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एक साल तक बिना नौकरी बिना रजिस्टर में हाजिरी नहीं की और वेतन उठाते रहे कृष्णा पूनिया के पति वीरेंद्र

कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया के पति वीरेंद्र पूनिया जयपुर रेलवे स्टेशन पर मुख्य टिकट निरीक्षक के पद पर तैनात है। करीब एक साल तक रजिस्टर में हाजिरी नहीं की और वेतन उठाते रहे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 29 Jun 2019 02:35 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2019 02:35 PM (IST)
एक साल तक बिना नौकरी बिना रजिस्टर में हाजिरी नहीं की और वेतन उठाते रहे कृष्णा पूनिया के पति वीरेंद्र

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान की कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया के पति द्रोणाचार्य अवार्ड विजेता वीरेंद्र पूनिया के एक साल से कागजों में नौकरी करने और वेतन उठाने का मामला उजागर होने के बाद रेलवे ने उनसे वेतन की राशि वसूल करने की तैयारी कर ली है। वीरेंद्र पूनिया जयपुर रेलवे स्टेशन पर मुख्य टिकट निरीक्षक (सीटीआई,स्लीपर) के पद पर तैनात है। उन्होंने करीब एक साल तक रजिस्टर में हाजिरी नहीं की और वेतन उठाते रहे।

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मामला उजागर होने के बाद रेलवे ने आंतरिक जांच की और अब बिना नौकरी किए एक साल तक वेतन उठाने वाले पूनिया के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। रेलवे पूनिया से वेतन की राशि वापस वसूलने की तैयारी कर रहा है। इस बारे में अधिकारिक आदेश अगले एक-दो दिन में जारी होंगे।

यह है पूरा मामला

कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया ने जब साल, 2010 में कॉमनवेल्थ खेल में स्पर्ण पदक जीता था तो उनके पति वीरेंद्र पूनिया को कोच होने द्रोर्णाचार्य अवार्ड दिया गया। वीरेन्द्र पूनिया को रेलवे ने 25 फरवरी, 2015 को जयपुर स्थित गणपति रेलवे स्टेडियम में एथलिट कोच के पद पर नियुक्त किया था। उन्हे नये खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन वीरेंद्र पूनिया नये खिलाड़ी तैयारी करने के बजाय अपनी पत्नी कृष्णा पूनिया की राजनीतिक फिल्डींग जमाने में जुट गए।

इस पर रेल मंत्रालय तक उनकी शिकायत पहुंची तो मार्च, 2018 में पूनिया का तबादला अजमेर में टिकट निरीक्षक के पद पर कर दिया गया। लेकिन पूनिया ने ड्यूटी ज्वाइन नहीं की और इसी बीच उनकी पत्नी कृष्णा पूनिया को सादुलपुर विधानसभा सीट से टिकट मिल गया। पत्नी को टिकट मिलते ही वीरेंद्र पूनिया ने चुनाव अभियान का पूरा जिम्मा संभाल लिया।

पत्नी के चुनाव अभियान में वीरेंद्र पूनिया की सक्रियता से जुड़ी शिकायतें फोटो सहित रेल मंत्रालय को फिर मिली तो उन्हे ड्यृटी ज्वाइन करने का नोटिस जारी किया गया। लेकिन अपनी पहुंच के चलते वे तबादला होने के बावजूद कागजों में गणपति नगर स्टेडियम में ड्यूटी करते रहे, हालांकि उन्होंने हाजिरी रजिस्टर में एक दिन भी हस्ताक्षर नहीं किए और वेतन उठाते रहे। इस बारे में उत्तर-पश्चिम रेलवे खेल अधिकारी आर.के.अहलावत का कहना है कि मैने तो रेलवे के जयपुर मंडल को मार्च, 2018 में ही लिखित में वीरेंद्र पूनिया से जुड़ी जानकारी दे दी थी ।

वीरेंद्र पूनिया बोले, अभी जॉइन किया है

इस मामले में वीरेंद्र पूनिया का कहना है कि राजनीतिक परिस्थितियों में मुझे मोहरा बनाया जा रहा है। मेरा तबादला किया गया तो मुझे उसके आदेश ही नहीं मिले थे, इस कारण मैने ज्वाइन नहीं किया। अब 15 दिन पहले आदेश मिले तो ज्वाइन कर लिया। उन्होंने कहा कि मै तो खिलाड़ियों का भविष्य संवारने में जुटा हूं।  


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