School Reopen In Rajasthan: राजस्थान में 10 माह बाद खुले स्कूल और कॉलेज
School Reopen In Rajasthan राजस्थान के करीब 30 हजार सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में नौ से 12 तक की कक्षाओं में सोमवार से अध्यापन कार्य शुरू हुआ। स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्टूडेंट्स को बिठाया गया। स्कूलों में मुख्यद्वार पर सैनिटाइजेशन का प्रबंध किया गया था।
जयपुर/अजमेर, जेएनएन। School Reopen In Rajasthan: कोरोना महामारी के कारण 10 माह से बंद राजस्थान के स्कूल, कॉलेज व कोचिंग इंस्टीट्यूट्स सोमवार को खुले। खुलते ही इनमें रौनक लौट आई। प्रदेश के करीब 30 हजार सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में नौ से 12 तक की कक्षाओं में सोमवार से अध्यापन कार्य शुरू हुआ। स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्टूडेंट्स को बिठाया गया। स्कूलों में मुख्यद्वार पर सैनिटाइजेशन का प्रबंध किया गया था। क्लासरूम में कुल क्षमता से आधे स्टूडेंट्स को बिठाया गया। मास्क लगे हुए स्टूडेंट्स को ही स्कूलों में प्रवेश दिया गया। कुछ स्कूलों में मुख्य द्वार पर मास्क भी वितरित किए जा रहे थे।
सरकार की अनुमति के बाद जहां एक तरफ स्कूल खुले, वहीं दूसरी तरफ अभिभावक अभी को हड़बड़ी नहीं करना चाहते। यही कारण रहा कि पहले दिन 20 से 25 फीसदी स्टूडेंट्स की स्कूलों में पहुंचे। देश में कोचिंग हब के रूप में प्रसिद्ध कोटा में भी रौनक लौटने लगी है। सोमवार से कोचिंग इंस्टीटयूट्स में क्लास शुरू हो गई। यहां आइआइटी, मेडिकल सहित अन्य प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए स्टूडेंट्स के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। करीब 10 माह पहले लॉकडाउन लागू होते ही जो स्टूडेंट्स अपने घर चले गए थे, वे पिछले तीन दिन से कोटा पहुंचने लगे। सोमवार से कोचिंग क्लास शुरू हुई।
कोटा के रेलेव स्टेशन,बस स्टैंड और कोचिंग संस्थानों की एडमिशन डेस्क पर स्टूडेंट्स व उनके अभिभावकों की भीड़ नजर आने लगी है। यहां हर साल करीब डेढ़ लाख स्टूडेंट्स कोचिंग के लिए आते हैं। लॉकडाउन से पहले इतने ही स्टूडेंट्स यहां थे, जो बाद में अपने घर चले गए थे। करीब 25 हजार स्टूडेंट्स कोरोनाकाल में भी यहीं रहकर पढ़ाई कर रहे थे। इनमें से अधिकांश स्टूडेंट्स अपने अभिभावकों के साथ यहां रह रहे थे। गौरतलब है कि कोटा में कोचिंग इंस्टीटयूट्स को सालाना करीब तीन हजार करोड़ रुपये का कारोबार है। यहां 10 बड़े कोचिंग संस्थानों के साथ ही 50 छोटे संस्थान व व्यक्तिगत कोचिंग क्लासेज हैं। कोटा में तीन हजार हॉस्टल्स, 25 हजार से अधिक पीजी रूम्स और 1800 मैस संचालित हैं। करीब दो लाख लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला हुआ है।
स्कूल और कॉलेजों में फिर से लौटी रौनक
अजमेर, संवाद सूत्र। राज्य सरकार के निर्देश पर प्रदेश के कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए प्रदेश के विद्यालय सोमवार से खुल गए। राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अघिकारी और बोर्ड के सचिव-अरविन्द कुमार सेंगवा ने पहले ही दिन राजकीय सीनियर सैकण्डरी स्कूल बालुपुरा, अजमेर की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि विद्यालय में विद्यार्थियों के लिए राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप सोशल डिस्टेसिंग के तहत दो-दो गज की दूरी पर बैठक व्यवस्था की गई थी। कक्षा-कक्षों में पूर्णतयः सफाई और सैनेिटाइजर की व्यवस्था की गई थी। सभी विद्यार्थी और शिक्षक मास्क का उपयोग कर रहे थे। उन्होंने विद्यालय की प्राचार्य विमला सिंह को निर्देशित किया कि विद्यालय के ग्राउंड में पड़े कचरे का शीघ्र निस्तारण किया जाए।
विद्यालय की प्राचार्य ने बताया कि बोर्ड कक्षा के विद्यार्थियों की अध्ययन संबंधी शंकाओं का निवारण शिक्षक विद्यालय समय में गत दो माह से कर रहे है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए की गई कोविड सुरक्षा व्यवस्था से शिक्षक व्यक्तिशः अभिभावकों से संवाद कर रहे हैं, ताकि अभिभावकों में अपने बच्चों को विद्यालया भेजने के प्रति कोविड से भय मुक्ति मिले। राजस्थान के तमाम सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों और कॉलेजों को 10 माह बाद फिर से खोलने की अनुमति सरकार द्वारा जारी कर दी गई है। 18 जनवरी को प्रदेश भर के समस्त विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, स्कूल, ओर कोचिंग सेंटर्स में छात्र.छात्राओं की उपस्थिति के साथ रौनक लौट आई।
सहायक जिला कलेक्टर कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक एक कक्षा में 20 से ज्यादा छात्र छात्राओं को नहीं बैठाने के निर्देश दिए गए हैं। 50 छात्र छात्राओं को ही एक बार में बुलाया जाएगा। स्कूलों में थर्मल स्कैनिंग। सैनिटाइजेशन। और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा। यह नियम तमाम विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, स्कूल और कोचिंग सेंटर पर लागू रहेंगे। सरकार द्वारा 10 महीने बाद स्कूल कॉलेजों को खोलने की अनुमति के साथ ही तमाम कॉलेज और स्कूलों में 50 छात्र-छात्राओं की उपस्थिति के साथ पढ़ाई का दौर भी शुरू हो गया।।
राजकीय कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य उमेश भार्गव ने बताया कि महाविद्यालय में थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही छात्राओं को प्रवेश दिया जा रहा है। साथ ही उनके हाथों को सैनिटाइज कराया जा रहा है और जिनके पास मास्क नहीं है उन्हें मास्क भी प्रदान किए जा रहे हैं। क्लास रूम में अल्फाबेटिक के हिसाब से ए से एम तक की छात्राओं को पहले 3 दिन और एन से जेड तक की छात्राओं को अगले 3 दिन पढ़ाई के लिए बुलाया जा रहा है। सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक तमाम व्यवस्थाएं सुचारू चल रही हैं। इसी तरह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पुलिस लाइन में भी स्कूल खोलने की अनुमति के साथ तमाम व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित की जा रही है। प्रधानाचार्य विमला सिंह ने बताया कि छात्र.छात्राओं को पूरी एहतियात के साथ थर्मल स्कैनिंग करने के बाद हाथों को सैनिटाइज करा कर ही कक्षा में प्रवेश दिया जा रहा है।