Rajasthan: वासुदेव देवनानी का आरोप, राजस्थान सरकार ने केंद्र से मिले 1500 वेंटिलेटर नहीं चलाए; कबाड़ में पड़ी रहीं एंबुलेंस
Rajasthan वासुदेव देवनानी ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री राहत कोष से करोड़ों रुपये लागत के 19 सौ वेंटिलेटर राजस्थान को दिए लेकिन कांग्रेस सरकार ने इनमें से 15 सौ वेंटिलेटरों का उपयोग नहीं किया।
अजमेर, संवाद सूत्र। Rajasthan: पूर्व शिक्षा मंत्री व विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री राहत कोष से मिले वेंटिलेटरों का उपयोग नहीं करने से अनेक मरीजों की जानें चली जाने और आधी से ज्यादा एंबुलेंस कबाड़खाने में पड़ी रहने के लिए सीधे तौर पर राज्य की कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है। देवनानी ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री राहत कोष से करोड़ों रुपये लागत के 19 सौ वेंटिलेटर राजस्थान को दिए, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इनमें से 15 सौ वेंटिलेटरों का उपयोग महज इसलिए नहीं किया, क्योंकि इन वेंटिलेटरों पर पीएम केयर फंड का लेवल लगा हुआ था। इसका यह मतबल यह हुआ कि कांग्रेस सरकार को मरीजों की जान बचाने की चिंता नहीं है और उसका मकसद केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करना है।
तकनीशियनों को भी प्रशिक्षण नहीं दिया
देवनानी ने कहा कि जब वेंटिलेटरों के उपयोग की पड़ताल होने लगी, तो इन वेंटिलेटरों को खराब बताया जाने लगा, जबकि यही वेंटिलेटर अन्य राज्यों में बहुत अच्छी तरह से चल रहे हैं और मरीजों की जानें बचाई गई हैं। उन्हें यह बात अभी तक समझ में नहीं आ रही है कि आखिर कांग्रेस मरीजों और आमजन के हितों की कीमत पर ओछी राजनीति क्यों करती है। वेंटिलेटर चाहे प्रधानमंत्री राहत कोष से आएं या कोई दानदाता भेंट करे या राज्य सरकार खरीदे, उनका उपयोग मरीजों की जान बचाने के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वेंटिलेटरों का उपयोग नहीं करने के मकसद से इन्हें संचालित करने के लिए तकनीशियनों को प्रशिक्षण भी नहीं किया। यदि सरकार समय रहते तकनीशियनों को प्रशिक्षण देकर इन वेंटिलेटरों का उपयोग करती, तो अनेकों मरीजों का जीवन बचाया जा सकता था।
एंबुलेंस के अभाव में परेशान हुए ग्रामीण
उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब सवा सात सौ एंबुलेंस (108 सेवा) हैं। इनमें से आधी से ज्यादा कबाड़खाने में पड़ी हुई हैं। कोरोना महामारी के भारी संकटकाल में भी इन एंबुलेंस की चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा सुध नहीं ले पाए। यदि इन एंबुलेंस को ठीक कराकर उपयोग में किया जाता तो आमजन विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के सैकड़ों मरीजों को समय रहते अस्पतालों में पहुंचाया जा सकता था। एंबुलेंस के अभाव में ग्रामीणों को अपने परिवार के मरीज को बैलगाड़ियों, ठेलों और टैक्टरों के अलावा कंधों पर लादकर अस्पताल तक पहुंचाना पड़ा। इस स्थिति में कुछ मरीजों ने तो अस्पताल पहुंचने से दम तोड़ दिया था। यदि एंबुलेंस होती, तो मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचा कर उनकी जान बचाई जा सकती थी।
सरकार सुधारें व्यवस्थाएं, बचाए मरीजों की जान
देवनानी ने कहा कि इन एंबुलेंसों के कबाड़खाने में पडे़ रहने सरकार की प्रशासनिक अक्षमता का गंभीर उदाहरण है। इससे यह जाहिर हो जाता है कि सरकार कोरोना से निपटने और मरीजों की जान बचाने के लिए कितनी गंभीर है। उन्होंने कहा कि सरकार को अभी भी चिकित्सा व्यवस्थाओं में सुधार कर मरीजों की जान बचाने के लिए भरपूर प्रयास करने चाहिए।
वीर सावरकर हर भारतीय के लिए प्रेरणास्रोतः देवनानी
पूर्व शिक्षा मंत्री व विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में से क्रांतिकारी और महान शब्द हटाने से क्रांतिकारी विनायक दामोदर वीर सावरकर का कद कभी भी घटने वाला नहीं है। वीर सावरकर महान क्रांतिकारी थे। वे हर भारतीय के लिए प्रेरणास्रोत हैं और हमेशा रहेंगे। देवनानी ने वीर सावरकर की जयंती पर अपने निवास पर आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा के शासनकाल में वीर सावरकर को शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने पाठ्यक्रम में से सावरकर के नाम से क्रांतिकारी और महान शब्द हटाने के साथ अनर्गल बातें जोड़ते हुए वीर सावरकर का कद घटाने का काम किया है। किंतु वीर सावरकर का कद इतना बड़ा है कि उनका कद घटाने का कोई भी प्रयास बौना साबित होता है।
उन्होंने कहा कि वीर सावरकर वह महान क्रांतिकारी थे, जिन्होंने अंग्रेजों से डटकर मुकाबला किया और अंग्रेजों की किसी भी कार्यवाही के आगे झुके नहीं। अंग्रेजों ने उन्हें दो बार आजीवन कारावास की सजा सुना कर सेलुलर जेल की काल कोठरी में डाल दिया था, घाणी में बैलों की जगह उन्हें जोता गया, इसके बावजूद वीर सावरकर वाकई में वीर थे और उन्होंने देश की आजादी के लिए अंग्रेजों के हर जुल्मों को सहा। वीर सावरकर ने 1857 के आजादी आंदोलन पर पुस्तक लिखी, किंतु अंग्रेजों ने उसे छपने से पहले ही जब्त कर लिया था। अंग्रेजों और कांग्रेस ने वीर सावरकर का अपमान किया। कांग्रेस कभी भी क्रांतिकारियों और महान पुरुषों की पक्षधर नहीं रही। केवल एक ही परिवार की पूजा करना कांग्रेस का स्वभाव रहा। देवनानी ने कहा कि भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो अतीत में भी महान पुरुषों और क्रांतिकारियों को सम्मान देती रही है और आगे भी देती रहेगी। भाजपा की हर रीति-नीति में इन महान पुरुषों और क्रांतिकारियों की प्रेरणा शामिल होती है। यही कारण है कि भाजपा लगातार प्रगति करती हुई देशभर में शासन करने वाली बड़ी पार्टी बन गई है।
वीर सावरकर से कार्यकर्ता लें प्रेरणा
उन्होंने कहा कि ’’मातृभूमि के लिए जीना और मर जाना ही जीवन की सार्थकता है’’, वीर सावरकर का यह विरोचित मंत्र देश की भावी पीढ़ियों को राष्ट्र उत्थान एवं सेवा के लिए हमेशा प्रेरित करता रहेगा। देवनानी ने पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे महान पुरूषों और क्रांतिकारियों के जीवन से प्रेरणा लेकर देश और समाज की सेवा करें। इस मौके पर वरिष्ठ भाजपा नेता सीताराम शर्मा, पार्षद रूबी जैन, पूर्व पार्षद अनीश मोयल, रचित कच्छावा आदि भी मौजूद रहे।