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Rajasthan: हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद जोधपुर में राम रथ यात्रा निकालने जाने की उम्मीद बढ़ी

Rajasthan जोधपुर में राम रथ यात्रा निकाले जाने को लेकर आवेदन किया गया था जिस पर जोधपुर कमिश्रनेट पुलिस ने रोक लगा दी थी। इसके बाद राजस्थान उच्च न्यायालय में विहिप की ओर से एक याचिका लगाई गई थी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2021 07:34 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jan 2021 08:51 PM (IST)
Rajasthan: हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद जोधपुर में राम रथ यात्रा निकालने जाने की उम्मीद बढ़ी
जोधपुर में निकलेगी राम रथ यात्रा, विहिप को राजस्थान हाई कोर्ट से मिली हरी झंडी। फाइल फोटो

जोधपुर, संवाद सूत्र। Rajasthan: राजस्थान हाई कोर्ट की मुख्य पीठ में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की ओर से राम रथ यात्रा निकाले जाने को लेकर दायर की गई याचिका का निस्तारण करते हुए उन्हें नए सिरे से अनुमति आवेदन पेश करने की स्वतंत्रता दी है। इसके तहत नई कोरोना गाइडलाइन के नियमों की पालना के तहत धार्मिक आयोजन किए जाने को आधार बनाकर विहिप की ओर से पांच फरवरी को राम रथ यात्रा निकाले जाने को लेकर याचिका लगाई गई थी। याचिका निस्तारण से अब विश्व हिंदू परिषद की ओर से फरवरी माह की पांच तारीख को राम रथ यात्रा निकाले जाने का रास्ता साफ हुआ है। इससे पहले राम मंदिर निर्माण को लेकर निधि समर्पण अभियान चलाया जा रहा है।

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इसी क्रम में जोधपुर में राम रथ यात्रा निकाले जाने को लेकर आवेदन किया गया था, जिस पर जोधपुर कमिश्रनेट पुलिस ने रोक लगा दी थी। इस रोक के बाद राजस्थान उच्च न्यायालय में विश्व हिंदू परिषद की ओर से वीएचपी पदाधिकारी राजेश दवे ने अधिवक्ता मोती सिंह राजपुरोहित के मार्फत एक याचिका लगाई गई थी। जिसमें याचिकाकर्ता ने 18 जनवरी को सरकार की ओर से जारी की गई नई कोरोना गाइडलाइन का जिक्र किया था और उसकी पालना का आश्वासन दिया था। इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद विश्व हिंदू परिषद को कोरोना की नई गाइडलाइन के आधार पर पुनः आवेदन करने के लिए कहा है। राजस्थान सरकार की ओर से 18 जनवरी को जारी नई गाइडलाइन के अनुसार, धार्मिक आयोजन करने की छूट दी गई है। इसके तहत अब विश्व हिंदू परिषद के द्वारा फरवरी की पांच तारीख को राम रथ यात्रा निकाली जा सकेगी। राज्य सरकार की ओर से एएजी फरजंद अली ने पक्ष रखा था। इधर, राजस्थान हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद हिंदूवादी संगठनों ने खुशी जाहिर की है। 


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