सचिन पायलटट ने गहलोत सरकार को किया टारगेट, पूर्वी राजस्थान पर पकड़ कायम रखने की चली चाल
गहलोत पायलट के प्रभाव वाले पूर्वी राजस्थान में अपने निकटस्थ मंत्रियों व अधिकारियों को प्रभारी बनाकर खुद की पकड़ मजबूत करने में जुटे हैं पायलट अपनी ही सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चला सियासी संग्राम ऊपरी तौर पर तो शांत हो गया, लेकिन दोनों ही नेता एक-दूसरे को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। गहलोत जहां पायलट के प्रभाव वाले पूर्वी राजस्थान में अपने निकटस्थ मंत्रियों व अधिकारियों को प्रभारी बनाकर खुद की पकड़ मजबूत करने में जुटे हैं। वहीं पायलट अपनी ही सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। प्रदेश में गुर्जर आरक्षण आंदोलन की आग फिर सुलगती दिखाई दे रही है।
गुर्जर समाज ने 17 अक्टूबर को करौली में महापंचायत करने की घोषणा की है। इसी मुद्दे को लेकर सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर चुनावी वादा याद दिलाया है। इस पत्र में पायलट ने राज्य सरकार की ओर से निकाली गई भर्तियों में गुर्जर सहित पांच जातियों के लिए तय किये गए अति पिछड़ा वर्ग को 5 प्रतिशत आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिलने जिक्र किया है। पायलट ने इसके साथ ही कहा कि देवनारायण बोर्ड के तहत आने वाले विकास कार्य भी ठप्प पड़े हैं।
उन्होंने इन दोनों मसलों पर राज्य सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की। पायलट की ओर से इस पत्र को सीएम को भेजे जाने के बाद की राजनीतिक हल्कों में एक बार फिर चर्चा का दौर चल पड़ा। उसके बाद हाल ही में गुर्जर आरक्षण आंदोलन को लेकर हो रही सुगबुगाहट ने सरकार के कान खड़े कर दिये हैं। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने अति पिछड़ा वर्ग को सरकारी नौकरियों में सही लाभ नहीं मिलने का आरोप लगाया है। पायलट ने अति पिछड़ा वर्ग का मुद्दा उठाकर गहलोत सरकार को घेरने का प्रयास किया ।
वहीं पूर्वी राजस्थान नगर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग कर खुद का इस क्षेत्र में प्रभाव कायम रखने की चाल चली है। गुर्जर व मीणा बहुल पूर्वी राजस्थान में पायलट का काफी प्रभाव माना जाता है। पायलट ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की।
पायलट ने इस पत्र में कहा है कि परियोजना पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की जीवनरेखा बन सकती है। पायलट ने इस मांग के जरिये कृषि और पशुपालन सेक्टर से लोगों को टारगेट पर रखा है। प्रदेश में संभवतया इसी माह जिला परिषद और स्थानीय निकायों के चुनाव प्रस्तावित हैं। ऐसे हालत में पायलट की ये दोनों मांगें काफी अहम हो जाती है।