Misbehavior: नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में शिक्षक को उम्रकैद की सजा
Misbehavior with Minor at Rajasthan. नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने शिक्षक को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
जयपुर, जेएनएन। राजस्थान के धौलपुर जिले के पॉक्सो कोर्ट ने यहां नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में सरकारी शिक्षक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही, कोर्ट ने शिक्षक पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
जानकारी के मुताबिक, यह घटना धौलपुर में करीब चार साल पहले 17 नवंबर, 2015 को हुई थी। एक नाबालिग अपने गांव जाने के लिए परिजनों के साथ बस का इंतजार कर रही थी। इसी दौरान परिवार के साथ जान पहचान रखने वाला राजकीय प्राथमिक विद्यालय रजौरा खुर्द में निुयक्त शिक्षक परीक्षित जाटव वहां आया और उसने परिजनों को भरोसा दिलाया कि वह नाबालिग को बस में बिठा देगा। भरोसे में आकर परिजनों ने नाबालिग को उसके साथ बाइक पर भेज दिया। इसके बाद आरोपित की नीयत बदल गई और वह नाबालिग को ओडिला रोड पर अपने रिश्तेदार के घर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया तथा पीड़िता को वापस परिजनों के पास छोड़ गया।
वारदात के कुछ महीने बाद नाबालिग गर्भवती हो गई। नाबालिग से परिजनों ने पूछताछ की। तब उसने इस घटना का खुलासा किया। इसके बाद परिजनों ने महिला थाने में परीक्षित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। इस मामले की जांच-पड़ताल के बाद पुलिस ने आरोपित को शीघ्र गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया, लेकिन बाद में आरोपित को जमानत मिल गई। इसके बाद में परीक्षित ने आरोपों को भी नकार दिया। इसके बाद पर आरोपित और नाबालिग के बच्चे के डीएनए का मिलान कराया गया, जो आरोपित से मिल गया। इसके बाद इस मामले की सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान और उपलब्ध साक्ष्यों और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने परीक्षित को दुष्कर्म का दोषी माना। इसके बाद पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश मुकेश त्यागी ने परीक्षित जाटव को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है।