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Rajasthan: वासुदेव देवनानी बोले-सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, वैक्सीन और जीवनरक्षक दवाइयों की कमी

Rajasthan वासुदेव देवनानी ने कहा कि चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को केंद्र सरकार की आलोचना छोड़कर और राजनीति से ऊपर उठकर प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्थाओं में सुधार करने और कोरोना से निपटने के लिए सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन वैंटीलेटर और जीवनरक्षक अन्य दवाइयां उपलब्ध कराने की ओर ध्यान देना चाहिए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 10:58 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 10:58 PM (IST)
Rajasthan: वासुदेव देवनानी बोले-सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, वैक्सीन और जीवनरक्षक दवाइयों की कमी
वासुदेव देवनानी बोले-सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन, वैंटीलेटर, वैक्सीन और जीवनरक्षक दवाइयों की कमी। फाइल फोटो

अजमेर, संवाद सूत्र। Rajasthan: पूर्व शिक्षा मंत्री व विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने कहा कि चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को केंद्र सरकार की आलोचना छोड़कर और राजनीति से ऊपर उठकर प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्थाओं में सुधार करने और कोरोना से निपटने के लिए सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन, वेंटीलेटर और जीवनरक्षक अन्य दवाइयां उपलब्ध कराने की ओर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे देश के साथ हमारा प्रदेश भी कोरोना महामारी से बुरी तरह ग्रस्त है। रोजाना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन, वैंटीलेटर और जीवनरक्षक दवाइयों की भारी कमी बनी हुई है। यही कारण है कि कोरोना से मरने वालों की संख्या भी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। देवनानी ने कहा कि इस संकट के समय में भी चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा केंद्र सरकार को बेवजह कोसने और राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं, जबकि उन्हें इस तरह की राजनीति छोड़कर व्यवस्थाओं में सुधार करने पर ध्यान देना चाहिए।

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नेहरू अस्पताल के भी हाल खराब

उन्होंने कहा कि चिकित्सा मंत्री के गृह जिले अजमेर में ही स्थिति बेहद खराब है। अजमेर जिले में रोजाना कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाओं के नाम पर जितने साधन उपलब्ध कराए गए हैं, वह काफी कम साबित हो रहे हैं। उन्होंने जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा है कि शासन और प्रशासन को इसमें जल्द से जल्द सुधार करना चाहिए, तो मरीजों को राहत मिल सके। यह बड़ी विकट स्थिति है कि मरीजों को भर्ती होने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है।

प्राइवेट अस्पतालों को करें पाबंद

देवनानी ने कहा कि एक तरफ नेहरू अस्पताल में सुविधाओं और व्यवस्थाओं की कमी है, तो दूसरी तरफ प्राइवेट अस्पताल कोरोना संक्रमितों को भर्ती करने से इंकार कर देते हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि वह सभी प्राइवेट अस्पतालों को अपने यहां उपलब्ध बैडों की संख्या उजागर करने के लिए पाबंद करें। इसमें यह भी रोजाना दर्शाया जाए कि कुल कितने बैड हैं, जिनमें से कितने बैडों पर मरीज भर्ती हैं और कितने बैड खाली हैं। ऐसा करने से प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर अंकुश लग सकेगा।

ऑक्सीजन की भारी कमी

उन्होंने कहा कि नेहरू अस्पताल में कोरोना मरीजों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। बताया जाता है कि जितने ऑक्सीजन सिलेंडरों की जरूरत है, उससे बहुत कम सिलेंडर मिल रहे हैं। यही कारण है कि मरीजों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। सिलेंडरों की संख्या कम होने के कारण स्टाफ भी लाचार नजर दिखाई देता है।

अजमेर के जेएलएन अस्पताल में लगेंगे 100 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर, 13 नए वेंटिलेटर भी खरीदे जाएंगे

