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Metro: राजस्थान में बनेगी एकीकृत मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी

Unified Metropolitan Transport Authority. राजस्थान में एकीकृत मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी बनाने की कवायद शुरू की गई है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 01:40 PM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 01:40 PM (IST)
Metro: राजस्थान में बनेगी एकीकृत मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी

राज्य ब्यूरो, जयपुर। जयपुर में मेट्रो रेल परियोजना का दूसरा रूट शुरू करने में जुटी गहलोत सरकार राज्य में एकीकृत मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी का गठन करेगी। इसके गठन के जरिये प्रदेश सरकार को मेट्रो परियोजना के लिए केंद्र से सहायता मिलना आसान हो जाएगा।

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राजस्थान में मौजूदा सरकार जयपुर में मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे रूट को सरकार के संसाधनों से ही शुरू करना चाहती है। इसके साथ ही राजस्थान के जयपुर सहित बड़े शहरों मे सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को भी सरकार मजबूत करना चाहती है। इसी उद्देश्य से यूनिफाइड मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के गठन की कवायद शुरू की गई है। जयपुर में मेट्रो परियोजना के दूसरे रूट के लिए वर्ष 2014 से प्रयास चल रहे हैं, लेकिन पिछली सरकार इसे निजी क्षेत्र के सहयोग से बनाना चाहती थी।

मौजूदा सरकार अपने संसाधनों से ही तैयार कराना चाहती है। दूसरे रूट की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बना रहे दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिए प्रस्तुतीकरण में बताया कि कुछ उपाय लागू किए जाएं तो इस रूट की लागत 40 फीसदी तक घट सकती है। ऐसे में सरकार इसे लेकर ओर ज्यादा गंभीर हो गई है।

केंद्र सरकार देती है मदद

केंद्र सरकार ने 2017 में मेट्रो पॉलिसी लागू की थी। इसके तहत केंद्र सरकार कुछ शतरें के साथ मेट्रो परियोजना में 20 फीसद हिस्सेदारी देती है। इनमें सबसे अहम शर्त है कि जिस शहर में मेट्रो लाई जाए, वहां यूनिफाइड मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी का गठन किया जाए। यही कारण है कि राज्य सरकार अब इस अथॉरिटी के गठन में जुट गई है। 

सूत्रों का कहना है कि इसके गठन से न सिर्फ मेट्रो के लिए केंद्र से आर्थिक सहायता मिलने में मदद मिलेगी, बल्कि राजस्थान में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था मजबूत करने की योजना और इसके क्रियान्वयन में आसानी रहेगी। राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, कोटा सहित बड़े शहरों में वाहनों का दबाव बढ़ रहा है। इन शहरों में व्यवस्थित सार्वजनिक परिहवन व्यवस्था नहीं है। सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था की जिम्मेदारी कई एजेंसियों के बीच बंटी हुई है और इनमें समन्वय का भी अभाव है। ऐसे में इस अथॉरिटी के गठन को हर तरह से जरूरी माना जा रहा है।

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में इसे लेकर पिछले दिनों एक अहम बैठक भी हो चुकी है। बैठक में इस अथॉरिटी का खाका बहुत हद तक तैयार कर लिया गया है। यह अथॉरिटी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनेगी और नगरीय विकास विभाग अथॉरिटी का नोडल विभाग होगा। अथॉरिटी का सबसे बड़ा काम सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में लगी एजेंसियों में समन्वय करना और फिलहाल जयपुर में एकीकृत सार्वजनिक व्यवस्था लागू करने के लिए नीति निर्माण करना होगा।

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