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Rajasthan: वसुंधरा राजे की देव दर्शन यात्रा के दौरान उदयपुर में कटारिया ने बनाई दूरी; अजमेर में सर्राफ ने डेरा जमाया

Rajasthan राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बुधवार को दिन भर उदयपुर शहर में रही लेकिन भाजपा के दिग्गज नेता और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उनके समर्थकों ने वसुंधरा के कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 08:45 PM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 08:45 PM (IST)
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे। फाइल फोटो

उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मेवाड़ देव दर्शन यात्रा के दौरान गुटबाजी को लेकर चर्चा फिर गर्म है। वसुंधरा राजे बुधवार को दिन भर उदयपुर शहर में रही, लेकिन भाजपा के दिग्गज नेता और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उनके समर्थकों ने वसुंधरा के कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखी। इस बीच, वसुंधरा राजे दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी, दिवंगत पूर्व सांसद महावीर भगोरा, मावली विधायक धर्मनारायण जोशी तथा उदयपुर नगर निगम के मेयर जीएस टाक के निवास पर पहुंची थी। वसुंधरा राजे ने इनके परिजनों को ढांढस बंधाया, जिनके परिवार के किसी ना किसी सदस्य की मौत कोरोना काल में हो गई थी। वसुंधरा राजे उनकी इस यात्रा को राजनीतिक की बजाय पूरी तरह पारिवारिक बता रही ,हैं लेकिन सियासत भी साफ दिखाई दे रही है।

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लोग इसकी चर्चा कर रहे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे उदयपुर में थीं तो उनके किसी भी कार्यक्रम में शहर विधायक व राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, जिलाध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली समेत अधिकांश पदाधिकारी दिखाई तक नहीं दिए। अपनी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा का स्वागत तो दूर उन्होंने उनसे मिलना भी मुनासिब नहीं समझा। नगर निगम मेयर जीएस टाक के घर जब वसुंधरा राजे पहुंची तो केवल उप सभापति पारस सिंघवी ही वहां मौजूद थे। भाजपा के पार्षद जो पार्टी के हर कार्यक्रम में मौजूद रहते थे, वह नदारद थे। जहां मेयर जीएस टांक, उनके साले पूर्व सभापति युधिष्ठिर कुमावत ने वसुंधरा राजे का आभार जताया। वसुंधरा राजे के कार्यक्रम में सांसद अर्जुनलाल मीणा, उदयपुर-ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा मौजूद थे।

पूर्व सांसद की पत्नी ने कहा, पेंशन तक नहीं मिल रही

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पूर्व सांसद महावीर भगोरा के घर पहुंची तथा दिवंगत भगोरा को श्रद्धांजलि देने के साथ परिजनों को ढांढस बंधाया। इस दौरान पूर्व सांसद की पत्नी रोने लगी और वसुंधरा राजे को बताया कि उनको पिछले कई महीनों से पेंशन तक नहीं मिल पा रही। वसुंधरा राजे ने उनके पेंशन संबंधी दस्तावेजों की कॉपी ली तथा उन्हें पूरी मदद का आश्वासन दिया। इसके बाद वह ब्राह्मणों का खेरवाड़ा गांव पहुंची जहां मावली विधायक धर्मनारायण जोशी के पैतृक मकान पर पहुंची। विधायक जोशी के भाई का पिछले दिनों देहांत हो गया था और वह विधायक के परिजनों को ढांढस बंधाने गई थीं। इससे पहले वसुंधरा राजे राजसमंद की दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी के घर भी पहुंची तथा वहां उनकी बेटी मौजूदा विधायक दीप्ती किरण माहेश्वरी और परिजनों से मुलाकात की। वसुंधरा राजे ने कहा कि उन्हें अभी तक यकीन नहीं हो पा रहा है कि किरण माहेश्वरी दुनिया में नहीं है। वह उनकी बेहतरीन सहयोगी थीं।  

