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Rajasthan: रणथंभौर में टाइगर के हमले में चरवाहे की मौत

Tiger attack In Ranthambore रणथंभौर टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर टीकमचंद वर्मा ने बताया कि बालेर रेंज के कानेड़ गांव में 40 वर्षीय पप्पू गुर्जर की टाइगर के हमले में ही मौत हुई है। उन्होंने कहा कि किस टाइगर ने पप्पू गुर्जर पर हमल किया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 08:35 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 08:35 PM (IST)
रणथंभौर में टाइगर के हमले में चरवाहे की मौत। फाइल फोटो

जयपुर, जागरण संवाददाता। Tiger attack In Ranthambore: राजस्थान के सवाईमाधोपुर में स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बृहस्पतिवार सुबह एक टाइगर ने चरवाहे पर हमला कर दिया। हमले में चरवाहे की मौत हो गई। टाइगर के हमले से चरवाहे की मौत से नाराज ग्रामीणों ने शव लेकर धरना दिया, हालांकि बाद में प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश के बाद वे उठ गए। ग्रामीण मृतक चरवाहे पप्पू गुर्जर के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रहे थे, प्रशासन ने चार लाख का मुआवजा देने की आश्वास दिया। रणथंभौर के बालेर रेंज में सुबह पप्पू गुर्जर पशु चराने गया था। इसी दौरान वहां आए एक टाइगर ने अचानक उस पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

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फिलहाल, यह पता नहीं चल सका कि हमला करने वाला टाइगर कौनसा है। चरवाहे पर हमला करने के बाद टाइगर जंगल में चला गया। टाइगर ने चरवाहे से पहले वन विभाग की ट्रैकिंग टीम पर भी हमला किया था, लेकिन इस टीम के सदस्य तो बच गए। रणथंभौर टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर टीकमचंद वर्मा ने बताया कि बालेर रेंज के कानेड़ गांव में 40 वर्षीय पप्पू गुर्जर की टाइगर के हमले में ही मौत हुई है। उन्होंने कहा कि किस टाइगर ने पप्पू गुर्जर पर हमल किया, उसकी पहचान अभी नहीं हो सकी है। जिस इलाके में यह घटना हुई उधर पहले भी टाइगर जाते रहे हैं, ग्रामीणों को वन विभाग ने सावधान किया था। यह गांव राजस्व भूमि में बसा हुआ है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी रणथंभौर में टाइगर के हमले के कई मामले सामने आ चुके हैं। प्रतिवर्ष सर्दियों के मौसम में फसल बड़ी होती है। ऐसे में टाइगर एक जंगल से दूसरे जंगल जाते हैं। इस दौरान उनका इंसानों से टकराव हो जाता है। 

गौरतलब है कि चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा-चित्तौड़गढ़ मार्ग स्थित मुकुंदरा अभयारण्य से बुधवार को सड़क पर निकला भालू का बच्चा वाहन की चपेट में आ गया और उसकी मौके पर मौत हो गई। इस अभयारण्य की चारदीवारी टूटने के चलते यह हादसा हुआ। भालू के बच्चे की मौत को लेकर वन्यजीव प्रेमियों ने दुख जताया है और इसके लिए वन विभाग को जिम्मेदार बताया है। उनका कहना है जिस टूटी दीवार से होकर भालू का बच्चा सड़क पर आया, उसकी मरम्मत के लिए कई बार शिकायत की जा चुकी है। भालू के बच्चे की मौत की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। बताया गया कि मृत भालू का बच्चा दो साल का होगा, जो किसी वाहन की चपेट में आ गया।


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