे करियर पर नहीं पडेगा। मुझे अब बडी कोफ्त होने लगी है कि मेरे करियर से ज्य़ादा मेरी पर्सनल लाइफ के बारे में बातें होती हैं। बहरहाल, अब मैं इन सब ख्ाबरों को इग्नोर करने लगी हूं।
शादी छिपाने की बात नही
गीता का शादी पर पूरा यकीन है। वह कहती हैं कि शादी छिपाने की नहीं, गर्व करने की बात है। गीता का कहना है कि शादी जब भी फिक्स होगी, मैं यकीनन उसका आधिकारिक ऐलान करूंगी। इंग्लैंड में पली-बढी गीता पहली बार सिल्वर स्क्रीन पर इमरान हाशमी के अपॉजिट फिल्म 'दिल दिया है में नजर आई थीं। उनकी दूसरी रिलीज फिल्म 'द ट्रेन थी। फिर उन्होंने चार साल का ब्रेक लिया। ब्रेक लेने की वजह के बारे में गीता का कहना है कि इंडस्ट्री में सिर्फ काम करना काफी नहीं है। काम में क्वॉलिटी ज्ारूरी है। दरअसल, मैं फिल्मी बैकग्राउंड से नहीं हूं। लिहाजा हमें ख्ाुद को साबित करने के लिए स्टार किड के बराबर मौके नहीं मिलते। हर कदम फूंक-फूंक कर रखना होता है। फिल्मी दुनिया में युवा से लेकर बडी उम्र तक के हर कलाकार के लिए काम है। प्रयोगात्मक फिल्में बन रही हैं। मुझे लगता है कि अभिनेत्रियों के लिए यह स्वर्णिम समय है, क्योंकि ढेर सारी महिला केंद्रित फिल्में बन रही हैं। 30-40 ी उम्र के पार वाली अभिनेत्रियों को भी ध्यान में रखकर फिल्में बन रही हैं। सही मायनों में फिल्म जगत महिला सशक्तीकरण को प्रेजेंट र रहा है।
दोस्ती बदली पार्टनरशिप में
गीता कहती हैं, 'अब मैं काफी कॉन्फिडेंट हो चुकी हूं। रहा सवाल हमसफर का तो मैं ऐसे किसी व्यक्ति को चुनूंगी, जो मेरा दोस्त हो, मेरी फेमिली को समझे और हां-वह जुनूनी भी हो। हरभजन के साथ मेरी दोस्ती है। उनके संबंध में मुझसे इतने सवाल पूछे जाते हैं कि कभी-कभी लगता है कि टीम की 12वीं खिलाडी मैं ही हूं। हरभजन को फिल्मों में ख्ाास दिलचस्पी नहीं है। फिल्मों को लेकर उनसे कोई सलाह नहीं लेती।
पापा से मिली सही सीख
गीता की उम्र बहुत ज्य़ादा नहीं है। इतनी कम उम्र में इतनी परिपक्वता कैसे आई? पूछने पर वह कहती हैं, 'बहुत ही संरक्षित जीवन मिला है मुझे। अपने समझदार फैसलों का श्रेय मैं पापा को दूंगी। सोलह-सत्रह की उम्र में मॉडलिंग की शुरुआत के समय मेरे सारे विचार पापा के अनुभवों के आधार पर बने थे। उन्होंने हमेशा कहा कि तुम वही करो जो तुम्हें सही लगे।
अमित कर्ण