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दसवीं के बाबूलाल ने बनाई बिना बिजली से चलने वाली आटा चक्की

सफलता के लिए शिक्षा से जरूरी लगन चाहिए। इसे प्रमाणित किया है उदयपुर जिले के एक युवक ने। जिसने ऐसी आटा चक्की बनाई है जिसे बिजली के बिना भी चलाया जा सकता है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 25 Jan 2019 10:20 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jan 2019 10:20 AM (IST)
दसवीं के बाबूलाल ने बनाई बिना बिजली से चलने वाली आटा चक्की
दसवीं के बाबूलाल ने बनाई बिना बिजली से चलने वाली आटा चक्की

उदयपुर, सुभाष शर्मा। सफलता के लिए शिक्षा से जरूरी लगन चाहिए। इसे प्रमाणित किया है उदयपुर जिले के एक युवक ने। जिसने ऐसी आटा चक्की बनाई है जिसे बिजली के बिना भी चलाया जा सकता है। उसकी इस जुगाड़ तकनीक से लोग चकित हैं। यह कारनामा करने वाला युवक मावली क्षेत्र के प्रकाशपुरा गांव का बाबूलाल है, जिसने हाल ही ओपन बोर्ड से दसवीं की परीक्षा दी है।

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बाबूलाल ने बताया कि उसके गांव में अकसर बिजली जाती रहती है। जिससे गांव के लोग बिजली से होने वाले छोटे-मोटे काम के लिए परेशान रहते थे। सबसे ज्यादा समस्या आटा पिसवाने को लेकर थी। दूसरे काम टाले जा सकते थे लेकिन आटा पिसवाना बेहद जरूरी है। उनकी समस्या देखकर उसने जुगाड़ तकनीक से ऐसी आटा चक्की बनाने का सेटअप तैयार किया, जो बिजली चले जाने के बाद भी चलती रहे। जिस पर उसने डीजल और चार्जेबल बैट्री से चलने वाला चक्की तैयार की।

बाबूलाल की ओर से तैयार चक्की सेटअप सभी को चकित कर रहा है। बाबूलाल ने बताया कि छोटी उम्र से ही तकनीकी काम में रूचि थी। चक्की के सेटअप में कई तरह के मशीन पाट्र्स को जोड़ा गया है। सारे पाट्र्स को खोलकर आसानी से एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता है। बाबूलाल ने चक्की सेटअप में पानी लिफ्ट करने का पम्प काम में लिया है। सेटअप इन्वर्टर सिस्टम पर आधारित है। इसमें इंजन, गियर बॉक्स, सेल्फ, नली, बैट्री, पंखा, बाइक की पेट्रोल टंकी को जोड़ा है। इंजन में डीजल सेचक्की चल सकती है। साथ ही 12 वोल्ट की बैट्री महज 1 घण्टे में चार्ज हो जाती है। इससे बाद 11 घण्टे तक चक्की बैटरी के सहारे चलाई जा सकती है।

उसने बताया कि गियर बॉक्स से पावरफुल इंजन को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे काम में गुणवत्ता लाई जा सकती है। बाबूलाल ने पहले फसल बुवाई का जुगाड़ बनाया था। जिससे खेत में बुवाई का काम आसान हो गया। कई ग्रामीणों ने प्रकाश के इस जुगाड़ को अपनाया। पहले जुगाड़ की सफलता के बाद बाबूलाल को आटा चक्की सेटअप बनाने की प्रेरणा मिली।

घरेलू बिजली की समस्या भी कर ली हल

बाबूलाल के तकनीक की खास बात यह भी है कि डीजल पम्प से चार्ज हुई बैट्री से घरेलू बिजली भी चलाई जा सकती है। बाबूलाल ने बताया कि गांव में बिजली कटौती की अधिकता के कारण ऐसा जुगाड़ सेटअप तैयार किया है, जो अनाज पिसवाने और घरेलू बिजली की मूलभूत जरुरतें पूरी कर सकता है। जुगाड़ में स्वीच स्टार्ट का सेट लगाया है, जिससे इसे चालू करने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती। 


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