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Rajasthan: पीएम मोदी की ओर से ख्वाजा की दरगाह पर मुख्तार अब्बास नकवी ने चढ़ाई चादर

Ajmer Dargah. पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से ख्वाजा की दरगाह पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने चादर चढ़ाई।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Wed, 26 Feb 2020 05:08 PM (IST)
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Rajasthan: पीएम मोदी की ओर से ख्वाजा की दरगाह पर मुख्तार अब्बास नकवी ने चढ़ाई चादर

अजमेर, जेएनएन। Ajmer Dargah. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अजमेर स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 808वें सालाना उर्स के अवसर पर चादर पेश की गई। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने ख्वाजा के दरबार में हाजिर होकर चादर के साथ अकीदत के पुष्प पेश किए। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा भेजा गया संदेश भी पढ़ कर सुनाया।

प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि सद्भावना और सौहार्द के आदर्श प्रतीक के रूप में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह दुनिया भर से विविध आस्थाओं और मान्यताओं के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। अनेकता में एकता हमारे देश की खूबसूरती है और सालाना उर्स इसी भावना को संजोने, सहेजने और महसूस करने का अवसर है।

उन्होंने कहा कि भारत समृद्ध आध्यात्मिक परंपराओं का देश है और देश के सूफी संतों ने अपने आदर्शों और विचारों के माध्यम से राष्ट्र के सांस्कृतिक ताने बाने को सदैव मजबूत करने का प्रयास किया है। शांति और एकता का उनका पैगाम हमें जीवन में अनुशासित , शालीन और संयमित रहने की सीख देता है। प्रधानमंत्री ने 808 वें सालाना उर्स के मौके पर विश्वभर में उनके अनुयायियो को बधाई व शुभकामनाएं दीं। साथ ही, देश की समृद्धि की कामना की।

केंद्रीय मंत्री नकवी अजमेर शरीफ पहुंचे और मोदी की चादर अपने सिर पर रखकर आस्ताने शरीफ के जन्नती दरवाजे से दाखिल हुए। प्रधानमंत्री की तरफ से चादर पेश करने के बाद नकवी ने देश में अमन चैन और भाईचारे की दुआ मांगी। नकवी ने इस मौके पर अजमेर शरीफ के लिए भेजे प्रधानमंत्री मोदी के संदेश को बुलंद दरवाजे पर पढ़कर सुनाया।

इस मौके पर दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान, नाजिम शकील अहमद, सहायक नाजिम मोहम्मद आदिल, जिला पुलिस प्रशासन व प्रशासन के अधिकारी, अंजुमनों के पदाधिकारी सहित सैंकड़ो जायरीन मौजूद थे।

उर्स की रस्में

ख्वाजा साहब का उर्स मंगलवार को रजब का चांद दिखाई देने के साथ शुरू हो गया। इसी के साथ ही रात्रि 12 बजे आस्ताना शरीफ पर शाही गुस्ल की परंपरा निभाई गई। इस दौरान अकीदत मंदों का हुजूम दरगाह परिसर में उमड़ा रहा। इत्र और चंदन के लेप हुआ। रात्रि में उर्स की महफिल सजने लगी।

देश भर से 266 बसे पहुंचीं विश्राम स्थली

उर्स के मौके पर अब तक देश भर से 266 बसें अजमेर शरीफ स्थित विश्राम स्थली पहुंच चुकी हैं, जबकि विशेष रेलगाड़ियों व अन्य निजी साधनों से जायरीन का अजमेर शरीफ पहुंचने का सिलसिला जारी है।

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