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सखी का स्वास्थ्य

हम डॉक्टर्स लोग पैंतीस साल तक गर्भधारण करने की सलाह देते हैं। आप देर मत करें और जल्दी ही बेबी प्लान कर लें। स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर यह जानने की कोशिश करें कि आप किन कारणों से कंसीव नहीं कर पा रही हैं। इसके अलावा अपने पति की सीमेन एनालिसिस कराएं।

By Edited By: Published: Fri, 06 Jun 2014 02:12 PM (IST)Updated: Fri, 06 Jun 2014 02:12 PM (IST)
सखी का स्वास्थ्य

मेरी उम्र 39 वर्ष है। मेरी शादी के सात साल हो चुके हैं। लेकिन अभी तक गर्भधारण नहीं कर पाई हूं। क्या मैं अब कभी गर्भधारण नहीं कर सकती? इसके लिए मुझे क्या-क्या जांच करवानी चाहिए? मेरे गर्भधारण की संभावना अब है या नहीं? उचित सलाह दें।

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विमला, अलीगढ

हम डॉक्टर्स लोग पैंतीस साल तक गर्भधारण करने की सलाह देते हैं। आप देर मत करें और जल्दी ही बेबी प्लान कर लें। स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर यह जानने की कोशिश करें कि आप किन कारणों से कंसीव नहीं कर पा रही हैं। इसके अलावा अपने पति की सीमेन एनालिसिस कराएं। गर्भधारण न कर पाने का कारण पता होने के बाद ही हम सलाह दे सकते हैं कि आपको अन्य क्या-क्या जांच करानी चाहिए। आप परेशान न हों, किसी अच्छी स्त्री विशेषज्ञा को अपनी सारी समस्या विस्तार से समझाएं और उसकी सलाह पर अपनी कंप्लीट चेकअप, जरूरी जांच और इलाज कराएं।

मेरी उम्र 19 वर्ष है। मेरी वजाइना के आसपास और थाई पर बहुत दाद निकलते हैं। मैं बहुत परेशान हूं। मेरी समस्या का उचित समाधान करें?

अंकिता, बिजनौर

आप डॉक्टर से संपर्क करके अपना टेस्ट कराएं कि आपको डायबिटीज या इंसुलिन रेजिस्टेंस तो नहीं है। इसके लिए फास्टिंग ब्लड शुगर व इंसुलिन कराना पडेगा। इसके अलावा ग्लाइको सैलेटेड हीमोग्लोबिन ए1 सी कराना पडेगा, जिससे पिछले तीन महीने का बॉडी का ब्लड शुगर रिकॉर्ड पता चलता है। इसके बाद ही उचित इलाज संभव होगा।

मेरी उम्र 27 साल है। लगभग एक साल से मैं पिल्स ले रही हूं। उसे लेने के बाद मुझे व्हाइट डिस्चार्ज होने लगा है। लेकिन किसी प्रकार की जलन या खुजली नहीं होती है। मुझे क्या करना चाहिए?

नीरजा सिंह, लखनऊ

यह सामान्य बात है। अगर किसी प्रकार की जलन, दुर्गध और खुजली नहीं है तो इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। पिल्स लेने के बाद ऐसा होना सामान्य लक्षण हैं।

मेरी उम्र 29 वर्ष है। पांच महीने पहले मेरी डिलिवरी नॉर्मल हुई थी। उस समय मुझे 7-8 स्टिच लगानी पडी थी। अब स्टिच के कारण मुझे बहुत तकलीफ होती है। हालांकि मैंने गर्म सिकाई भी की, लेकिन आराम नहीं मिला। जब मैं बैठ कर कोई काम करती हूं तो काफी परेशानी और दर्द होता है। जब हम संबंध बनाते हैं तब तो बहुत ज्यादा तकलीफ होती है। इतना खिंचाव होता है कि लगता है, स्टिच खुल जाएंगी। क्या मुझे इस दर्द से कभी निजात मिल पाएगी? क्या मैं अब ठीक से संबंध स्थापित नहीं कर पाऊंगी?

