Rajasthan : महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग में नहीं हो रही सुनवाई, चेयरमैन व सदस्यों के पद खाली
आयोग के चेयरमैन पद से जस्टिस प्रकाश टाटिया ने 25 नवंबर2019 को इस्तीफा दे दिया था।राजस्थान में दो साल से राज्य महिला आयोगएक साल से मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन के पद खाली पड़े हैं
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में कांग्रेस की आंतरिक खींचतान के चलते पिछले दो साल से राज्य महिला आयोग और करीब एक साल से मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन के पद खाली पड़े हैं। लम्बी अवधि बीत जाने के बाद भी दोनों आयोग में अभी तक चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई है।
महिला आयोग नहीं होने के कारण पीड़ित महिलाओं को न्याय नसीब नहीं हो पा रहा है। 20 अक्टूबर,2018 को महिला आयोग की तत्कालीन चेयरमैन सुमन शर्मा का कार्यकाल पूरा हुआ था। उसके बाद से करीब 2 साल से आयोग केवल अधिकारियों के भरोसे चल रहा है। चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति नहीं होने से आयोग में लम्बित प्रकरणों का अम्बार लगता जा रहा है। करीब 8 हजार मामले आयोग में लंबित पड़े हैं, जिनका निस्तारण नहीं हो पा रहा है।
महिला आयोग की पूर्व चेयरमैन सुमन शर्मा का कहना है कि महिलाओं के प्रति अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है और थानों में महिलाओं की प्राथमिक रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की जा रही है। आयोग में चेयरमैन और सदस्य होते हैं तो उनका दबाव सरकारी मशीनरी पर रहता है जो अब नहीं है।उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकताओं में महिला सुरक्षा का बिन्दू शामिल था, लेकिन महिलाओं को न्याय देने वाली प्रमुख संस्था ही सरकार की उपेक्षा झेल रही है। आयोग में जितने प्रकरण दर्ज हो रहे हैं उनमें से आधे का भी निस्तारण नहीं हो पा रहा है।
उधर राजस्थान में कांग्रेस की आंतरिक खींचतान के चलते पिछले दो साल से राज्य महिला आयोग और करीब एक साल से मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन के पद खाली पड़े हैं। राज्य मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन का पद करीब एक साल से खाली है। एकमात्र सदस्य जस्टिस महेशचंद्र शर्मा के भरोसे ही आयोग का कामकाज चल रहा है। चेयनमैन नहीं होने के कारण सरकारी अमले से परेशान होकर अपनी पीड़ा लेकर मानवाधिकार आयोग जाने वालों की सुनवाई नहीं हो रही है। उल्लेखनीय है कि आयोग के चेयरमैन पद से जस्टिस प्रकाश टाटिया ने 25 नवंबर,2019 को इस्तीफा दे दिया था ।