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फर्जी दस्तावेज के आरोप में महिला सरपंच और उसका पति गिरफ्तार

सरकार ने सरपंच चुनाव में आठवीं पास अनिवार्यता लागू कर दी, लेकिन फर्जी अंक तालिका तैयार कर सरपंच बनने वालों पर अब सरकार बदलते ही गाज गिरना शुरू हो गई है

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 12:43 PM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 12:43 PM (IST)
फर्जी दस्तावेज के आरोप में महिला सरपंच और उसका पति गिरफ्तार
फर्जी दस्तावेज के आरोप में महिला सरपंच और उसका पति गिरफ्तार

उदयपुर, जेएनएन। राज्य सरकार ने सरपंच के चुनाव में आठवीं पास की अनिवार्यता लागू कर दी, लेकिन फर्जी अंक तालिका तैयार कर सरपंच बनने वालों पर अब सरकार बदलते ही गाज गिरना भी शुरू हो गई है। ऐसे ही एक मामले में बुधवार को डूंगला उपखंड क्षेत्र में पुलिस ने महिला सरपंच और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया।

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मिली जानकारी के अनुसार डूंगला पंचायत समिति क्षेत्र की भाटोली बागरियान ग्राम पंचायत की सरपंच रूकमण बाई मीणा के विरूद्ध इसी ग्राम पंचायत के क्षेत्र के जेतपुरा निवासी नारायणलाल मीणा ने डूंगला कोर्ट में परिवाद

पेश किया था। जिसमें सरपंच पर फर्जी अंक तालिका व फर्जी टीसी लगाकर चुनाव लडने का मामला दर्ज करवाया था।

मंगलवाड थाने में सरपंच रूकमण बाई और सरपंच के पति पूर्व जिला परिषद सदस्य किशनलाल मीणा के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया। उक्त मामले में बुधवार को मंगलवाड थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सरपंच रूकमण बाई व उसके पति किशनलाल मीणा को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को चित्तौडगढ कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेजने के आदेश दिए हैं। 

बड़वाई की सरपंच की भी मुश्किल बढ़ी डूंगला पंचायत समिति क्षेत्र में फर्जी अंकतालिका से चुनाव लडने के आरोप में भाटोली बागरियान सरपंच की गिरफ्तारी के बाद अब इसी पंचायत समिति क्षेत्र की बड़वाई ग्राम पंचायत सरपंच मांगीदेवी अहीर की मुश्किलें भी बढ़ गई है। बडवाई सरपंच मांगीदेवी अहीर पर भी फर्जी अंकतालिका से चुनाव लडऩे का आरोप है। इसमें बड़वाई सरपंच मांगीदेवी अहीर और उसके पति पूर्व सरपंच पूरणमल अहीर के विरूद्ध मामला दर्ज है।

बड़वाई सरपंच पर जिला मुख्यालय के एक निजी स्कूल से अंग्रेजी माध्यम से आठवीं पास की अंकतालिका लगा कर चुनाव लडने का आरोप चल रहा है। परिवादी श्रीलाल अहीर ने बताया कि उक्त सरपंच ने कम्प्यूटर से बनी वर्ष 1992-93 की अंकतालिका सलंग्न की गई, लेकिन उस समय कम्प्यूटर का चलन ही नहीं था।


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