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न रखें कोई भ्रम

स्वस्थ व चमकदार दांत हर किसी की चाहत होते हैं। दांतों को साफ रखने के लिए लोग हर तरह की कोशिश करते हैं। टीवी पर ऐड से प्रभावित होकर टूथपेस्ट तक ख़्ारीदते हैं। इसी कारण कभी-कभी वे कुछ ऐसा कर बैठते हैं जो दांतों की सेहत के लिए नुकसानदायक होता

By Edited By: Published: Fri, 22 Jan 2016 04:46 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2016 04:46 PM (IST)
न रखें कोई भ्रम

स्वस्थ व चमकदार दांत हर किसी की चाहत होते हैं। दांतों को साफ रखने के लिए लोग हर तरह की कोशिश करते हैं। टीवी पर ऐड से प्रभावित होकर टूथपेस्ट तक ख्ारीदते हैं। इसी कारण कभी-कभी वे कुछ ऐसा कर बैठते हैं जो दांतों की सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। देखा जाए तो इसमें किसी की कोई गलती भी नहीं है। अकसर यही होता है कि लोग जो सुनते आ रहे हों, उसे अपनी रोजमर्रा की आदतों में शुमार कर लेते हैं।

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बचपन से ही सबसे अच्छी आदत जो हमें सिखाई जाती है, वह होती है ब्रश करने की आदत। ब्रश करने के सही तरीके के साथ ही उससे जुडी और भी कई बातें बताई और समझाई जाती हैं, जिन्हें हम ताउम्र के लिए अपनी मेमरी में कहीं सेव कर लेते हैं। जरूरी नहीं है कि हर जिस बात का पालन हम बचपन से करते आ रहे हैं, वह सही ही हो। जानते हैं उन डेंटल मिथ्स के बारे में जो हमें फायदा पहुंचाने के बजाय किसी न किसी तरीके से नुकसान ही पहुंचा रहे हैं।

भ्रम : ब्रश के ख्ाराब होने पर ही बदलें

सच्चाई : ब्रश ख्ाराब होना उसके उपयोग करने के तरीके पर ही निर्भर करता है। कुछ लोगों का ब्रश हो सकता है कि कई महीनों तक सही रहे, वहीं कुछ का बहुत जल्दी ख्ाराब हो जाता है। आपका ब्रश जिस भी स्थिति में हो, अमूमन उसे 3-6 महीने में बदल लेना चाहिए। हमेशा अच्छी क्वॉलिटी का सॉफ्ट या अल्ट्रा-सॉफ्ट ब्रश लेना ही सही होता है। इसमें कंजूसी बरतने से बचना चाहिए।

भ्रम : जरूरत पडऩे पर ही जाएं डेंटिस्ट के पास

सच्चाई : डेंटल चेकअप सिर्फ दांतों में दर्द या कोई समस्या होने पर ही नहीं करवाना चाहिए, बल्कि हर तीन से छह महीने में अपना चेकअप करवाते रहना चाहिए। कभी-कभी दांतों में कैविटी छुपी होती है जिसकी पहचान डेंटिस्ट ही कर पाता है। बच्चे के दांत निकलने के वक्त से ही उसका नियमित चेकअप शुरू करवा देना चाहिए। किसी समस्या के होने का इंतजार नहीं करना चाहिए।

भ्रम : जब मौका मिले, कुछ भी खाते रहो

सच्चाई : कुछ लोगों की आदत होती है कि उन्हें जब भी मौका मिलता है, वे बिना

सोचे-समझे कुछ भी खाने लग जाते हैं। खाना हमेशा सही समय पर ही खाना चाहिए। बार-बार खाते रहने से पीएच लेवल बदलता है, जिससे कैविटी बढती जाती है। यह दांतों की सेहत के लिहाज से बहुत नुकसानदायक होता है।

भ्रम : दांतों में कुछ फंसने पर टूथपिक का इस्तेमाल करना

सच्चाई : खाना खाते समय अकसर ही ऐसा हो जाता है कि खाने का कुछ अंश दांतों में फंसा रह जाता है। उसे निकालने के लिए कई बार लोग टूथपिक या उसकी ही जैसी दूसरी चीजों का इस्तेमाल करते हैं। किसी भी ऐसी चीज के प्रयोग से दांतों के बीच का गैप बढऩे लगता है, जिससे बाद में परेशानी हो सकती है।

रोजाना की आदतों से लेकर डेंटल ट्रीटमेंट तक ऐसे कई मिथ्स होते हैं जिनका पालन हम आंखें बंद करके करते हैं। दांतों में किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए बेहतर है कि डेंटिस्ट से अपना रेगुलर चेकअप करवाते रहें।

सखी फीचर्स

इनपुट्स : डॉ.आयुष शर्मा, सीनियर

कंसल्टेंट डेंटिस्ट, मायोम हॉस्पिटल, गुडग़ांव


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