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राजस्थानः साढ़े तीन लाख करोड़ के कर्जभार से जूझ रही गहलोत सरकार, विकास कार्य ठप

Ashok Gehlot government. राजस्थान में आर्थिक संकट के चलते नए विधायकों को अब तक विधायक कोष का पैसा आवंटित नहीं हो सका है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 05:18 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 05:18 PM (IST)
राजस्थानः साढ़े तीन लाख करोड़ के कर्जभार से जूझ रही गहलोत सरकार, विकास कार्य ठप

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के कर्जभार से जूझ रही राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को विकास कार्यों के लिए पैसा आवंटित करने में मुश्किल हो रही है। पहले से ही कर्जभार में डूबी राजस्थान सरकार पर किसान कर्जमाफी और बेरोजगारी भत्ते से और अधिक कर्ज बढ़ गया है। आर्थिक संकट के चलते नए विधायकों को अब तक विधायक कोष का पैसा आवंटित नहीं हो सका है। प्रत्येक विधायक को प्रतिवर्ष सवा दो करोड़ रुपये अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों पर खर्च करने के लिए बजट आवंटित किया जाता है। 200 सदस्यीय विधानसभा में 450 करोड़ रुपये का खर्चा प्रतिवर्ष विधायक कोष के माध्यम से किया जाता है।

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नियमों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष के शुरू में ही विधायक कोष का पैसा आवंटित किया जाता है, जिसे वे जिला कलेक्टर के माध्यम से खर्च करते है। लेकिन इस बार आधा वित्तीय वर्ष अर्थात इस साल का अगस्त वित्तीय वर्ष खत्म होने के बावजूद विधायकों कोष का पैसा नहीं मिला है। इस कारण जहां विधायकों में रोष है, वहीं ग्रामीण इलाकों में विकास कार्य ठप पड़े हैं। अब विपक्ष के साथ ही सत्तापक्ष के विधायक भी विधायक कोष की राशि शीघ्र ही कोष की राशि आवंटित करने की मांग करने लगे हैं।

सभी दलों के विधायक चाहते हैं शीघ्र मिले कोष में रकम

राज्य विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर विधायक कोष की राशि तत्काल जारी करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टरों को स्वीकृति जारी करने के लिए विधायक कोष का बजट जिला कोषालयों में स्थानांतरित कराया जाना चाहिए। कटारिया ने कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण विकास कार्य ठप पड़े हैं। 15वीं विधानसभा में निर्वाचित हुए विधायकों को विधायक कोष की राशि आवंटित नहीं की गई है।

भाजपा के वरिष्ठ विधायक राजेंद्र राठौड़ और भारतीय ट्राइबल पार्टी के राजकुमार रौड़ का कहना है कि विधायक कोष में पैसा नहीं होने से आम लोगों को काफी मुश्किल हो रही है। विधायक अपने स्तर पर जिला स्तर के अधिकारियों के साथ चर्चा कर विकास कार्य करा सकता है, लेकिन जब पैसा ही नहीं है तो विकास कार्य कैसे होंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने भी शीघ्र ही विधायक कोष की राशि जारी करने की बात कही है।

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