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समझदारी से घटाएं वजन

कुछ लोग समझते हैं कि वजन कम करने का मतलब डाइटिंग है। लेकिन यह सच नहीं है। वजन कम करने के लिए लोग न जाने कितने उपाय अपनाते हैं। आमतौर पर अपनाए जाने वाले उपाय कितने सही कितने गलत हैं, सखी के साथ जानें।

By Edited By: Published: Tue, 21 Apr 2015 04:10 PM (IST)Updated: Tue, 21 Apr 2015 04:10 PM (IST)

कुछ लोग समझते हैं कि वजन कम करने का मतलब डाइटिंग है। लेकिन यह सच नहीं है। वजन कम करने के लिए लोग न जाने कितने उपाय अपनाते हैं। आमतौर पर अपनाए जाने वाले उपाय कितने सही कितने गलत हैं, सखी के साथ जानें।

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बढते वजन पर नियंत्रण करना मुश्किल जरूर है, पर नामुमकिन नहीं। लेकिन वजन कम करने से जुडे कुछ मिथक हैं, जो लोग लंबे समय से अपनाते चले आ रहे हैं। इनका सच क्या है बता रही हैं फोर्टिस हॉस्पिटल की न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. चारु दुआ।

मिथक : खाना त्याग देने से अतिरिक्त वजन आसानी से कम किया जा सकता है।

सच: अगर आप कुछ दिनों तक कुछ नहीं खाएंगे या भूखे पेट रहेंगे तो आपका वजन तेजी से कम जरूर होगा, लेकिन मोटापे (अतिरिक्त चर्बी) के साथ-साथ आपके बाल कमजोर होकर गिरने लगेंगे और चेहरे की चमक भी गुम हो जाएगी। दूसरे भूखे पेट रहना या उपवास रखना मोटापा कम करने का स्थायी उपाय नहीं है। जैसे-जैसे आप दोबारा खाना शुरू करेंगे पहले वाली स्थिति में फिर पहुंच जाएंगे। लंबे समय तक न खाने से आपकी बॉडी न खाने वाली आदत के कारण दोबारा खाना शुरू करने पर जल्दी ही अतिरिक्त चर्बी बनाने लगेगी। बेहतर यही होगा कि आप हर 2-3 तीन घंटे के दरमियान थोडा-थोडा लेकिन कुछ न कुछ जरूर खाएं। इससे मेटाबॉलिज्म दुरुस्त होगा। साथ ही वजन भी नियंत्रित रहेगा। फिर आप जो भी खाएंगे शरीर उसे आसानी से पचा सकेगा। इन सबके साथ नियमित शारीरिक

गतिविधि भी जरूरी है।

मिथक : स्लिमिंग पिल्स खाने से वजन तेजी से कम हो जाता है।

सच : बाजार में तमाम क्विक फिक्स डाइट पिल्स उपलब्ध हैं, लेकिन इनके साइड इफेक्ट्स भी हैं। साथ ही, यह स्थायी उपाय नहीं है। सेहत के लिहाज से इनका प्रयोग हानिकारक है। वेट लॉस एक्सपर्ट और फिटनेस इंस्ट्रक्टर की मानें तो स्थायी तौर पर अपना मोटापा कम करने के लिए सबसे जरूरी है समय पर खाना, नियमित व्यायाम करना और दिनचर्या सुधारना। साथ ही, सोने व जगने का समय निश्चित करना।

मिथक : जिस फूड आयटम पर 'लो फैट लिखा हो वही आपकी सेहत के लिए सही होगा और उससे ही वजन कम होगा।

सच : आपको चलते-फिरते कई फूड आयटम पर लिखा मिल जाएगा- 'लो फैट या 'जीरो-फैट। सिर्फ लेबल पढकर उसे खऱीद लेना और सेवन करना ठीक नहीं है। कई बार जिस फूड आयटम पर लो फैट लिखा होता है उसमें पर्याप्त चीनी होती है। बेहतर यही होगा कि आप फ्रोजन या पैकेट बंद फूड आयटम के बजाय ताजा बनी चीजों को प्राथमिकता दें। ताजी सब्जियां, फल, फ्रूट जूस चुनें। ये आपकी सेहत के लिए वरदान होंगे। एक स्वस्थ शरीर के लिए सब कुछ खाना जरूरी है, लेकिन संतुलित और सीमित मात्रा में।

मिथक : अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो जंक फूड के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए।

सच : बर्गर और पिज्जा देखकर भला किसका मन खाने का नहीं करता। इसलिए खुद को सजा न दें। कभी-कभार इन्हें खाने से वजन नहीं बढता। लेकिन इसकी आदत सही नहीं है। एक शोध से पता चला है कि अगर आप पिज्जा या बर्गर खाना चाहते हैं और नहीं खाते तो कुछ देर बाद उसके बदले उससे कहीं ज्य़ादा कैलरी वाली चीजें खा लेते हैं। बेहतर यही होगा कि जिस समय आपका बहुत मन करे, इसकी एक छोटी बाइट ले लें। एक स्लाइस पिज्ज्ाा या एक छोटा टुकडा केक आपका वजन नहीं बढा सकता। लेकिन जंक फूड का नियमित रूप से सेवन सेहत के लिए नुकसानदेह जरूर हो सकता है। सप्ताह में एक बार या दस दिन में पिज्ज़ा या बर्गर का एक स्लाइस मोटापे पर असर नहीं डालेगा। सबसे जरूरी यह है कि आप अपने मन से यह बात निकाल दें कि आपका वजन अधिक है या आप मोटापे की समस्या से ग्रस्त हैं। क्योंकि अकसर देखा गया है कि स्ट्रेस में व्यक्ित ज्यादा खा लेता है।

इला श्रीवास्तव


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