Move to Jagran APP

इयरफोन हो सकता है नुकसानदेह

आजकल लोगों में इयरफोन पर गाने सुनने का चलन बढ़ता जा रहा है लेकिन इससे उनकी श्रवण-शक्ति कमज़ोर पड़ सकती है। इसलिए इयरफोन का इस्तेमाल बहुत सोच-समझ कर करना चाहिए।

By Edited By: Published: Sun, 26 Jun 2016 02:18 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2016 02:18 PM (IST)
इयरफोन हो सकता है नुकसानदेह
चाहे बस हो या ट्रेन,शॉपिंग मॉल हो या गली-मुहल्ले की लोकल मार्केट, आपको हर जगह कानों में इयरफोन लगाए लोग आसानी से दिख जाएंगे। अकसर ऐसे लोग यही तर्क देते हैं कि अगर हम दूसरों को डिस्टर्ब किए बिना म्यूजिक सुनते हैं तो इसमें क्या बुराई है? ...पर वे यह भूल जाते हैं कि उनका यह शौक कितना नुकसानदेह साबित हो सकता है। इसकी वजह से कई बार लोग सडक दुर्घटना के भी शिकार हो जाते हैं। इतना ही नहीं, इससे सुनने में परेशानी, कान में दर्द और इन्फेक्शन जैसी समस्याएं तेजी से बढ रही हैं। ऊंची आवाज से कान के विभिन्न हिस्सों को इतना नुकसान पहुंचता है कि वह कभी ठीक नहीं हो पाता। जिस तरह हम अपनी आंखों की हिफाजत करते हैं, वैसे ही कान के मामले में भी हमें पूरी सजगता बरतते हुए इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए : अगर म्यूजिक सुनने का ज्य़ादा ही शौक है तो इयरफोन के बजाय हेडफोन का इस्तेमाल करें क्योंकि इयरफोन को कानों के अंदरूनी हिस्से में लगाना होता है। यहां कुछ ऐसी नाजुक कोशिकाएं होती हैं, जो दिमाग तक ध्वनि पहुंचाने का काम करती हैं। इयरफोन के लगातार संपर्क में रहने की वजह से इन कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने की आशंका बढ जाती है। कुछ लोगों को यह गलतफहमी होती है कि ऊंची आवाज में म्यूजिक सुनने से शरीर में जोश पैदा होता है। इसी वजह से वे साइक्लिंग,ट्रेकिंग या जिम में ट्रेडमिल पर दौडते समय अपने कानों में इयरफोन लगाकर तेज म्यूजिक सुन रहे होते हैं। ऐसा कभी न करें,इससे कान के परदों को बहुत नुकसान पहुंचता है। इसका सबसे बडा खतरा यह है कि संगीत में डूबे रहने की वजह से अगर चोट भी लग जाए तो उस वक्त व्यक्ति को दर्द महसूस नहीं होता पर बाद में यह समस्या गंभीर रूप धारण कर सकती है। मोबाइल पर संगीत सुनते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि उसका वॉल्यूम अधिकतम लेवल से 40 प्रतिशत कम हो। इयरफोन के ऊपर कई तरह के बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं। इनको कान के भीतरी हिस्से में लगाते ही संक्रमण कान में फैलने लगता है। इसलिए रोजाना सुबह इयरफोन को हैंड सैनिटाइजर से पोंछ कर साफ करने के बाद ही उसका इस्तेमाल करें। अपना इयरफोन दूसरों के साथ शेयर न करें। इससे भी कान में इन्फेक्शन हो सकता है। कुछ लोग यह सोच का इयरफोन पर म्यूजिक सुनते हैं,ताकि उन्हें आसपास के वातावरण में मौजूद ट्रैफिक का शोर सुनाई न दे पर यह तरीका ज्य़ादा नुकसानदेह साबित होता है। इससे आसपास के वातावरण में बिखरी कम डैसिबेल की ध्वनि से भले ही हमारा बचाव हो जाए पर इयरफोन के जरिये कानों में सीधे पहुंचने वाली तेज ध्वनि भीतरी हिस्से को बहुत ज्य़ादा नुकसान पहुंचाती है। अगर आपको इयरफोन पर म्यूजिक सुनने का ज्य़ादा ही शौक है तो भी एक दिन में एक-दो घंटे से ज्य़ादा देर तक म्यूजिक न सुनें। ड्राइविंग के दौरान मोबाइल पर बातचीत के लिए हैंड-फ्री ऑप्शन का इस्तेमाल न करें। इससे एक्सीडेंट का खतरा रहता है। कोशिश करें कि कहीं रुक कर ही बात करें। अगर आपकी जॉब का नेचर ऐसा है कि ऑफिस से लौटने के बाद भी हमेशा मोबाइल पर बात करने की जरूरत होती है तो बीच में कुछ-कुछ समय के लिए स्पीकर का भी इस्तेमाल करें। सखी फीचर्स इनपुट्स : डॉ. मनीष प्रकाश, सीनियर ईएनटी स्पेशलिस्ट मेयोम हॉस्पिटल, गुडग़ांव

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.