उदयपुर में 9 फरवरी को रखी जाएगी ‘World Of Humanity’ की नींव, संवरेगा दिव्यांगों का जीवन
उदयपुर में वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी (World Of Humanity) की स्थापना फरवरी 2020 में होनी जा रही है।
जयपुर, जागरण न्यूज नेटवर्क। राजस्थान के उदयपुर में वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी (World Of Humanity) की स्थापना होनी जा रही है। WOH की नींव 8 और 9 फरवरी को उदयपुर में रखी जाएगी। चैरिटेबल ऑर्गनाइजेशन नारायण सेवा संस्थान ने एक अनूठी पहल के तहत उदयपुर में ‘वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी’ बनाने का ऐलान किया है, जिसमें दिव्यांग लोगों की जीवन संवरेगा।
‘वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी’ एक ऐसे मकसद को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है, जहां सभी के लिए एक स्वीकार्य समाज बनाने की पहल की जाएगी। इसमें विभिन्न समस्याओं से जूझने वाले लोग निशुल्क लाभ प्राप्त कर सकते हैं और मुख्यधारा के समाज का हिस्सा बन सकते हैं। डब्ल्यूएचओ केंद्र लोगों को समाज में बेहतर स्थान बनाने के लिए कौशल प्रशिक्षण के साथ-साथ मुफ्त स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा प्रदान करने का काम करेगा।
समाज के वंचित वर्ग के लोगों की तकलीफों से जुड़े आंकड़ों पर अगर हम नजर डालें तो आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल, जनगणना 2011 के आंकड़े बताते हैं कि देश में दृष्टिबाधित लोगों की संख्या करीब डेढ़ करोड़ है। वहीं, करीब 16 लाख लोग ‘स्पीच डिसेबिलिटी‘ के शिकार हैं। इसके अलावा एक करोड़ 12 लाख लोगों में सुनने के पास सुनने की शक्ति नहीं है और 6 करोड़ से ज्यादा लोग चल-फिर नहीं सकते। ऐसे ही लोगों के जीवन को संवारने के लिए World Of Humanity की स्थान नारायण सेवा संस्थान द्वारा की जा रही है।
World Of Humanity के स्थापना के समय नारायण सेवा संस्थान एक बार फिर से दिव्यांग और अभावग्रस्त जोड़ों के लिए 33वें सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन कर रहा है। इस बार में संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा है, "आंकड़ों की मानें तो साल 2022 तक स्वास्थ्य उद्योग 372 बिलियन डॉलर का हो जाएगा। ऐसे में स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा तेजी से खर्चीले होती जाएगी। इसलिए ‘वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी’ केंद्र जैसी कोशिशें ही एकमात्र समाधान हैं, जहां दिव्यांग लोग सक्षम बन सकते हैं।"
3 साल में बनकर तैयार होगा World Of Humanity सेंटर
उदयपुर में ‘वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी’ सेंटर अगले 3 वर्षों में बनकर तैयार हो जाएगा। इसमें भोजन और कपड़ों के साथ सहायक शिक्षा भी निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा 450 बैड के अस्पताल के साथ निशुल्क निदान, उपचार, पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल, फार्मेसी और फिजियोथेरेपी की सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी। साथ ही साथ दिव्यांग लोगों को रोजगार के काबिल बनाने के लिए कला और शिल्प, सिलाई, मोबाइल मरम्मत और मुफ्त बुनियादी शिक्षा जैसे कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम भी प्रदान किए जाएंगे।