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नाराज संघ को मनाने में जुटी वसुंधरा राजे

राजस्थान में संघ के पदाधिकारी कुछ समय से सरकार और संगठन के कामकाज से नाराज चल रहे हैँ। संघ के स्वयं सेवकों ने तीनों उप चुनाव में चुप्पी साधे रखी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 24 Feb 2018 10:28 AM (IST)Updated: Sat, 24 Feb 2018 03:31 PM (IST)
नाराज संघ को मनाने में जुटी वसुंधरा राजे

जयपुर,जागरण संवाददाता। राजस्थान की दो लोकसभा (अजमेर एवं अलवर ) और एक विधानसभा ( मांडलगढ़) के उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों की हार के बाद अब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नाराज संघ पदाधिकारियों को मनाने में जुट गई है ।

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राजस्थान में संघ के पदाधिकारी पिछले कुछ समय से सरकार और संगठन के कामकाज से नाराज चल रहे हैँ। इसी के चलते संघ के स्वयं सेवकों ने तीनों उप चुनाव में चुप्पी साधे रखी। अब 9 माह बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव को देखते हुए वसुंधरा राजे ने संघ पदाधिकारियों को मनाना शुरू कर दिया है। इसी के तहत वसुंधरा राजे शुक्रवार दोपहर अचानक संघ मुख्यालय भारती भवन पहुंची ।

उन्होंने यहां संघ के क्षेत्रीय प्रचारक दुर्गादास,वरिष्ठ प्रचारक प्रकाश चन्द्र के साथ दो घंटे तक बैठक की । इस दौरान प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर भी मौजूद थे। जानकारी के अनुसार वसुंधरा राजे संघ पदाधिकारियों को विश्वास दिलाया कि आगामी कुछ दिनों में वे सरकार के कामकाज में सुधार का प्रयास करेंगी और पार्टी कार्यकर्ताओं का सरकार में सम्मान कायम करने की भी कोशिश करेंगी । इस दौरान संघ पदाधिकारियों ने वसुंधरा राजे को चिकित्सा और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण महकमों के कामकाज में सुधार करने की बात कही ।  

 भाजपा जिला अध्यक्षों की सिफारिश पर तबादले

वसुंधरा राजे सरकार ने भाजपा सांसदों, विधायकों और जिला अध्यक्षों की सिफारिश पर तबादले करने का निर्णय किया है। तीन उप चुनाव में हार के बाद भाजपा विधायकों और कार्यकर्ताओं में बढ़ते असंतोष को देखते हुए अब राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने भाजपा सांसदों, विधायकों और जिला अध्यक्षों की सिफारिश पर तबादले करने का निर्णय किया है। इस बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय से सभी भाजपा सांसदों,विधायकों और जिला अध्यक्षों को एक पत्र भेजा गया है,जिसमें उनसे विभिन्न विभागों में सरकारी कर्मचारियों के तबादलों की सूची मांगी है। इसके साथ संघ के प्रदेश नेतृत्व से भी तबादलों को लेकर सुझाव देने का आग्रह किया गया है ।

हाल ही में सम्पन्न हुए अजमेर एवं अलवर संसदीय और मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव में भारी मतों के अंतर से हुई भाजपा प्रत्याशियों की हार के बाद विधायकों और कार्यकर्ताओं द्वारा सत्ता एवं संगठन के नेतृत्व के खिलाफ सार्वजनिक रूप से हो रही बयानबाजी ने मुख्यमंत्री के लिए परेशानी खड़ी कर दी है ।विधायकों और भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी का मुख्य कारण उनकी सरकार में सुनवाई नहीं होना बताया जा रहा है । नाराज नेताओं ने केन्द्रीय नेतृत्व तक साफ कहा कि उनकी सिफारिशों से ना तो विकास कार्य होते है और ना ही तबादलों में उनकी सलाह मानी जाती है,सब कुछ अधिकारियों के स्तर पर हो रहा है ।करीब 9 माह बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा नेतृत्व ने मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष को पार्टी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलने के निर्देश दिए ।

इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय में जन अभाव अभियान निराकरण का काम देख रहे वसुंधरा राजे के निकटस्थ श्रीकृष्ण पाटीदार ने सभी सांसदों,विधायकों और भाजपा के जिला अध्यक्षों को पत्र लिखकर जनता से जुड़े चिकित्सा,शिक्षा,जलदाया,कृषि और सहकारिता जैसे महकमों में तबादलों के लिए कर्मचारियों की सूची भेजने को कहा है । जिला अध्यक्षों से कार्यकर्ताओं की सलाह को शामिल करते हुए तबादलों की सूची बनाने के लिए कहा गया है । लम्बे समय से वसुंधरा राजे सरकार के कामकाज के तरीकों से नाराज चल रहे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रदेश नेतृत्व से भी तबादलों को लेकर सुझाव मांगे हैं ।

संघ के प्रदेश नेतृत्व के पास अधिकारिक रूप से तो कोई पत्र नहीं भेजा गया,लेकिन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी ने संघ के पदाधिकारियों से मुलाकात कर तबादलों की सिफारिश भेजने का आग्रह किया है।


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