पति ने स्पीड़ पोस्ट से एक पत्र भेजा जिसमें तीन बार तलाक-तलाक-तलाक लिखा था...
इस पर 25 साल की आफरीन ने तलाक पर आपत्ति जताई और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया ।
जयपुर, [नरेन्द्र शर्मा]। तीन तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा असैंवधानिक करार देने से खुश होने वाली मुस्लिम महिलाओं में से एक जयपुर की आफरीन भी है । अगस्त 2014 में एक मैरिज पोर्टल के माध्यम से इंदौर के वकील असहर वारसी से निकाह करने वाली आफरीन रहमान को उसके पति ने स्पीड़ पोस्ट से एक कागज पर तीन बार तलाक-तलाक-तलाक लिखकर भेज दिया ।
यह पढ़ते ही उसके होश उड़ गए । एमबीए की डिग्री ले चुकी आफरीन रहमान ने मुस्लिम समाज प्रतिष्ठित लोगों एवं अपने परिजनों के माध्यम से पति का समझाने का भी प्रयास किया,लेकिन वह नहीं माना । इस पर 25 साल की आफरीन ने तलाक पर आपत्ति जताई और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया ।
जयपुर की सामाजिक कार्यकर्ता निशात हुसैन सहित कुछ अन्य लोगों का इसमें सहयोग मिला और लम्बी लड़ाई के बाद वह आखिर इंसाफ पाने में सफल हो गई । सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनने के लिए मंगलवार को सुबह 5 बजे ही दिल्ली गई आफरीन रहमान ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि निकाह करने के बाद वह अपने ससुराल इंदौर गई तो कुछ माह बाद ही ससुराल वालों ने दहेज के लिए प्रताड़ति करना शुरू कर दिया । ससुराल वाले दहेज की मांग करने लगे,दहेज की मांग उसके माता-पिता ने पूरी नहीं की तो पिटाई करना शुरू कर दिया,चरीत्र को लेकर भी आरोप लगाए गए । पति ने भी कई बार प्रताड़ति किया,अंतत:वह मानसिक रूप से परेशान होकर दिसम्बर,2014 में जयपुर अपने मायके आ गई ।
इसी बीच जनवरी,2016 में उसके पति ने स्पीड़ पोस्ट से एक पत्र भेजा जिसमें तीन बार तलाक-तलाक-तलाक लिखा हुआ था । यह देखते ही वह परेशान हो गई और इस तलाक को मानने से इंकार कर दिया । उसने अपने परिजनों से साफ कह दिया कि इस तरह से तलाक देना पूरी तरह से गलत है । वह इसे बिल्कुल नहीं मान सकती,सामाजिक संगठनों एवं कुछ रिश्तेदारों के सहयोग से आफरीन रहमान ने सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी और आखिरकार मंगलवार को उसे इंसाफ मिल ही गया ।