चुनावी साल में कर्ज माफी की तैयारी में वसुंधरा सरकार
चुनावी साल में राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार किसानों का कर्ज माफ करने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बजट में कर्ज माफी की घोषणा करेंगी।
जयपुर, [जागरण संवाददाता] । चुनावी साल में राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार किसानों का कर्ज माफ करने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बजट में कर्ज माफी की घोषणा करेंगी। केरल की तर्ज पर राजस्थान में किसान आयोग बनाकर कर्ज चुकाने में नाकाम रहे किसानों से आवेदन पत्र मांगे जाएंगे और फिर कर्जदार किसान की आर्थिक स्थिति,मौसम और फसल का अध्ययन करवाकर कर्ज माफ होंगे। कर्ज माफी की सीमा 11 हजार से 1 लाख रूपए तक होगी ।
हालांकि कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दल और किसान संगठन केरल मॉडल के पक्ष में नहीं है। केरल मॉडल को राजस्थान में अपनाने का विरोध करने वालों का तर्क है कि केरल मॉडल लागू होने से राजस्थान के किसानों को अधिक फायदा नहीं होगा । राजस्थान और किसान की स्थिति में काफी फर्क है,किसान आयोग के माध्यम से किसानों की सुनवाई कराने का निर्णय कर्ज माफी के मामले को लम्बा खींचना जैसा है । राजस्थान के 50 लाख किसानों ने विभिन्न बैंकों एवं अन्य संस्थाओं से 27 हजार रूपए करोड़ रूपए के कर्ज ले रखे हैं ।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में किसानों की कर्ज माफी को लेकर पिछले दो साल से आदोंलन चल रहा है । किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में गांव बंद आंदोलन चल रहा है । इसी तरह माकपा से सम्बद्ध भारतीय किसान सभा ने पिछले माह किसान आंदोलन किया। इसके बाद सरकार ने प्रदेश के जल संसाधन मंत्री डॉ.रामप्रताप की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर कर्ज माफी करने वाले राज्यों का दौरा कर वहां के हालात का अध्ययन करने के लिए भेजी थी । कमेटी ने महाराष्ट्र,उत्तरप्रदेश और केरल का दौरा करने के साथ ही कर्ज माफी को लेकर विशेषज्ञों एवं किसान संगठनों की राय ली ।
सरकार ने कर्ज माफी का तो मानस बना लिया,लेकिन कर्ज माफी से 27 हजार करोड़ रूपए का आर्थिक भार पड़ने की संभावना को देखते हुए मध्यम मार्ग निकालते हुए केरल की तर्ज पर कर्ज माफी करने की योजना बनाई है । कमेटी ने साफ किया कि सभी किसानों का कर्ज एकसाथ माफी नहीं किया जाएगा । राज्य स्तरीय आयोग बनाकर एक-एक किसान को बुलाकर कर्ज माफी का आवेदन लिया जाएगा,इसमें किसान को खुद को डिफाल्टर घोषित करना होगा ।
इसके बाद आयोग गुण-अवगुण के आधार पर कर्ज माफी का फैसला करेगा । कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक गोविंद सिंह डोटासरा,माकपा के अमराराम और किसान महापंचायत के रामपाल जाट केरल की तर्ज पर कर्ज माफी के निर्णय को मानने को तैयार नहीं है । इनका कहना है कि आयोग बनाकर एक-एक किसान की सुनवाई करने में इतना वक्त लग जाएगा कि जब तक विधानसभा चुनाव आ जाएंगे और इस दौरान कुछ ही किसानों के कर्ज माफ हो सकेंगे । इन नेताओं का आरोप है कि सरकार घोषणा कर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है ।
कर्ज माफी पर सरकार कर रही विचार
राज्य के जल संसाधन मंत्री डॉ.रामप्रताप और सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक का कहना है कि प्रदेश सरकार किसानों की कर्ज माफी पर विचार कर रही है । उच्च स्तरीय समिति ने कर्ज माफ करने वाले राज्यों का दौरा कर वहां के बारे में पूरा अध्ययन किया है । समिति के सदस्यों से राय मांगी गई है,शीघ्र निर्णय होगा