Rajasthan: बेटे की शादी के साथ सात निर्धन कन्याओं का किया कन्यादान
Unique Marriage in Rajasthan. डाॅक्टर ने बेटे की शादी के साथ सात निर्धन कन्याओं का भी विवार कराया और उनका कन्यादान किया।
जयपुर, जेएनएन। Unique Marriage in Rajasthan. राजस्थान के सवाई माधोपुर में एक रिटायर्ड डाॅक्टर ने अपने बेटे की शादी के साथ ही सात निर्धन कन्याओं का कन्यादान भी किया है। इन कन्याओं का चुनाव भारत विकास परिषद ने किया था और इनकी शादी का खर्च डाॅक्टर आरपी गुप्ता ने उठाया है।
सवाई माधोपुर में रह रहे डाॅक्टर आरपी गुप्ता सरकारी चिकित्सक थे। कुछ समय पहले वह रिटायर हो गए। वे भारत विकास परिषद से भी जुड़े हैं। गुप्ता का कहना है कि बेटे सारांश की शादी की बात पक्की होने के बाद न जाने कैसे यह ख्याल भी आया कि मुझे निर्धन कन्याओं की शादी भी करनी चाहिए, हालांकि उनके स्वयं की भी बेटी है, लेकिन उन्होंने अपने विचार के बारे में जब परिवार में पत्नी और बेटे सारांश को बताया तो वे भी इस विचार से काफी खुश हुए और इसके लिए रजामंदी दे दी।
बेटे ने अपनी ओर से भी कुछ मदद की। सारांश की शादी गत आठ दिसंबर को थी। आशीर्वाद समारोह गत 11 दिसंबर को था। डाॅक्टर ने इसी दिन सात निर्धन कन्याओं का भी विवार कराया और उनका कन्यादान किया। बाद में इन कन्याओं ने डाॅक्टर गुप्ता के बेटे सारांश और बहू साक्षी को आशीर्वाद भी दिया।
कपड़ा व्यापारी ने मंदिर में बेटे की शादी करा पेश की सादगी की नजीर
व्यापारी समुदाय के लोगों में आमतौर पर समारोहों में खर्च को स्टेटस सिंबल माना जाता है, लेकिन महानगर के जाने माने कपड़ा व्यापारी दीपक कुमार अग्रवाल ने सादगी की एक नजीर पेश करते हुए अपने बेटे का विवाह एक मंदिर में संपन्न कराया। पहले विवाह समारोह उदयपुर पैलेस में आयोजित होना था।
दीपक कुमार अग्रवाल अहमदाबाद के मस्कती कपड़ा बाजार के प्रमुख व्यापारी हैं। उनके पुत्र शुभम अग्रवाल की सगाई ध्वनि अग्रवाल के साथ हुई थी। उदयपुर पैलेस में विवाह कराने की तैयारियां भी परिवार करने लगा था कि अचानक शुभम के चाचा संजय अग्रवाल ने सुझाव दिया कि यह विवाह अहमदाबाद में सादगी से संपन्न कराकर परिवार को फालतू खर्च बचाने का एक उदाहरण पेश करना चाहिए।
दीपक व उनके समधी ने संजय के प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार कर लिया और रविवार को अपने बच्चों का विवाह पूरी सादगी के साथ अहमदबााद में श्री राणी शक्ति सेवा समिति शाहीबाग मंदिर में संपन्न कराया। विवाह समारोह में दूल्हा-दुल्हन के अलावा करीब एक दर्जन लोग शामिल हुए। अग्रवाल समाज ने भी विवाह समारोहों में होने वाले व्यर्थ खर्च पर रोक लगाने की नसीहत दी थी।