कोरोना संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए अजमेर जिला प्रशासन ने गंभीरता दर्शाते हुए जवाहर लाल नेहरू अस्पताल को 100 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर खरीदने को मंजूरी दी है। इस यंत्र की सहायता से प्रति मिनट पांच से 10 लीटर ऑक्सीजन बनेगी जो सीधे ही मरीज को उपयोग के लिए उपलब्ध होगी। इसके साथ ही अब तक औद्योगिक उपयोग में लिए जा रहे 1404 सिलेंडर का अधिग्रहण कर लिया गया है। यह प्रक्रिया जारी रहेगी। अस्पताल में करीब दो करोड़ रुपये की लागत से 13 नए वेंटीलेटर भी खरीदे जाएंगे। पंचशील में स्थित शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी 70 बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा शुरू की जा रही है, ताकि गंभीर स्थितियों में इसे भी कोविड के इलाज के लिए उपयोग लिया जा सके। जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में स्मार्ट सिटी योजना के तहत ऑक्सीजन कन्संट्रेटर खरीदे जाएंगे। अस्पताल के लिए 100 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर खरीदने का निर्णय लिया गया है। यह यन्त्र हवा में उपलब्ध ऑक्सीजन को खींच कर मरीजों के उपयोग के योग्य बनाएगा। इस यंत्र की खासियत यह है कि इससे प्रति मिनट 5 से 10 लीटर ऑक्सीजन बनेगी जो मरीज सीधे ही उपयोग कर सकेंगे। इस योजना पर करीब एक करोड़ से अधिक लागत आएगी।

ऑक्सीजन सप्लाई और अस्पतालों के लिए डिस्कॉम में हाई अलर्ट, इंजीनियर्स को दिए दिशा-निर्देश

कोरोना महामारी संक्रमण रोकने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों के तहत अजमेर विद्युत वितरण निगम में भी हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। निगम क्षेत्र के सभी 14 ऑक्सीजन प्लांटों और सभी अस्पतालों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अभियंताओं को सतर्क रहने तथा जिम्मेदारी पूर्ण ढंग से उठाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रबंध निदेशक वीएस भाटी ने बताया कि डिस्कॉम के सप्लाई से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिए गए कि अस्पतालों व ऑक्सीजन प्लांटों में निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति जारी रहें। इसमे किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रबंध निदेशक स्वयं इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। अजमेर डिस्कॉम के क्षेत्र में कुल 14 ऑक्सीजन प्लांट हैं। इन सभी प्लांटों व अस्पतालों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति देना हमारी जिम्मेदारी है। सभी अधीक्षण अभियंताओं को निर्देश दिए गए कि वे अपने क्षेत्राधीन स्थित ऑक्सीजन प्लांटों का लगातार दौरा करें व प्लांट के मालिक से वस्तुस्थिति की जानकारी लें। अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अस्पतालों में भी विद्युत आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रहे, किसी भी तरह की ट्रिपिंग न हो इसका विशेष ध्यान रखे।

प्रबंध निदेशक के निर्देशों के तहत टीए प्रशांत पंवार ने संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में निर्बाध विद्युत आपूर्ति बनाएं रखने के लिए दौरा किया। पंवार के नेतृत्व में अभियंताओं ने जीएसएस पर पाई गईं कमियों को तुरंत दूर करने के लिए टाटा पावर को निर्देश दिए। भाटी ने ऑक्सीजन प्लांटों के मालिकों को भी राहत देते हुए कहा कि अजमेर डिस्कॉम द्वारा विद्युत बिल की राशि बकाया होने के कारण किसी भी ऑक्सीजन प्लांट का विद्युत कनेक्शन नही काटा जाएगा। ऑक्सीजन प्लांट में दो मिनट भी विद्युत आपूर्ति रुकती है तो उसे रीसाइक्लिंग में लगभग 30 मिनट लगते है। इसलिए कोविड महामारी के मद्देनजर सभी संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को ऑक्सीजन प्लांटों एवं अस्पतालों को हरहाल में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के निर्देश दिए हैं।


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