काम अपनी शर्तो पर: यमी गौतम
मॉडलिंग से बी टाउन में कदम रखने वाली यमी अपनी मासूम अदाओं और संजीदा अभिनय से लाखों दर्शकों के दिलों पर राज कर रही हैं। किसी पीरियड फिल्म में काम करने की तमन्ना रखने वाली यमी अपने करियर को लेकर कितनी संजीदा हैं बता रही हैं सखी को।
टीवी सीरियल और विज्ञापनों में स्थापित नाम बनने के बाद यमी गौतम ने बडे परदे का रुख किया और विकी डोनर से खासी नोटिस की गई। उन्हें कई ऑफर भी मिलने लगे, पर वे कुछ बडा अचीव करना चाहती हैं। उन्हें महज शो-पीस वाली भूमिकाओं से ऐतराज है। ऐसे में वे फिल्में चुनने में खासी सावधानी बरत रही हैं। हाल-फिलहाल वे टोटल सियाप्पा में नजर आएंगी। उसके बाद अजय देवगन के संग बाबा आर्ट्स की ऐक्शन जैक्शन लाइन अप है। यमी करियर को लेकर कितनी संजीदा हैं, सखी के साथ जानें।
करती हूं चुनिंदा फिल्में
यमी कहती हैं, विकी डोनर मेरे करियर में मील का पत्थर साबित हुई। उसके बाद मुझे ढेर सारे ऑफर आने लगे। हालांकि मैं यह कहने या चिल्लाने में यकीन नहीं रखती कि मेरे पास 50 या 100 फिल्मों के ऑफर थे। वह मुझे एक तरह का पब्लिसिटी स्टंट लगता है। खैर मेरी प्राथमिकता ऐसी फिल्में हैं, जिनमें मनोरंजन के साथ-साथ मेसेज का भी पुट हो। मैं सिर्फ पेडों के इर्द-गिर्द घूमने या शिफॉन की साडी पहन हीरो के संग रोमैंस करने वालों में से नहीं हूं। उसके चलते मुख्यधारा की हिंदी फिल्मों की बजाय रीजनल फिल्मों को भाव दे रही हूं। कन्नड, तमिल, तेलुगू, मलयालम और पंजाबी फि ल्मों ने मेरा काफी उत्साह बढाया है। तमिल और तेलुगू की तो मेरी कई फि ल्में बडी हिट थीं, फिर भी मैंने वहां की चुनिंदा फि ल्मों में ही काम किया। मेरे लिए आइटम नंबर भी मुश्किल हैं। टोटल सियाप्पा एक ऐसी फिल्म है, जो हिंदुस्तानी-पाकिस्तानी युवाओं की प्रेम कथा पर आधारित है। फिल्म में भारत-पाक संबंधों का जिक्र है। दोनों देशों के बीच व्याप्त कई किस्म के ढकोसलों पर चीजों पर व्यंग्य भी है। मैं पूरे सब्र के साथ हिंदी की अछी फिल्मों का इंतजार कर रही हूं।
चाहिए तीनों खान
यमी किसी एक खान के साथ नहीं, तीनों खान के साथ काम करना चाहती हैं। उनका कहना है कि तीनों खान बहुत ही सीनियर ऐक्टर हैं और वे तीनों के साथ फिल्में करना चाहती हैं। उनका मानना है कि अब हिंदी फिल्म जगत में काफी अलग तरह की फि ल्में बन रही हैं। ऐसे में बतौर ऐक्ट्रेस नए रोल की काफी गुंजाइश है। मैं इंडस्ट्री की बाकी अभिनेत्रियों से खुद को कंपेयर नहीं करती, पर हर चीज पर नजर रखती हूं। मेरा काम करने का अपना तरीका है। उसे मैं काफी सम्मान देती हूं। मैं दूसरों की रफ्तार देख अपनी गति में परिवर्तन नहीं करती।
ख्वाहिश पीरियड फिल्म की
मैं हॉलीवुड के बारे में नहीं सोचती। मेरी तमन्ना एक पीरियड फि ल्म करने की है। उसमें कोई किरदार निभाना वाकई काफी मजेदार रहेगा। मुझे लगता है, पीरियड फि ल्म में आप एक अलग तरह के किरदार को जीते हैं, जिसे आपने कभी देखा नहीं होता, सिर्फ उसके किस्से सुने होते हैं। ऐसे में खुद को उन किस्सों से भी ज्यादा बेहतर साबित करना वाकई मजेदार होता होगा।
अमित कर्ण