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कोचिंग हब कोटा में बिगड़ने लगे हालात, 9 माह से बंद पड़े हैं Coaching Centers

Coaching Hub Kota देश में कोचिंग हब के रूप में प्रसिद्ध कोटा की कोचिंग इंडस्ट्री को काफी नुकसान हुआ है। कोरोना महामारी के कारण 9 माह से बंद कोचिंग सेंटर्स के कारण हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। राज्‍य सरकार ने अभी तक इस बारे में निर्णय नहीं लिया है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 12:21 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 12:21 PM (IST)
कोचिंग हब कोटा में बिगड़ने लगे हालात, 9 माह से बंद पड़े हैं Coaching Centers
कोटा की 3000 करोड़ की कोचिंग इंडस्ट्री ठप पड़ी है

जयपुर, जागरण संवाददाता। देश के कई राज्यों में स्कूल और कोचिंग सेंटर्स खोलने को लेकर निर्णय हुआ है। लेकिन राजस्थान सरकार ने अब तक ऐसा नहीं किया। अशोक गहलोत सरकार द्वारा अब तक निर्णय नहीं करने के कारण देश में कोचिंग हब के रूप में प्रसिद्ध कोटा की कोचिंग इंडस्ट्री को काफी झटका लगा है। सरकार का निर्णय नहीं होने से कोटा की 3000 करोड़ की कोचिंग इंडस्ट्री ठप पड़ी है। कोरोना महामारी के कारण 9 माह से बंद कोचिंग सेंटर्स के कारण हजारों लोग बेरोजगार हैं। कोटा के निजी कोचिंग व हॉस्टल संचालकों का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा निर्णय नहीं किए जाने का सीधा फायदा अन्य राज्यों के कोचिंग सेंटर्स को मिल रहा है। 

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 देश के विभिन्न राज्यों से कोटा आने वाले स्टूडेंट्स अब अन्य राज्यों में कोचिंग के लिए जा रहे हैं। हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष शुभम अग्रवाल का कहना है कि कोरोना काल में कोटा में कोचिंग सेंटर्स की हालत खस्ता है। इस मामले में देरी किए जाने से कोचिंग और हॉस्टल इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा है ।प्रदेश के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल खुद मानते हैं कि कोटा का आर्थिक पहिया पिछले कई महीनों से जाम है। कोचिंग संचालकों का कहना है कि 9 माह से बंद होने के कारण स्टूडेंट्स अपने घर चले गए थे। कोचिंग व हॉस्टल संचालकों ने लोन लेकर निर्माण कार्य कराए थे। ऐसे में अब लोन की किश्त जमा कराना भी मुश्किल हो रहा है। 

 चंबल हॉस्टल एसोसिएशन के सचिव राजकुमार अग्रवाल का कहना है कि कोटा में प्रतिवर्ष 1 लाख 65 हजार स्टूडेंट्स कोचिंग के लिए देश के विभिन्न राज्यों से आते हैं। कोटा में करीब 3000 हॉस्टल और 2 हजार से ज्यादा पीजी हैं। बड़ी संख्या में मैस भी हैं। प्रत्येक हॉस्टल में औसतन 5 कर्मचारी भी मानें तो 15 हजार लोग नौकरी सिर्फ हॉस्टल्स में कर रहे हैं।

 यही नहीं कोचिंग संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों के परिवारों पर भी संकट लगातार गहराता जा रहा है। कोटा के कोचिंग सेंटर्स में कुल 5 हजार फैकल्टी है। ये सभी पिछले कई माह से आधे या इससे कम वेतन में गुजारा कर रहे हैं। कोचिंग संचालकों का कहना है कि जल्द ही कोचिंग सेंटर्स खोले जाने चाहिए, नहीं तो हालात काफी बिगड़ जाएंगे।


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