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अपनों से परेशान वसुंधरा राजे, नाराज नेताओं की बढ़ती जा रही फेहरिस्त

करीब 9 माह बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पूर्व नाराज अपनों की फेहरिस्त बढ़ती ही जा रही है ।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 10 Feb 2018 03:41 PM (IST)Updated: Sat, 10 Feb 2018 03:41 PM (IST)
अपनों से परेशान वसुंधरा राजे, नाराज नेताओं की बढ़ती जा रही फेहरिस्त

जयपुर,नरेन्द्र शर्मा।  राजस्थान में भाजपा सरकार और संगठन " अपनों " की ही घेराबंदी में फंसते जा रहे है । नाराज "अपनों " ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी की परेशानी बढ़ा दी है । मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष का खेमा हाल ही में सम्पन्न दो संसदीय और एक विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव में हार का कारण भी "अपनों " को ही मान रहा है । करीब 9  माह बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पूर्व नाराज "अपनों " की फेहरिस्त बढ़ती ही जा रही है ।

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इन अपनों में  भाजपा की प्राण वायु माने जाने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ( आरएसएस ),पार्टी विधायक और पदाधिकारी शामिल है । पिछले तीन सालों से नाराज चल रहे प्रदेश के आरएसएस नेतृत्व ने राज्य सरकार और भाजपा संगठन से फिलहाल पूरी तरह से मुंह मोड़ लिया है । अलवर,अजमेर संसदीय एवं मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव में संघ के स्वयं सेवकों ने भाजपा का सहयोग नहीं किया । संघ का प्रदेश  नेतृत्व सरकार और संगठन के कामकाज के तरीकों से काफी लम्बे समय से नाराज चल रहा है । संघ को पार्टी के साथ लाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने लम्बे समय से खाली चल रहे प्रदेश संगठन महामंत्री के पद पर चन्द्रशेखर को नियुक्त किया,लेकिन वे भी संघ को मनाने में फिलहाल सफल नहीं हो  सके । राज्य के प्रभारी और पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी.सतीश के प्रयास भी सफल नहीं हो सके ।हालांकि संघ यह भी मानता है कि प्रदेश में वसुंधरा राजे का कोई विकल्प नहीं है । राज्य के भाजपा नेताओं में वसुंधरा राजे अधिक लोकप्रिय है,लेकिन सत्ता और संगठन के कामकाज के तरीकों,भ्रष्टाचार और जनता से बढ़ती दूरी के कारण संघ का प्रदेश नेतृत्व नाराज है। पार्टी विधायकों,पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं में वसुंधरा राजे और अशोक परनामी से नाराजगी अब सार्वजनिक रूप से नजर आने लगी है । भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने पिछले तीन साल से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और  पार्टी अध्यक्ष अशोक परनामी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। तिवाड़ी सार्वजनिक रूप से सरकार में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं । असंतुष्ट तिवाड़ी ने राज्य विधानसभा में दो अवसरों पर मुख्यमंत्री को बोलने से रोकने का प्रयास किया ।

भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा विधानसभा में अलवर जिले के पुलिस अधीक्षक पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके,वे खुलकर प्रदेश नेतृत्व की मुखालफत कई मौकों पर कर चुके हैं । दो दिन पूर्व पार्टी के ही एक विधायक हीरालाल रैगर ने दलितों पर अत्याचार को लेकर सरकार को घेरा । सरकार  में ब्यूरोक्रेसी के हावी होने,विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों की सुनवाई नहीं होने के आरोप कई बार लग चुके हैं । भाजपा विधायक दल की बैठकों  में विधायक खुलकर मंत्रियों के कामकाज पर छींटाकशी करते रहे हैं । पार्टी कार्यकर्ता सरकार में सुनवाई नहीं होने को लेकर सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष शिकायत कर चुके । कार्यकर्ताओं एवं संघ के स्वयं सेवकों का मानना है कि प्रदेश अध्यक्ष संगठन की बात सरकार में सही ढंग से नहीं रख पा रहे,इस कारण अधिक मुश्किल हो रही है ।  

सबको साथ लेकर चलने का प्रयास :परनामी 

राज्य भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने दैनिक जागरण को बताया कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी में  छोटी-मोटी बातें होती रहती है,लेकिन हम सरकार और संगठन में सबको साथ लेकर चलने का प्रयास कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि  नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने का काम हमारा है । 


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