Move to Jagran APP

Rajasthan: नाखुश दलितों ने बढ़ाई गहलोत सरकार की चिंता, मनाने में जुटे मंत्री

Rajasthan जालोर के सुराणा में दलित बच्चे इंद्र मेघवाल की मौत के बाद कांग्रेस सरकार को अनुसूचित जाति के मतदाताओं को खुश रखने की चिंता सता रही है। दलित समाज की नाराजगी कम करने के लिहाज से अशोक गहलोत ने छह मंत्रियों व कई दर्जन विधायकों को जालोर भेजा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 19 Aug 2022 05:59 PM (IST)Updated: Fri, 19 Aug 2022 05:59 PM (IST)
राजस्थान में नाखुश दलितों ने बढ़ाई कांग्रेस सरकार की चिंता, मनाने में जुटे मंत्री। फाइल फोटो

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। Rajasthan News: राजस्थान में जालोर जिले के सुराणा गांव में दलित बच्चे इंद्र मेघवाल की मौत के बाद कांग्रेस सरकार को अनुसूचित जाति के मतदाताओं को खुश रखने की चिंता सता रही है। दलित समाज की नाराजगी कम करने के लिहाज से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने पिछले पांच दिन में छह मंत्रियों और आधा दर्जन विधायकों को जालोर भेजा है। सरकार में मेघवाल समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले आपदा प्रबंधन मंत्री गोविंद राम को लोगों की नाराजगी दूर करने का जिम्मा सौंपा गया है।

loksabha election banner

मेघवाल समाज के कांग्रेसी नेता भी सक्रिय

मेघवाल समाज के कांग्रेसी नेता भी सक्रिय हैं। प्रदेश में 18 फीसद अनुसूचित जाति वर्ग में सबसे ज्यादा मतदाता मेघवाल समाज के हैं। ऐसे में इस वर्ग के लिए आरक्षित 34 विधानसभा सीटों को लेकर कांग्रेस नेतृत्व चिंता में है। मेघवाल समाज ने सरकार और कांग्रेस नेतृत्व से साफ नाराजगी जाहिर की है। मेघवाल समाज की नाराजगी दूर करने के लिहाज से राज्य सरकार इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने पर विचार कर रही है। अगले एक-दो दिन में सीबीआई को जांच सौंपने को लेकर राज्य सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा जा सकता है।

इन मंत्रियों ने संभाली कमान

सीएम के निर्देश पर दलित मतदाताओं विशेषकर मेघवाल समाज को खुश करने की कमान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, मंत्रियों में गोविंद राम मेघवाल, ममता भूपेश, टीकाराम जूली, भजन लाल जाटव व अर्जुन बामनिया को सौंपी गई है। मंत्री गोविंद राम और विधायक पानाचंद तो दो दिन तक सुराणा गांव में रहकर मेघवाल समाज के एक-एक घर में गए। दोनों ने कहा कि सरकार मेघवाल समाज के साथ है। बोर्ड व निगम के अध्यक्ष दलित समाज के बीच घूम रहे हैं। 200 में से 34 सीटें अजा वर्ग के लिए आरक्षित है। इनमें से वर्तमान में 19 सीटों पर कांग्रेस, 12 में भाजपा, दो में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक हैं। एक सीट पर निर्दलीय विधायक हैं। करीब 15 महीने बाद होने वाले चुनाव को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व की चिंता इस बात को लेकर है कि इंद्र मेघवाल की मौत मामले में उसे नुकसान हो सकता है।

दबाव की राजनीति जारी

सुराणा गांव में दलित नेताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। वहीं, सर्व समाज की तरफ से भी धरना दिया जा रहा है। दलित समाज 50 लाख का मुआवजा और इंद्र के एक स्वजन को सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बना रहा है। वहीं, सर्व समाज का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि मटकी से पानी लेने के मामले में शिक्षक छैल सिंह द्वारा बच्चे की पिटाई का आरोप गलत है। स्कूल में शिक्षक और बच्चे एक ही टंकी से पानी पीते हैं। उधर, भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर को शुक्रवार को भी पुलिस ने जालौर नहीं जाने दिया। ऐसे में उन्होंने मोबाइल पर बच्चे के स्वजनों से बात करने के बाद कहा कि पीड़ित परिवार का अब गांव में रहना सुरक्षित नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.