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Jaipur Literature Festival 2020: कुछ बरसों से टूट गया हूं, खंडित हूं, वादी तेरा बेटा हूं मैं, पंडित हूंः विधु विनोद चोपड़ा

Vidhu Vinod Chopra. फिल्म शिकारा के निर्माता-निर्देशक और विस्थापित कश्मीरी पंडित विधु विनोद चोपड़ा का दर्द चर्चा के दौरान फूट पड़ा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 10:34 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 10:34 AM (IST)
Jaipur Literature Festival 2020: कुछ बरसों से टूट गया हूं, खंडित हूं, वादी तेरा बेटा हूं मैं, पंडित हूंः विधु विनोद चोपड़ा
Jaipur Literature Festival 2020: कुछ बरसों से टूट गया हूं, खंडित हूं, वादी तेरा बेटा हूं मैं, पंडित हूंः विधु विनोद चोपड़ा

जयपुर, ईश्वर शर्मा। Jaipur Literature Festival 2020. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शिरकत करने आए फिल्म शिकारा के निर्माता-निर्देशक और विस्थापित कश्मीरी पंडित विधु विनोद चोपड़ा का दर्द चर्चा के दौरान फूट पड़ा। उन्होंने कहा कि इस फिल्म में मैंने 30 साल पुराने विस्थापन के दर्द को व्यक्त करने की कोशिश की है। मुझे लगता है हर कश्मीरी पंडित अपनी घाटी से फिर कहना चाहता है- 'कुछ बरसों से टूट गया हूं, खंडित हूं, वादी तेरा बेटा हूं मैं, पंडित हूं..।'

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चोपड़ा ने चर्चा में कहा, '19 जनवरी 1990 की वह भयानक रात मुझ सहित उन चार लाख कश्मीरी पंडितों को याद है, जिन्हें उस रात के बाद अपना घर, खेत, सेब के लहलहाते बगीचे, आंगन, यादें..सब कुछ छोड़कर रातोंरात भागना पड़ा था। उस रात कश्मीर घाटी में ये आवाज गूंजी थी कि 'कश्मीरी पंडितों घर छोड़ दो, वरना खुदा को प्यारे हो जाओगे। उस दर्द में मेरा दर्द भी शामिल है क्योंकि मैं भी उतना ही प्रताड़ित कश्मीरी पंडित हूं, जितना कोई और।

कई शाहीन बाग कम पड़ेंगे

विधु विनोद चोपड़ा ने एक प्रश्न के जवाब में कहा- 'बेजा मुद्दों के लिए लोग शाहीन बाग जैसे धरने खड़े कर देते हैं, मगर कश्मीरी पंडितों के दर्द को कहने के लिए कई शाहीन बाग कम पड़ेंगे।' चोपड़ा ने कहा कि 'शिकारा' में जो दिखाया गया है, वह सबकुछ हकीकत में घटित हुआ था। चोपड़ा ने कहा, कश्मीर से हिंदू महिलाएं जान बचाने के लिए माथे की बिंदी, मांग का सिंदूर पोछकर और हाथों की चूडि़यां तोड़कर भागी थीं। तब 87,000 लोगों के मारे जाने का सरकारी आंकड़ा सामने आया था, मगर हकीकत में इससे कहीं अधिक करीब दो लाख लोग मारे गए थे।

30 साल का दर्द छलका

चोपड़ा ने कहा- 'एक्टर कितना भी अभिनय करते तो वह दर्द पर्दे पर नहीं दिखा पाते, जो पंडितों ने भोगा था। इसलिए हमने शरणार्थी शिविरों में जाकर कश्मीरी पंडितों से बात की और उन्हें फिल्म में रोल करने के लिए राजी किया। वे डरते-सहमते राजी हुए। जब कैमरा चला, तब उनका 30 साल पुराना सारा दर्द छलक पड़ा।'

पीएम मोदी ने दिखाया साहस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-ए हटा दिए जाने की प्रशंसा करते हुए विधु विनोद ने कहा- '30 साल में यह एकमात्र ऐसी साहसी सरकार आई, जिसने यह कर दिखाया।'

भाई ने 200 रुपये देकर कहा था, जा सपने सच कर ले

अपना संघर्ष बयां करते चोपड़ा ने कहा- 'मेरे पिता गरीब कश्मीरी पंडित थे। उनके पास हमें खिलाने तक का पैसा नहीं था तो हमारे सपने कैसे पूरे करते। तब मेरे बड़े भाई ने मुझे 200 रुपए देकर कहा था, 'जा अपने सपने सच कर ले। मैं वही पैसा लेकर निकल पड़ा और आज इस मुकाम पर हूं।'

कश्मीर में फिल्म यूनिववर्सिटी खोलूंगा

चोपड़ा ने कहा, 'अब ऐसा कश्मीर चाहता हूं जहां हरेक कश्मीरी पंडित फिर अपने घर लौट सके। ऐसा स्वर्ग से सुंदर कश्मीर जहां विवाद की बजाय संवाद हो। जिस दिन ऐसा होगा, मैं वहां अपनी फिल्म यूनिवर्सिटी खोलूंगा।'

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