सागरिका, चंडीगढ

आप एक बार स्त्री रोग विशेषज्ञा से अपना डिटेल चेकअप कराएं और हमें दोबारा बताएं कि स्टिचिंग के बाद वजाइना बहुत छोटी तो नहीं हो गई है। दर्द के कारण आप सेक्सुअल एक्टिविटी को कम न करें और उस दौरान के वाई जेली का इस्तेमाल करें तो काफी आराम मिलेगा। पति से कहें कि वह थोडी सावधानी बरतें ताकि इन्फेक्शन न हो। धीरे-धीरे कुछ महीनों में आपकी समस्या हल हो जाएगी।

मेरी उम्र 23 और मेरे पति की उम्र 30 वर्ष है। हमारी शादी को 2 वर्ष हो चुके हैं। संतान प्राप्ति न होने पर डॉक्टर ने टेस्ट कराने की सलाह दी। टेस्ट में मेरे पति का टोटल स्पर्म कंसेंट्रेशन निल निकला है। डॉक्टर का कहना है कि हमें संतान सुख नहीं मिल सकता। क्या यह बात सच है? क्या हमें संतान सुख कभी नहीं मिल पाएगा? कोई उपाय हो तो बताइए?

एस बैनर्जी, कोलकाता

जी हां, अगर पति के पानी में कोई शुक्राणु ही नहीं हैं, जिन्हें हम स्पर्म कहते हैं तो बच्चा कैसे बनेगा। लेकिन आप चाहें तो स्पर्म ड ोनेशन से बच्चा हो सकता है। इस प्रक्रिया को आइयूआइ कहते हैं। इसमें पुरुष का स्पर्म सिरिंज से बच्चेदानी के अंदर रखा जा सकता है। इस तरह आपको संतानसुख की प्राप्ति हो सकती है।

मेरी उम्र 25 वर्ष है। मेरी शादी को तीन साल हो चुके हैं। मेरा साढे तीन महीने का एक बेटा है। अचानक पिछले एक सप्ताह से मेरे स्तनों से दूध आना बंद हो गया है। मैं बहुत दुबली-पतली हूं। मुझे इस बात का डर है कि कहीं इस कारण मेरी बेटी भी कमजोर न हो जाए। वह ऊपर का दूध भी नहीं पीती। पेट न भरने के कारण रोती भी बहुत है। ठीक से सोती भी नहीं है। उचित समाधान बताएं?

जिग्ना पी. पुणे

आप परेशान न हों। अपने डाइट पर विशेष ध्यान दें। संतुलित आहार लें और प्रतिदिन एक ग्राम कैल्शियम जरूर लें। अपने आहार में पेय और तरल पदार्थ अधिक से अधिक शामिल करें। डॉक्टर की राय से कुछ आयुर्वेदिक दवाएं भी ले सकती हैं, जो दूध बढाने में मदद करेंगी। जब भी बेटी रोए, उसे ब्रेस्ट फीड कराने की कोशिश जरूर करें। अगर इसके बाद भी बेटी का पेट न भरे और वह रोए तो ऊपर का दूध जरूर दें, वरना वह कमजोर हो जाएगी। जब आप लगातार पौष्टिक आहार लेंगी और बच्चे को दूध पिलाती रहेंगी तो अपने आप दूध बढने लगेगा। अपनी सेहत का ध्यान रखना आपके लिए बहुतजरूरी है। आप स्वस्थ रहेंगी तो ही बच्चे को भी स्वस्थ और हृष्ट-पुष्ट रख पाएंगी। इसलिए नियमित रूप से दो ग्लास दूध, पनीर, हरी सब्जियां, सैलेड, फलों का जूस आदि पिएं।

- बच्चे का रूप-रंग ही नहीं, उसका व्यवहार भी मां का प्रतिबिंब होता है। ब्रिटेन में हुए एक नए अध्ययन के मुताबिक मां के व्यवहार का बच्चों पर गहरा असर पडता है। फुर्तीली मां के बच्चे ज्यादा सक्रिय और परिश्रमी होते हैं। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का दावा है कि बच्चों की गतिविधियों और मां की सक्रियता के बीच सीधा संबंध होता है। अध्ययन में 500 माताओं और उनके डेढ से चार साल के बच्चे को शामिल किया गया और शोधकर्ताओं ने पाया कि 53 प्रतिशत स्त्रियां सप्ताह में 30 मिनट अपने बच्चों के साथ खेलती-कूदती और दौडती थीं। ऐसी स्त्रियों के बच्चे शारीरिक रूप से सक्रिय थे। वहीं जो माताएं सुस्त थीं उनके बच्चे भी आलसी हो गए थे।

डॉ. उर्वशी झा


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