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कभी खुली हवा में दहाड़ेगा 'उस्ताद', रणथंभोर अभयारण्य का टाइगर टी-24 छह साल से है कैद

कभी खुली हवा में दहाड़ेगा उस्ताद रणथंभोर अभयारण्य का टाइगर टी-24 उदयपुर के बायोलॉजिकल पार्क के नॉन डिस्पले के एनक्लोजर में छह साल से है कैद उस्ताद नाम से मशहूर टाइगर टी-24 रणथंभोर टाइगररिजर्व में पांच हजार हैक्टर क्षेत्र में घूमता थाअब खुली हवा में दहाड़ भी नहीं पा रहा।

By Priti JhaEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 01:52 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 01:55 PM (IST)
रणथंबोर से लाया गया टाइगर टी-24 यानी उस्ताद, इन दिनों उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में कैद है।

उदयपुर, सुभाष शर्मा। रणथंभोर अभयारण्य की शान रहा टाइगर टी-24 पिछले छह साल से उदयपुर के बायोलॉजिकल पार्क में एक तरह से कैद है। 'उस्ताद' नाम से मशहूर टाइगर टी-24 रणथंभोर टाइगर रिजर्व में पांच हजार हैक्टर क्षेत्र में घूमता था और यहां उसे नॉन डिस्पले एरिया यानी जहां लोग उसे देख नहीं पाएं, ऐसी जगह सीमित एरिया के एनक्लोजर में रखा गया है। ऐसे में वह अब खुली हवा में दहाड़ भी नहीं पा रहा।

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टाइगर टी-24 को छह साल पहले मई 2015 में रणथंभोर से उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट किया गया। चार लोगों के शिकार किए जाने पर उसे नरभक्षी घोषित कर दिया गया। जिसके बाद राज्य सरकार ने उसे इंसानों के लिए खतरा बताते हुए वहां से शिफ्ट किए जाने का निर्णय लिया। यहां आने के बाद भी उसे आजादी नहीं मिली और नॉन डिस्पले एरिया में रखा जा रहा है। इस दौरान उसकी कई बार तबियत खराब हुई और उपचार किया गया। पशु चिकित्सकों की मानें तो उसे खुले एरिया में रखा जाना आवश्यक है। यदि ऐसे ही रखा गया तो उसके शिकार करने की आदत जा सकती है।

अभी भी गुस्सैल, नए लोगों को देखकर हो जाता है उग्र

सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में रखे गया टाइगर टी-24 अभी भी गुस्सैल स्वभाव का है। उसके लिए भेाजन आदि की व्यवस्था करने वाले वनकर्मी रामसिंह का कहना है कि नए लोगों को देखकर अभी भी उग्र हो जाता है। हालांकि जिन लोगों को वह नियमित देखता है, उन्हें देखकर शांत ही रहता है। उसके खाने-पीने का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

कुंभलगढ़ में रखे जाने की थी तैयारी, बनाया था विशाल एनक्लोजर

टाइगर टी- 24 यानी उस्ताद को कुंभलगढ़ अभयारण्य में रखे जाने की वन विभाग ने तैयारी की थी और विशाल एनक्लोजर का निर्माण भी कराया था, जहां पर्यटक उसे देख पाएं। हालांकि इस योजना को मंजूरी का इंतजार है। यदि ऐसा होता है तो उसे दो लाख वर्ग गज के ऐरिया में रहने को मिलेगा।


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