Move to Jagran APP

Rajasthan: बेरोजगारी का दंश झेल रहे टेंट व्यवसायियों को सरकार से राहत का है इंतजार

सरकारी गाइडलाइन में लगातार टेंट लाइट कैटरिंग व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों को कोई राहत नहीं दी गई है ऐसे में राज्य का व्यवसाय अन्य राज्यों में स्थानांतरित होना और व्यवसाय से जुड़े प्रदेश के तमाम व्यापारियों और लेबर के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो रहा है।

By Priti JhaEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 09:41 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 09:41 AM (IST)
Rajasthan: बेरोजगारी का दंश झेल रहे टेंट व्यवसायियों को सरकार से राहत का है इंतजार
बेरोजगारी का दंश झेल रहे टेंट व्यवसायियों को सरकार से राहत का है इंतजार

जोधपुर, रंजन दवे। कोरोना केस काल में मॉडिफाई लॉकडाउन के बाद भी विवाह समारोह या अन्य आयोजनों से जुड़े व्यवसाय मायूस है और बेरोजगारी का दंश झेलने को मजबूर हैं। त्रिस्तरीय लॉकडाउन के बाद मॉडिफाई अनलॉक शुरू तो हुआ है लेकिन टेंट व्यवसाई और ऐसे ही विवाह सरीखे अन्य आयोजनों से जुड़े व्यवसायियों को सरकार से नाराजगी है। जिसकी वजह सरकारी गाइडलाइन में लगातार टेंट, लाइट, कैटरिंग व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों को कोई राहत नहीं दी गई है ऐसे में राज्य का व्यवसाय अन्य राज्यों में स्थानांतरित होना और व्यवसाय से जुड़े प्रदेश के तमाम व्यापारियों और लेबर के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो रहा है।

loksabha election banner

जोधपुर में संगठन के महासचिव शिवकुमार भाटी ने बताया कि सरकार द्वारा 31 मई 2021 को जारी गाइडलाइन में विवाह के आयोजन को 30 जुन 2021 तक बन्द रखा गया है, जबकि टेन्ट एसोसिएशन की तरफ से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास स्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जसमा क्षेत्र के विधायक एवं समस्त राजस्थान के 25 सांसदों को मेल भेज कर ज्ञापन दिया गया था व समस्या से अवगत कराया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने विवाह समारोह अन्य व्यवसाय पर 30 जून तक रोक लगाई थी। लेकिन अब सरकार ने अन्य व्यवसायियों को रियायत दी है, ऐसे में टेन्ट व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी राहत प्रदान की जाए।

संगठन के सुनील भाटी के अनुसार विवाह समारोह या अन्य समारोह जुड़े व्यवसाय टेंट और लाइट डेकोरेशन को कोई राहत प्रदान नहीं की गई। सरकार द्वारा सिटी बसों व रोडवेज का संचालन शुरू किया जा चुका है ऐसे में विवाह समारोह में तोरण गेट लगना और वर द्वारा घोड़ी पर बैठ कर तोरण मारना धर्म के अनुसार होता है परन्तु सरकार ने सभी पर पाबन्दी लगा दी ,जो तर्कसंगत नहीं है।

प्रदेश भर में सालाना 10000 करोड रुपए का व्यवसाय करने वाले और समाज के सुख दुख में बराबर के भागीदार कहे जाने वाले टेंट व्यवसाय दोहरी मार झेल रहे हैं। जोधपुर में संघटन के अध्यक्ष जितेन्द्र फोफलिया ने बताया कि मैरिज गार्डन संचालन करने वाले लोगों ने अपने सभी टैक्स और स्थानीय निकायों में लगने वाले करों की राशि जमा करा दी है इसके बावजूद सरकार की ओर से लगाई गई पाबंदी के बाद किसी प्रकार की रियायत नहीं मिली है जबकि सरकार द्वारा विवाह समारोह को लेकर पूर्व में बुक की गई अग्रिम राशि लौटाने को लेकर दबाव बनाया गया है।

जोधपुर टेन्ट ऐसोसिएशन ,राजस्थान टेंट डीलर्स किराया व्यवसाय समिति जयपुर, ने बुकिंग की अग्रीम राशि लौटाने के विषय को लेकर टेन्ट प्रतिनिधियों ने सरकार तथा सरकार के प्रत्येक विधायक से संपर्क करके अपनी समस्या बताई गई थी। इसके अलावा राजस्थान के 25 सांसदों से भी संगठन के पदाधिकारियों ने संपर्क किया था। लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक पहल दिखाई नहीं दे रही है ऐसे में भवन और गार्डन प्लेस मेंटिनेंस ,उनके लिए की गई आवश्यक साज सज्जा और लेबर का भार टेंट संचालकों और मैरिज प्लेस संचालकों को उठाना पड़ रहा है।

प्रदेश के टेंट व्यवसाईयो ने राजस्थान की सरकार से धार्मिक सांस्कृतिक और विवाह जैसे आयोजनों पर लगी रोक को हटाने और विवाह आयोजनों में सदस्य संख्या 11 से बढ़ाकर 200 किए जाने की मांग की है। जिससे कि मंदी की मार झेल रहे इस व्यवसाय को राहत मिल सके, साथ ही प्रदेश से पलायन कर रहे विवाह आयोजनों को रोका जा सके। विवाह आयोजनों से जुड़े अन्य व्यवसायियों को भी काम कर अपनी आजीविका चलाने का अवसर मिल सके। टेंट व्यवसाइयों ने सरकार से मांग किसान क्रेडिट कार्ड के जैसे टेन्ट कार्ड जारी किए जाए और आर्थिक मदद देने की मांग की है।

कोरोना में काल कलवित हुए साथियों को दी श्रद्धांजलि

जोधपुर में जुटे टेंट व्यवसाईयों ने कोरोना के विकट समय में कॉल कल वित्त हुए अपने साथी टेंट व्यापारियों के निधन पर संवेदना व्यक्त की। जोधपुर में सामूहिक श्रद्धांजलि कार्यक्रम में टेंट व्यवसाय के राष्ट्रीय अध्यक्ष की मौजूदगी में श्रद्धांजलि अर्पित कर उनकी आत्मा की शांति की कामना की गई। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.