..ताकि सुरक्षित रहे मासूमियत
नन्हे-मुन्नों के लिए परिधान और एक्सेसरीज चुनते समय कुछ खास सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है। उन्हें मुलायम फैब्रिक वाले परिधान और मुड़े हुए कोनों वाली ज्यूलरी ही पहनानी चाहिए। सखी से जानिए ऐसी खास सावधानियां।
अपने नन्हे-मुन्नों को संवारने के लिए हर मां मशक्कत करती है। और करे भी क्यूं न? सज-धज कर जब वह घर के आंगन में खेलता है, तो अपनी मोहक अदाओं से सबका मन मोह लेता है। लेकिन नन्हे मुन्नों को ड्रेसअप करते समय कुछ सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है, जिनका अभाव आपके बच्चे के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
परिधानों से झलके मासूमियत
अगर आपको बच्चों के लिए डिजाइनर परिधान खरीदने का शौक है तो यह जरूर ध्यान रखिएगा कि जो परिधान आप चुन रही हैं, वे आपके बच्चे की उम्र के हिसाब से अधिक मैच्योर लुक वाले न हों। फैशन डिजाइनर अनुराधा रामम कहती हैं कि बच्चों को तैयार करते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनका बचपन कहीं गुम न हो जाए। कई स्त्रियां अपने बच्चों को फिल्म स्टार्स की तरह ड्रेसअप करती हैं। लेकिन अक्सर इस कोशिश में बच्चों के लुक पर मासूमियत की जगह ग्लैमर हावी हो जाता है।
सावधानी से चुनें परिधान
आप स्टाइलिश दिखने के लिए भले ही विभिन्न प्रकार के फैब्रिक्स के परिधान ट्राई कर लेती हों, लेकिन जब बात आपके बच्चे की हो, तो उसके लिए हल्के और मुलायम फैब्रिक के परिधान ही चुनें। स्टाइलिश परिधान खरीदने के चक्कर में किसी सख्त या चुभने वाले फैब्रिक का परिधान न खरीद लीजिएगा। बच्चों के लिए कॉटन, लिनेन, होजरी और मलमल जैसे फैब्रिक ही अच्छे रहते हैं। क्योंकि कई बार बच्चे यह बात जाहिर नहीं कर पाते कि उन्हें अपने परिधान के फैब्रिक या कट की वजह से कोई समस्या है।
फैब्रिक के साथ ही बच्चों के कपडों की उचित फिटिंग सुनिश्चित करना भी बेहद जरूरी है।
ध्यान से चुनें एक्सेसरीज
बच्चों की एक्सेसरीज के चुनाव में भी बेहद सावधानी की जरूरत होती है। ज्यूलरी हल्की हो, डिजाइंस बच्चों को लुभाने वाली हों। ज्यूलरी पीसेज के कोने नुकीले न होकर मुडे हुए हों ताकि नन्हे मुन्नों को चोट न पहुंचे। साथ ही ज्यूलरी की कोटिंग, पेंट और इनामेल में निकेल, लेड या आर्सेनिक जैसे नुकसानदेह केमिकल्स का इस्तेमाल न किया गया हो।
सखी फीचर्स