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Rajya Sabha Election 2020: राजस्थान में एसओजी व एसीबी ने विधायकों के प्रलोभन मामले की जांच शुरू की

Rajya Sabha Election 2020 राजस्थान में एसओजी व एसीबी ने विधायकों के प्रलोभन मामले की जांच शुरू की है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 10:16 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 10:16 PM (IST)
Rajya Sabha Election 2020: राजस्थान में एसओजी व एसीबी ने विधायकों के प्रलोभन मामले की जांच शुरू की
Rajya Sabha Election 2020: राजस्थान में एसओजी व एसीबी ने विधायकों के प्रलोभन मामले की जांच शुरू की

जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajya Sabha Election 2020: राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों को लेकर 19 जून को होने वाले चुनाव में प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने प्रलोभान की शिकायत दर्ज होने के बाद जांच शुरू की है। राज्य सरकार ने मामले की जांच इन दोनों एजेंसियों को सौंपी है। राज्य विधानसभा में सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने इस संबंध में दोनों एजेंसियों में शिकायत की थी।

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शुक्रवार को सीएम गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे सहित चार राष्ट्रीय सचिवों ने दो बार विधायकों के साथ बैठक की। इन विधायकों को गुरुवार से ही दिल्ली रोड स्थित एक रिसॉर्ट में रखा गया था। शुक्रवार देर शाम सभी विधायकों को दूसरी होटल में शिफ्ट कर दिया गया। दो दौर की बैठक में तय किया गया कि अब राज्यसभा के चुनाव संपन्न होने तक विधायक होटल में ही रहेंगे।

एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि गोपनीय जांच होने के बाद रिपोर्ट दर्ज की गई है। एसीबी व एसओजी में शिकायत की गई कि भाजपा ने राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की है। कांग्रेस व निर्दलीय विधायकों को प्रलोभन दिया गया। उधर. पायलट के खास समर्थक खाघ एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा लगातार दूसरे दिन बैठक में नहीं पहुंचे। वे कुछ दिनों से असंतुष्ट चल रहे हैं  हालांकि इस बारे में ना तो मीणा ने अधिकारिक रूप से कुछ कहा और ना ही कांग्रेस नेतृत्व ने प्रतिक्रिया दी।

कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप

सीएम गहलोत ने केंद्र और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्यसभा चुनाव दो माह पहले हो सकते थे, लेकिन उस वक्त भाजपा की खरीद- फरोख्त पूरी नहीं हुई थी। गहलोत ने कहा कि कौन दर्द बांट रहा और कौन दवा इसे देखना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि केवल पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ही देश चला रहे हैं। इन लोगों का लोकतंत्र में यकीन नहीं है। चुनाव को लेकर प्रदेश में कांग्रेस विधायकों की बाड़ाबंदी के बाद बढ़ रही हलचल के बीच शुक्रवार को गहलोत, पायलट, राज्यसभा चुनाव के कांग्रेस के पर्यवेक्षक रणदीप सुरजेवाला, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और राज्यसभा प्रत्याशी केसी वेणुगोपाल ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा और केंद्र सरकार पर हमला बोला। इन नेताओं ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा पर विधायकों को प्रलोभन देने का आरोप लगाया।

इन नेताओं ने कहा कि भाजपा चुनाव में समर्थन लेने के लिए विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग में लगी है। कोरोना काल में भी सरकारें तोड़ने का षड्यंत्र कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी विधायक एकजुट है। हमारे दोनों उम्मीदवार जीतेंगे। कांग्रेस के खुद के 107 व 13 निर्दलीय और 2 बीटीपी के विधायक साथ आ चुके है। गहलोत ने कहा सीताराम येचुरी से हमने आग्रह किया है सीपीएम के 2 विधायकों का भी समर्थन हमें मिले। सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र का चीर हरण ही भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा बन गया है।

देर शाम हुई दूसरे दौर की बैठक में सभी विधायकों को एकजुट रहने की कसम दिलाई गई। उधर, भाजपा के 72 और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायक एक साथ हैं। भाजपा ने राजेंद्र गहलोत व ओंकार सिंह लखावत को मैदान में उतारा है।

पूनिया बोले, पॉलिटिकल ड्रामा हो रहा है

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीएम गहलोत विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर पॉलिटिकल ड्रामा कर रहे हैं। गहलोत के पास विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग के कोई सुबूत है तो साबित करें, नहीं तो प्रदेश की जनता व विधायकों से माफी मांगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की तरफ से किसी विधायकों को किसी भी तरह का ऑफर नहीं दिया गया है। 


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