वसुंधरा राजे की यात्रा को सफल बनाने के लिए पूर्व मंत्री सर्राफ ने अजमेर में डेरा जमाया

अजमेर, संवाद सूत्र। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की 23 नवंबर से चित्तौड़ के सांवलिया सेठ मंदिर से शुरू हुई यात्रा के 26 नवंबर को अजमेर में समापन के दृष्टिगत पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सर्राफ ने डेरा जमा लया है। पूर्व सीएम राजे की यात्रा का समापन 26 नवंबर को अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में जियारत और पुष्कर तीर्थ में ब्रह्मा मंदिर में दर्शन के साथ होगा। वसुंधरा राजे इस यात्रा को क्यों निकाल रही हैंस इसे लेकर जितनी जुबान उतनी बाते सामने आ रही हैं। किन्तु राजनीति के जानकारों की माने तो वे इस यात्रा को पीएम नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यख जेपी नड्डा के नेतृत्व वाली भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व पर दबाव डालने के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व ने राजे की यात्रा का कोई अधिकृत प्रोग्राम जारी नहीं किया है। जब किसी बड़े नेता की ऐसी राजनीतिक यात्रा निकलती है तो संगठन स्तर पर प्रोग्राम जारी होता है। राजे भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। यदि संगठन स्तर पर यात्रा होती तो संगठन स्तर पर प्रोग्राम भी जारी होता। चूंकि राजे अपने स्तर पर यात्रा निकाल रही हैं, इसलिए यह माना जा रहा है कि यह राष्ट्रीय नेतृत्व पर दबाव बनाने के लिए हैं।

सर्राफ का अजमेर में डेरा 

वसुंधरा राजे की यात्रा के प्रोग्रामों में किस तरह भाजपा कार्यकर्ताओं को एकत्रित किया जा रहा है, इसका अंदाजा पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक कालीचरण सर्राफ के अजमेर में ठहराव से लगाया जा सकता है। सर्राफ 23 नवंबर को ही अजमेर आ गए हैं और 26 नवंबर को यात्रा की समाप्ति पर ही जयपुर लौटेंगे। जिला प्रशासन से राजे के हेलीकाप्टर की अनुमति लेने से लेकर राजे के स्वागत सत्कार आदि की सभी तैयारियां सर्राफ कर रहे हैं। सर्राफ का प्रयास है कि राजे के साथ भाजपा के कार्यकर्ता अधिक से अधिक रहे। शहर भाजपा अध्यक्ष डा प्रियशील हाड़ा के पिता के निधन पर राजे शोक प्रकट करने जाएंगी। इसी प्रकार भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी के भाई और भाभी के निधन पर भी राजे शोक प्रकट करेंगी। ख्वाजा साहब की दरगाह में भी राजे के शानदार इस्तकबाल की तैयारियां की जा रही है।

दुल्हन की तरह सजेगा पुष्कर 

पुष्कर नगर पालिका के अध्यक्ष कमल पाठक राजे के पक्के समर्थक हैं। यही वजह है कि 26 नवंबर को राजे के आगमन पर पुष्कर को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा। पाठक ने बताया कि पुष्कर में राजे का ऐतिहासिक स्वागत किया जाएगा। मुख्यमंत्री रहते हुए राजे ने पुष्कर का बहुत विकास किया है। तय कार्यक्रम के अनुसार राजे दोपहर तीन बजे मेला मैदान पर बने अस्थाई हेलीपैड पर उतरेंगी और अपने परिवार के पुश्तैनी ग्वालियर घाट और सरोवर के घाट पर पूजा अर्चना करेंगी। ब्रह्मा मंदिर में दर्शन के बाद राजे सड़क मार्ग से अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत के लिए जाएंगी। इसके साथ राजे की चार दिवसीय यात्रा का समापन हो जाएगा। राजे का अजमेर से जयपुर लौटने का कार्यक्रम है।


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