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Rajasthan: पहले बिना मान्यता दिए प्रवेश, अब डिग्री देने से किया इनकार

Mewar University मेवाड़ यूनिवर्सिटी के छात्र सुनील प्रजापत ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें प्रवेश से लेकर डिप्लोमा पूरा होने तक मान्यता को लेकर अनभिज्ञ रखा। मेवाड़ विश्वविद्यालय अब डिग्री देने से ही इनकार कर रहा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 09:14 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 09:14 PM (IST)
Rajasthan: पहले बिना मान्यता दिए प्रवेश, अब डिग्री देने से किया इनकार
मेवाड़ यूनिवर्सिटी पर डिप्लोमा कोर्स करने वाले विद्यार्थियों को डिग्री नहीं देने का आरोप।

उदयपुर, संवाद सूत्र। Mewar University: राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के इकलौते मेवाड़ विश्वविद्यालय में एनिमल हसबेन्ड्री का डिप्लोमा कोर्स करने वाले छात्र-छात्राएं इन दिनों बड़ी मुश्किल में हैं। बिना मान्यता के ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने इनको प्रवेश दे दिया और जब कोर्स पूरा होने को है तो डिग्री देने से इनकार कर

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दिया। विश्ववविद्यालय प्रशासन के हाथ खड़े करने के बाद प्रभावित विद्यार्थी सोमवार को जिला कलक्टर से मिलने पहुंचे तथा रक्त से लिखे पत्र उन्हें सौंपकर डिग्री दिलाए जाने की मांग की। मेवाड़ यूनिवर्सिटी के छात्र सुनील प्रजापत ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें प्रवेश से लेकर डिप्लोमा पूरा होने तक मान्यता को लेकर अनभिज्ञ रखा।

छात्र संजय गरासिया व नरेश मीणा का कहना था कि कई छात्र डिप्लोमा करने के लिए सुदूर आदिवासी क्षेत्र डूंगरपुर, बांसवाड़ा और फलासिया क्षेत्र से मेवाड़ विश्वविद्यालय से डिप्लोमा करने पहुंचे थे। जिनमें से कई विद्यार्थियों के माता-पिता दिहाड़ी मजदूर हैं तथा जिस दिन दिहाड़ी नहीं मिलती, उस दिन खाना नहीं पकता। इसके बावजूद घर तथा अचल संपत्ति के नाम पर जो जमीन का टुकड़ा था, उसे गिरवी रखकर विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। पूरा साल निकलने के बाद जब डिग्री देने का समय आया तो विश्वविद्यालय इनकार कर रहा है। जिस पर विश्वविद्यालय से एनिमल हसबेन्ड्री विषय से डिप्लोमा पूरा कर चुके विद्यार्थी सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक पहलवान सालवी तथा छात्र नेता रतन वैष्णव के साथ जिला कलेक्टर से मिले और अपनी पीड़ा से अवगत कराया।

जिला कलेक्टर ने गंगरार के उपखंड अधिकारी को इस मामले में जांच अधिकारी नियुक्त कर आश्वस्त किया कि अगले दस दिन में उनकी समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। जबकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दस दिन के बाद भी छात्र-छात्राओं की समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। जिला कलेक्टर से मुलाकात करने वालों में गोविन्द इनाणी, अरूण चंदेल, दशरथ धाकड़, करण माली आदि शामिल थे।


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