राजस्थान में छात्रों को प्रताप गौरव केंद्र की यात्रा करने का फरमान
10वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं के लिए प्रताप गौरव केंद्र की यात्रा करना अनिवार्य कर दिया गया है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। सरकारी पत्रों पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र का लोगो लगाने के काम में जुटी राजस्थान की भाजपा सरकार ने एक नया फरमान जारी कर दिया है। इसके अनुसार, 10वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर से उदयपुर में तैयार कराए गए प्रताप गौरव केंद्र की यात्रा करना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे पहले कालेजों के विद्यार्थियों के लिए यह नियम अनिवार्य किया गया था।
इस यात्रा को शैक्षणिक भ्रमण नाम दिया गया है। कालेजों के लिए यह आदेश कालेज शिक्षा निदेशालय ने जारी किया था वहीं अब माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सभी संस्था प्रधानों को मौखिक तौर पर 10वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों को प्रताप गौरव केंद्र की यात्रा कराने के लिए कहा है। इस आदेश का आधार यह बनाया गया है कि विद्यार्थी संस्कार, संस्कृति, पर्यटन, वीरता, इतिहास की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
केंद्र भ्रमण का खर्च विद्यार्थियों व विद्यालयों को नहीं वहन करना पड़ेगा। बल्कि केंद्र में प्रवेश के लिए प्रति व्यक्ति लगने वाली 50 रुपये की फीस सरकारी कोष से दी जाएगी और कालेज से केंद्र तक का सफर राजस्थान रोडवेज की बसें मुफ्त में कराएंगी।
सरकार और कांग्रेस आमने-सामने
राज्य के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया का मानना है कि केंद्र की यात्रा से विद्यार्थियों को संपूर्ण ज्ञान मिलेगा। वहीं राज्य विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी का कहना है कि वसुंधरा राजे सरकार प्रदेश के छात्रों पर संघ की विचारधारा थोपना चाहती है। राजस्थान के पूर्व शिक्षा मंत्री व कांग्रेस नेता बृजकिशोर शर्मा कहते हैं कि राज्य व उदयपुर में महाराणा प्रताप से जुड़े कई ऐतिहासिक स्थल हैं लेकिन सरकार छात्रों को वहां न भेजकर संघ द्वारा विकसित केंद्र का भ्रमण कराने पर अड़ी है। संघ की विचारधारा से युवा पीढ़ी को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।
स्वयंसेवकों व सरकार के धन तैयार हुआ केंद्र
उदयपुर में प्रताप गौरव केंद्र करीब 30 बीघा जमीन में फैला हुआ है। इसका निर्माण कार्य 2008 में शुरू किया गया था। पिछले वर्ष संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इसका लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस म्यूजियम का अवलोकन कर चुके हैं। संघ ने करीब 100 करोड़ रुपये से इसे पूरा करने के लिए स्वयंसेवकों से धनराशि एकत्र की। वसुंधरा राजे सरकार ने भी धरोहर बचाओ प्राधिकरण के माध्यम से इस पर बजट खर्च किया। इस म्यूजियम में महाराणा प्रताप की कीर्ति और यश से जुड़े तथ्य दिखाने के साथ ही संघ से जुड़े तथ्य भी प्रदर्शित किए गए हैं। केंद्र का संचालन संघ के हाथ में है।