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Rajasthan: जीवन रक्षक उपकरणों की खरीद बजट 600 करोड़, खर्च हुए मात्र 15 करोड़, 33 में से 22 जिलों में नहीं हुआ पैसा खर्च

जीवन रक्षक उपकरणों की खरीद का बजट 600 करोड़लेकिन खर्च हुए मात्र 15 करोड़। जयपुर में कोरोना का सबसे अधिक प्रकोप होने के बावजूद यहां मात्र 2 करोड़ के उपकरणों की खरीद हुई है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 10:21 AM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 12:11 PM (IST)
Rajasthan: जीवन रक्षक उपकरणों की खरीद बजट 600 करोड़, खर्च हुए मात्र 15 करोड़, 33 में से 22 जिलों में नहीं हुआ पैसा खर्च

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में सरकारी चिकित्सा संस्थानों को कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए उपलबध कराए गए 600 करोड़ रुपये के बजट में से मात्र 15 करोड़ का ही उपयोग हो सका है। प्रदेश के 33 में से 22 जिलों में अभी तक बजट से एक रुपया भी खर्च नहीं किया गया। जिलों के अस्पतालों में वेंटिलेटर सहित अन्य जीवन रक्षक उपकरणों की खरीद के लिए राज्य सरकार ने डिस्ट्रिक मिनरल फांउडेशन के जरिए 600 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया था। लेकिन 22 जिलों ने बजट उपलब्ध कराने के बावजूद उपयोग नहीं किया। चिकित्सा विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार अब तक 11 जिलों ने मात्र 15 करोड़ रुपये ही खर्च किए हैं ।

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चिकित्सा मंत्री की नहीं सुन रहे अफसर

इस बजट से मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों व जिला अस्पतालों में वेंटिलेटर, बाइपैप मशीन, कोरोना जांच प्रयोगशालाओं के लिए उपकरण खरीदे जाने थे। लेकिन 22 जिलों में अब तक इन जीवन रक्षक उपकरणों की खरीद नहीं हो सकी है। जयपुर में कोरोना का सबसे अधिक प्रकोप होने के बावजूद यहां मात्र 2 करोड़ के उपकरणों की खरीद हुई है। कोरोना के केंद्र बने जोधपुर, उदयपुर व कोटा जिलों में खरीद ही नहीं हुई।

चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने कई बार जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इस बजट का उपयोग कर आवश्यक उपकरणों की खरीद के निर्देश दिए, लेकिन मई के दूसरे सप्ताह तक अधिकांश जिलों ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण के खिलाफ आम आदमी और स्वयंसेवी संगठनों से लेकर सरकार तक एकजुट हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए बड़ी संख्या में दानदाताओं ने सीएम राहत कोष में मदद की है। वहीं सरकारी अधिकारी हैं कि बजट उपलब्ध होने के बावजूद इसका उपयोग नहीं कर रहे हैं।

जानकारी के अनुसार भीलवाड़ा, अजमेर, झुंझुनूं, नागौर, पाली, भरतपुर, डूंगरपुर, राजसमंद, चूरू व जयपुर जिलों में ही कुछ हद तक बजट खर्च किया गया है। शेष 22 जिलों में एक रुपये भी खर्च नहीं हुआ। 


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