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Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर में दिखेगी राजस्थान के कारीगरों की कलाकारी, छेनी-हथौड़ा ले अयोध्या हुए रवाना

राजस्थान में दौसा जिले के सिकंदरा में नक्काशी करने वाले कारीगर अपना छेनी-हथौड़ा ले अयोध्या रवाना हो चुके हैं ये कारीगर राम मंदिर निर्माण के काम आने वाले पत्थरों पर नक्काशी करेंगे।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 02:39 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 02:39 PM (IST)
Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर में दिखेगी राजस्थान के कारीगरों की कलाकारी, छेनी-हथौड़ा ले अयोध्या हुए रवाना
Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर में दिखेगी राजस्थान के कारीगरों की कलाकारी, छेनी-हथौड़ा ले अयोध्या हुए रवाना

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राम मंदिर के भूमि पूजन के पांच दिन पहले राजस्थान में दौसा जिले के सिकंदरा में नक्काशी करने वाले कारीगर छेनी और हथौड़ा लेकर अयोध्या रवाना हो गए। दौसा के करीब दो दर्जन कारीगर पहले से ही अयोध्या पहुंच चुके हैं। अब अयोध्या गए कारीगर अयोध्या पहुंचकर राम मंदिर निर्माण के काम आने वाले पत्थरों पर नक्काशी करेंगे। वैसे तो सिंकदरा में पिछले कई साल से राम मंदिर निर्माण के काम आने वाले जाली, झारोखों, तोरण द्वार और पिलर नक्काशी करके तैयार रखे हुए हैँ, लेकिन भूमि पूजन का दिन तय होने के बाद यहां के कारीगरों ने काम तेज कर दिया है। 

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 सिंकदरा में जाली और झरोखे बनाने के काम में तेजी लाई गई है। पत्थर पर नक्काशी के लिए देश-दुनिया में प्रसिद्ध दौसा जिले के सिंकदरा के कारीगरों ने अपने औजार (छेनी, हथौड़ा, फावड़ा व फन्नी) संभाल लिए हैं। सिंकदरा स्टोन कारीगर एसोसिएशन के अध्यक्ष आरपी सैनी ने बताया कि वैसे तो यहां पिछले कई साल से राम मंदिर निर्माण के लिए झरोखों, जाली, पिलर और तोरणद्वार का निर्माण हो रहा था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इस काम में तेजी लाई गई है। उन्होंने बताया कि यहां से कुछ माल नि:शुल्क राम मंदिर के लिए भेजा जाएगा, बाकी के लिए बहुंत कम पैसा लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि करीब दो दशक पूर्व विहिप के नेता आचार्य गिरिराज किशोर ने यहां आकर हमारी कारीगरी देखी थी। 

 इसके बाद हमें काम करने के लिए कहा गया। पहले काम धीरे चल रहा था, कोर्ट का फैसला आते ही काम में तेजी लाई गई। अब भूमि पूजन के पांच दिन पहले कारीगर अयोध्या रवाना हो गए। ये सभी नि:शुल्क अपनी सेवा देंगे। उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण कार्य शुरु होने के बाद मांग के अनुसार कारीगर भेज जाएंगे। यहां के सैंडस्टोन पत्थरों पर नक्काशी की मांग भारत ही नहीं बल्कि दुबई और आस्ट्रेलिया में भी है।


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