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Rajasthan: जुबान फिसलने के कारण चर्चा में है कांग्रेस और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, पूनिया पार्टी प्रत्याशी का नाम ही भूले

जुबान फिसलने के कारण चर्चा में है कांग्रेस और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पूनिया पार्टी प्रत्याशी का नाम ही भूले डोटासरा कई बार विवादास्पद बयान दे चुके हैं कन्हैयालाल के पिता गौतम लाल मीणा के निधन के कारण 30 अक्टूबर को चुनाव हो रहे हैं।

By Priti JhaEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 03:01 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 03:01 PM (IST)
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया अपनी जुबान फिसलने से चर्चा में है।

जागरण संवाददाता,जयपुर। राजस्थान में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया अपनी जुबान फिसलने से चर्चा में है। पूनिया इन दिनों धरियावद विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव में पार्टी प्रत्याशी खेत सिंह के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं। वह जगह-जगह सभाएं करने के साथ ही कार्यकर्ता सम्मेलन को भी संबोधित कर रहे हैं। राज्य की कांग्रेस सरकार पर लगातार हमला बोल रहे पूनिया की खुद की जुबान ऐसी फिसली की उन्हे बार-बार सफाई देनी पड़ रही है।

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दरअसल, एक दिन पहले खेत सिंह के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे थे इसी दौरान उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि धरियावद की जनता भाजपा के प्रत्याशी कन्हैयालाल मीणा के समर्थन में खड़ी है और वह जीतेंगे। यह बात उन्होंने दो बार दोहराई। जब पास खड़े एक कार्यकर्ता ने उन्हे गलती पर ध्यान दिलाया कि पार्टी प्रत्याशी कन्हैयालाल नहीं बल्कि खेत सिंह है तो फिर उन्हे अपनी गलती का अहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने कहा, खेत सिंह चुनाव जीतेंगे।

उल्लेखनीय है कि कन्हैयालाल के पिता गौतम लाल मीणा के निधन के कारण 30 अक्टूबर को चुनाव हो रहे हैं। अपने पिता के निधन से रिक्त हुई सीट पर कन्हैयालाल टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने खेत सिंह को प्रत्याशी बनाया है। उधर डोटासरा पिछले छह माह में कई बार अपनी जुबान फिसलने के कारण चर्चा में रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि जिस सरकारी स्कूल में महिला स्टाफ ज्यादा होता है, वहां झगड़े होते हैं। इन झगड़ों के कारण प्रधानाध्यापक को सिरदर्द दूर करने के लिए सैरीडॉन की गोली लेनी पड़ती है।

इससे पहले उन्होंने उदयपुर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए डोटासरा ने कहा था कि सावरकर ने वर्ष 2011 और 2013 में दया याचिका लिखी थी। जबकि महात्मा गांधी वर्ष 2015 में दक्षिण अफ्रीका से भारत आए थे। राज्य के शिक्षामंत्री का भी प्रभार संभाल रहे डोटासरा द्वारा साल और महापुरूषों के लिए विवादास्पद बयानबाजी करने पर भाजपा सहित अन्य सामाजिक संस्थाओं ने उनकी आलोचना की थी। अपने आवास पर मिलने पहुंचे शिक्षकों से उन्होंने राजस्थानी कहावत में कहा था कि मेरे घर को नाथी का बाड़ा (समय पास करने का स्थान ) समझ रखा है क्या ? 


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