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भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने कहा- मैं षड़यंत्रों से डरने वाला नहीं, मैंने कोई गलती नहीं की

कहा कि बाइस साल पुराने लैटर को वायरल कर मेरे खिलाफ षड़यंत्र किया गया है। जिससे मैं डरने वाला नहीं हूं। मैंने तब पत्र लिखकर कोई गलती नहीं की थी। ऐसा होता तो मुझे पार्टी में नेतृत्व के अवसर नहीं मिलते और ना ही प्रदेश अध्यक्ष होता।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 29 Jun 2021 08:53 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jun 2021 09:49 PM (IST)
जो लोग पार्टी में रहकर विरोध में काम कर रहे हैं, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई तय।

 उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि बाइस साल पुराने लैटर को वायरल कर मेरे खिलाफ षड़यंत्र किया गया है। जिससे मैं डरने वाला नहीं हूं। मैंने तब पत्र लिखकर कोई गलती नहीं की थी। ऐसा होता तो मुझे पार्टी में नेतृत्व के अवसर नहीं मिलते और ना ही प्रदेश अध्यक्ष होता। जल्द ही उन लोगों का पता चल जाएगा, जो इस षड़यंत्र का हिस्सा हैं और उनके खिलाफ पार्टी सख्त कार्रवाई करेगी। भाजपा अध्यक्ष पूनिया मंगलवार को उदयपुर में पत्रकारों से बात कर रहे थे।

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उन्होंने 22 साल पहले पार्टी नेतृत्व को लिखे पत्र को लेकर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने तत्कालीन परिस्थिति के आधार पर आलाकमान को पत्र लिखकर पीड़ा बताई थी। उनके अनुसार वह तात्कालिक परिस्थति के अनुसार सही था। आज भी पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए काम करते हैं और भविष्य में काम करते रहेंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि इस पत्र को 22 साल बाद वायरल करना एक सुनियोजित षड़यंत्र है। जिन लोगों ने यह काम किया, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि उसके बाद पार्टी ने मेरे कामकाज को देखकर भाजयुमो का महामंत्री और अध्यक्ष बनाया। पंजाब में प्रभारी के रूप में काम सौंपा और अब प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी निभा रहे हैं। अगर उनका पत्र लिखना गलत था तो वह फांसी पर चढ़ने को तैयार हैं। जो लोग पार्टी में रहकर पार्टी के विरोध में काम कर रहे हैं, यह तय है कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।

नया नेतृत्व के लिए तैयारी में जुटी पार्टी

प्रदेश अध्यक्ष पूनिया ने कहा कि भाजपा ने संगठनात्मक नेतृत्व के लिए उम्र तय करना शुरू कर दिया है। अब पैंतीस वर्ष तक का कार्यकर्ता ही भाजयुमो में पदाधिकारी होगा। इससे अधिक उम्र के लोगों को दूसरे काम सौंपे जाएंगे। इसी तरह राज्य में भी नया नेतृत्व लाए जाने को लेकर पार्टी गंभीर है। जहां तक पार्टी में मुख्यमंत्री का चेहरा तय किए जाने का सवाल है, यह मौजूदा परिस्थिति में ठीक नहीं। फिलहाल ना तो कोई चुनाव हैं और ना ही ऐसी स्थिति की पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा तय करना हो। प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह इस बारे में साफ कर चुके हैं। हालांकि पार्टी प्रदेश में नया नेतृत्व लाए जाने को लेकर बेहद गंभीर है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं को उनकी उम्र के आधार पर राज्यपाल सहित दूसरे काम सौंपे जा रहे हैं।

कांग्रेस में जारी है लड़ाई, अपनी संभल नहीं रही तो हम पर लगा रहे आरोप

सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए असल लड़ाई कांग्रेस में जारी है और इसे बच्चा—बच्चा तक जानता है। पार्टी में मेहनत पायलट ने की और उनके आलाकमान तक पहुंच के चलते अशोक गहलोत मुख्यमंत्री पद पर काबिज हो गए। कांग्रेस की अंतर्कलह में भाजपा का कोई हाथ नहीं। उनके विधायक हेमाराम जाट का इस्तीफा तथा उनके नेताओं के बयान जाहिर करते हैं कि वहां अंतर्कलह जारी है। हमारा तो यह मानना है कि उनके अंतर्कलह से राज्य में मध्यावधि चुनाव की परिस्थिति पैदा होगी और इम इसके लिए तैयार हैं। जुगाड़ की सरकार आखिर कब तक चलेगी। ढाई साल से राजस्थान को लुटी—पिटी सरकार, नैतिक रूप से कमजोर तथा रैंगने वाली सरकार चला रही है। यह कब तक चलेगा। यदि राज्य में मध्यावधि चुनाव हुए तो यह तय है कि भाजपा की सरकार कांग्रेस की तरह धींगामस्ती की सरकार नहीं होगी।


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